बागबेड़ा ग्रामीण जलापूर्ति योजना का फिल्टर प्लांट धवस्त : सुबोध झा
जमशेदपुर। रविवार को बागबेडा महानगर विकास समिति एवं संपूर्ण घाघीडीह विकास समिति के अध्यक्ष सह भाजपा नेता सुबोध झा एवं छोटे राय मुर्मू के नेतृत्व में फिल्टर प्लांट गिद्दीझोपड़ी का निरीक्षण किया गया। निरीक्षण में पाया गया गिद्दा झोपड़ी फिल्टर प्लांट घटिया निर्माण हुआ है। योजना धरातल पर उतरी ही नहीं जनता बूंद बूंद पानी के लिए तरस रही है । फिल्टर प्लांट गिद्दीझोपड़ी के किए गए बाउंड्री वॉल आधा टूट कर नीचे गिर गए हैं। फिल्टर प्लांट में एनम ब्लीचिंग पाउडर रखने के लिए बनाए गए कमरे में पानी जमा होने पर कहीं-कहीं ध्वस्त हो गया है। आंदोलनकारी सुबोध झा ने कहा बागबेरा बडौदा घाट से गिरी झोपड़ी जाने के लिए नदी पर 22 पाए का निर्माण होना है ।अभी मात्र 11 पाया का निर्माण हुआ है जिसमें से एक पाया बाढ़ में ध्वस्त होकर नदी में गिर गया है । आंदोलनकारी छोटा राय मुर्मू , कृष्णा चंद्र पात्रो ऋतु सिंह , गुड्डू सिंह,प्रभा हास्दा, गोविंदा पति, राजू सरदार, भागरथी दास, मनोहर दास, उमेश पौदार लखन पात्रो लूना सरदार राजू मुरमू विष्णु लोहार ने कहा ग्रामीण जलापूर्ति योजना में निरीक्षण में पाया कि 237 को रुपया का बंदरबांट हुई है। इस पर न्यायिक जांच हो और हम सभी भ्रष्टाचार को उजागर करने के लिए जमशेदपुर से दिल्ली की पदयात्रा की घोषणा बड़े भाई सुबोध झा आंदोलनकारी का जो आदेश आएगा ।हम सभी लोग बड़े पैमाने पर जन आंदोलन करने के लिए सड़क पर उतरेंगे। सुबोध झा ने कहा इस योजना को लोग धरातल पर नहीं उतारना चाहते हैं जिस योजना से लोगों को पानी मिला ही नहीं और वह योजना धरातल पर आने से पहले ही ध्वस्त हो गई इसकी न्यायिक जांच हो जो लोग इस योजना को ध्वस्त कर रहे हैं उन पर कानूनी कार्रवाई हो और बागबेड़ा घाघीडीह कीताडीह एवं रेलवे क्षेत्र की 33 बस्तियों को यथाशीघ्र सरकार शुद्ध पेयजल उपलब्ध कराएं। आंदोलनकारी सुबोध झा ने कहा विभाग को समिति के द्वारा रेलवे से फॉरेस्ट विभाग से हाउसिंग बोर्ड से पथ निर्माण विभाग से सीओ के मार्फत दर्जनों स्थान से एनओसी पेयजल एवं स्वच्छता विभाग को स्वयं जा करके उपलब्ध करवाया विधानसभा घेराव करके इस योजना को धरातल पर लाया 237 करो रुपया सरकार की सुकृति के बाद भी पूरे पैसे का बंदरबांट हो गया और जनता को एक बूंद पानी भी नहीं नसीब हुआ।बड़े पैमाने पर जन आंदोलन और हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर करने का आन्दोलन कार्यों का निर्णय और सहमति बनी 15 दिनों के बाद बड़े पैमाने पर आंदोलन और जनहित याचिका हाईकोर्ट में दायर की जाएगी।