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प्रधान मंटू ने मानी भूल जोड़े की सेवा कर गुनाह बख्शवाया

जमशेदपुर। साकची गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के प्रधान सरदार हरविंदर सिंह मंटू ने गत 23 दिसंबर को हुई घटना को भूल मानते हुए अपना गुनाह बख्शवा लिया है।
पथिक परंपरा के अनुसार पांच सिखों ने गुरुवार की देर शाम बैठक की और उसमें यह प्रधान को हुकुम सुनाया कि उन्हें शुक्रवार की सुबह जोड़े घर की सेवा करनी है। प्रधान मंटू ने एक सच्चे सिख की भांति हाथ जोड़कर हुकुम को शिरोधार्य किया और प्रण लिया कि आगे से उनसे इस तरह की कभी गलती नहीं होगी। फिर शुक्रवार की सुबह गुरुद्वारा साहिब के जोड़े घर की सेवा उन्होंने की।
पूछे जाने पर प्रधान सरदार मंटू ने कहा कि 23 दिसंबर को गुरुद्वारा के कार्यालय में सिखी स्वरुप में डायरेक्टर इम्तियाज अली पहुंचे थे और उन्हें शॉल भेंट किया गया था। जबकि सिख संसद शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी की ओर से शहादतों के मद्देनजर किसी को सिरोपा भेंट करने या सम्मानित करने से मना किया गया था । प्रधान होने के नाते उन्हें इस पर पहरा देना था परंतु उनसे मानवीय भूल हो गई और उन्होंने संगत से क्षमा मांग ली है। पंथ की ओर से उन्हें जो आदेश मिला, उसका पालन किया है।
प्रधान को जोड़े की सेवा करने का आदेश देने वालों में सरदार दलवीर सिंह, सरदार सुखविंदर सिंह राजू, सरदार अजीत सिंह गंभीर, सरदार पूर्ण सिंह और हजूरी ग्रंथी बाबा करतार सिंह के नाम शुमार हैं।

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