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टाटा ट्रस्ट्स कैंसर केयर प्रोग्राम के तहत फाइज़र ने रिम्स समेत अन्य अस्पतालों में एनसीडी एवं कैंसर के लिए करीब 70,000 का किया नामांकन व जाँच

वर्चुअल पेशेंट हेल्पडेस्क 50,000 से ज़्यादा मरीज़ों के साथ जुड़ा हुआ है। 5000 से ज़्यादा चिकित्सकों और आशा कार्यकर्ताओं को पैलीएटिव केयर सर्विस का प्रशिक्षण दिया गया

जमशेदपुर। फाइजर ने बताया कि वर्ष 2020 से टाटा ट्रस्ट्स कैंसर केयर प्रोग्राम को दिए उसके सहयोग से असम, झारखंड और आंध्र प्रदेश में गैर-संचारी रोगों (एनसीडी) और कैंसर के लिए 70,000 लोगों का नामांकन और उनकी जांच करने में मदद मिली है। फाइजर ने टाटा ट्रस्ट्स के स्पेशल पर्पज व्हीकल, अलामेलु चैरिटेबल फाउंडेशन (एसीएफ) के साथ भागीदारी की है। इस भागीदारी के तहत हेल्थ एंड वेलनेस कियोस्क लगाने के साथ ही सामुदायिक स्क्रीनिंग और वर्चुअल पेशेंट हेल्पडेस्क की सुविधा स्थापित करने में सहायता दी जाएगी।

इस कार्यक्रम की अब तक की उपलब्धियों के बारे में फाइज़र लिमिटेड के प्रबंध निदेशक, एस श्रीधर ने कहा, ‘टाटा ट्रस्ट्स कैंसर केयर प्रोग्राम के साथ भागीदारी से हमें बीमारी का जल्दी पता लगाने में मदद मिली है, जिससे मरीज़ों को सही इलाज देकर बेहतर परिणाम हासिल करना संभव हुआ है। पहले वर्ष में हासिल किए गए परिणामों पर हमें गर्व है। हम असम के भीतर और उत्तर पूर्व के अन्य शहरों के साथ ही भारत के अन्य इलाकों में इस कार्यक्रम का विस्तार करने के लिए तत्पर हैं।’

टाटा ट्रस्ट्स के कैंसर केयर प्रोग्राम के चीफ एग्जीक्यूटिव डॉ संजीव चोपड़ा ने कहा, ‘टाटा ट्रस्ट्स के कैंसर केयर प्रोग्राम के ज़रिए आउटरीच, टैक्नोलॉजी, वित्तीय सहायता और दूसरी कई पहलों सहित देखभाल से जुड़े सभी क्षेत्रों में सहायता करने की परिकल्पना की गई है। फाइज़र के साथ हमारी भागीदारी से हमें चुनिंदा राज्यों में कैंसर के बोझ को कम करने के लिए ज़रूरी देखभाल और सहायता पहुंचाने में मदद मिल रही है।’

इस भागीदारी के तहत झारखंड में रांची स्थित राजेंद्र इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज (रिम्स), असम में दीफू और सिलचर, और आंध्र प्रदेश के तिरुपति में काम किया जा रहा है। इससे तहत हेल्थ एंड वेलनेस कियोस्क के लिए सहयोग देती है।
वर्चुअल पेशेंट हेल्पडेस्क में मरीज़ों को साइको-सोशल सपोर्ट, वित्तीय सलाह और वर्चुअल अपॉइंटमेंट्स जैसे नॉन-मेडिकल असिस्टेंस देने के लिए स्थापित किया गया है। वर्चुअल हेल्पडेस्क पर एक ऑन-साइट ट्रैन्ड पेशेंट नेविगेटर भी दिया गया है। कम्युनिटी आउटरीच से राज्यों के नेशनल हेल्थ मिशन के सहयोग से गैर-संचारी रोगों के लिए स्क्रीनिंग और बीमारी की जल्द पहचान के लिए कैंप आयोजित किए जाते हैं। जनरल चिकित्सकों (जीपी) और हेल्थ केयर पार्टनर्सको प्रशिक्षण दिया जाता है ताकि कैंसर के लक्षणों की पहचान की जा सके और जरूरी होने पर पैलीएटिव केयर दी जा सके। इसके अलावा पेशेंट रेफरल एंड ट्रैकिंग प्लेटफार्म, यह डिजिटल एप्लिकेशन है जिसका इस्तेमाल डेमोग्राफिक और स्क्रीनिंग से जुड़ी जानकारी को ट्रैक और कैप्चर करने के लिए किया जाता है।

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