चाईबासा। इस बार सिंहभूम लोकसभा चुनाव में खूंटकट्टी सेटलमेंट, रिवीजन सेटलमेंट और भाजपा द्वारा 1985 की स्थानीय नीति का मुद्दा अहम रहेगा। यह प्रतिक्रिया झारखंड पुनरूत्थान अभियान के मुख्य संयोजक सन्नी सिंकु ने तंतनगर में एक बैठक में दी है। सन्नी सिंकु ने आगे कहा है इसका संकेत 16 मार्च को झारखंड सरकार द्वारा आयोजित टाटा कॉलेज चाईबासा में खरसावां विधायक दशरथ गगराई के वक्तव्य का उदाहरण दिया है। विधायक दसरथ गगराई ने अपना वक्तव्य में कहा था कोड़ा दंपति 1964 वाले खतियान का वकालत कर रहा था। लेकिन वे 1985 वाले भाजपा सरकार द्वारा निर्धारित स्थानीय नीति पर अटक गया। विधायक का यही वक्तव्य अभी खूब वायरल हो रहा है। सन्नी सिंकु ने कहा झारखंड पुनरूत्थान अभियान खुंटकट्टी खतियान का रक्षा करते हुए अपने पारंपरिक,सामाजिक,आर्थिक,सांस्कृतिक अस्तित्व की रक्षा करने वाली इंडिया गठबंधन का सहयोगी बनने पर गभीरता से विचार कर रही है। क्योंकि सिंहभूम लोकसभा क्षेत्र में खूंटकट्टी सेटलमेंट को लगातार विकृत किया जा रहा है।बैठक में अमृत मांझी,शैली शैलेंद्र सिंकु,शेखर बिरूली, मोटाय गोप,अमर बिरूली,शीतल पूर्ति,बसंत तांती।
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