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बागबेड़ा ग्रामीण जलापूर्ति योजना में बरती जा रही भारी अनियमितता : सुबोध झा

जमशेदपुर। बागबेड़ा महानगर विकास समिति के अध्यक्ष सुबोध झा के नेतृत्व में पेयजल एवं स्वच्छता विभाग के सचिव के माध्यम से झारखंड के मुख्यमंत्री के नाम मांग पत्र सौंपा गया था .जलापूर्ति योजना का निर्माण कार्य 2015 में शुरू हुआ और 2018 तक सभी घरों में घर-घर पानी पहुंचाने का आदेश हुआ जिसके तहत ₹450 और ₹225 करके जनता से पेयजल एवं स्वच्छता विभाग के आदेश पर जल सहिया कमेटी के द्वारा पैसे की वसूली की गई। पर आज 2022 हो गया आज तक यह योजना आधी अधूरी पड़ी हुई है.
सुबोध झा के नेतृत्व में 477 बार धरना प्रदर्शन घेराव भूख हड़ताल आमरण अनशन लोकसभा का बहिष्कार जैसे सैकड़ों आंदोलन किए गए। 6 बार विधानसभा घेराव दो बार राजभवन घेराव ,एक बार जमशेदपुर से रांची तक पदयात्रा कर विधानसभा का घेराव किया गया, 21 मार्च 20 से 22 को जमशेदपुर से दिल्ली की पदयात्रा की जा रही थी सरकार के आदेश पर कि 223 में घर-घर पानी हम उपलब्ध कराएंगे लिखित आश्वासन के बाद दिल्ली की पदयात्रा स्थगित की गई थी। समिति की ओर से कई प्रकार के आंदोलन किए गए इसके बाद भी यह योजना आज तक धरातल पर नहीं उतरी 237 करोड़ की यह योजना से जनता को लाभ भी नहीं मिला और यह ध्वज या योजना भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ गई। इस योजना को आधी अधूरी कर छोड़ देने के कारण फिल्टर प्लांट ध्वस्त हो रहे हैं ,बागबेड़ा के बरोदा घाट में 22 पाया के निर्माण होने हैं जिसमें से 14 पाया में से दो पाया नदी में गिर चुके हैं, रेलवे ट्रैक से नीचे से पाइप लाइन लाना है ,इसका एनओसी नहीं मिला है, फॉरेस्ट विभाग से एनओसी प्राप्त नहीं हुई है । सुबोध झा ने कहा बड़े पैमाने पर आंदोलन होने पर il&fs कॉन्टैक्टर को ब्लैक लिस्टेड कार पुणे नया टेंडर 50 करोड़ की लागत से किया गया है। और अभी तक विभाग के द्वारा कार्य का शुभारंभ नहीं किया गया है। बागबेड़ा ग्रामीण जलापूर्ति योजना के अंतर्गत पाइपलाइन बिछाने के क्रम में सैकड़ों जगह सड़क पर गड्ढे खोदकर छोड़ दिए गए हैं। प्रत्येक दिन दुर्घटना के शिकार आम जनता हो रही है। रेलवे क्षेत्र की बस्तियों में सड़कों पर गड्ढे खोदकर छोड़ दिए गए हैं। रेलवे क्षेत्र की बस्तियों में घर-घर पाइप लाइन का कनेक्शन भी अभी तक नहीं दिया गया है। और जनता से पैसे भी ले लिए गए हैं। इस प्रकार से इस पैसे की बंदरबांट हो गई सरकार के फंड का दुरुपयोग हो गया बड़े पैमाने पर आंदोलन के बाद इस योजना को पुनः धरातल पर लाने के लिए ₹500000000 का टेंडर किया गया है मुख्य सचिव से मिला गया और उन्हें जानकारी दी गई ।उन्होंने शपथ पत्र दाखिल करने को कहा है सभी डाक्यूमेंट्स सूचना के अधिकार के तहत मांगी गई है जो अवर सचिव श्री राकेश चंद्र के द्वारा 10 नवंबर को प्राप्त पत्र के माध्यम से पेयजल एवं स्वच्छता विभाग के सचिव महोदय को उपलब्ध कराई जाएगी शपथ पत्र के माध्यम से और भ्रष्टाचार जहां-जहां हुआ है। इसकी भी पूरी विस्तृत रिपोर्ट की जानकारी दी जाएगी।
पेयजल एवं स्वच्छता विभाग के मंत्री मिथिलेश ठाकुर से भी समिति के अध्यक्ष सुबोध झा के नेतृत्व में सदस्यगण 20,9,22 को रांची में जाकर मिले थे। उन्होंने तत्काल कार्य का शुभारंभ करने को कहे थे। दिए गए पत्र की भी फोटोकॉपी साथ में संलग्न है।

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