157 बटालियन में रही कवि सम्मेलन की धूम
*157 बटालियन में कविता की मची धूम*
सीओ साहब ने कहा कुमार संजय है क्या खूब।
*संसद बेकार बातों में करता समय का खर्चा*
संजय की पुस्तक *ओथ एंड करप्शन* की खूब है चर्चा।
*मोटा अनाज खाओ कुपोषण मिटाओ*
अच्छी कविता लिखो समाज जगाओ।
*संवैधानिक व्यवस्था हो चुका ध्वस्त*
2G और कॉमनवेल्थ व्यवस्था था मस्त।
*राजनाथ की भाषण हटाने का किया गया मांग*
राजनीति अपनी जगह देश हित में ना आडाए टांग।
*केंद्रीय एजेंसी का होता गलत प्रयोग*
सही प्रयोग में भ्रष्टाचारी करेंगे जेल में योग।
*नेताओं का ज्ञान संसद में घमासान*
देश विरोध में देते रहते अपमानित बयान।
*मोदी राज में तानाशाही से चल रहा है देश*
सवाल पूछने पर नहीं होना चाहिए था केश।
*नेताओं का बिगड़ते हैं गलत बोल*
देशहीत का हो जाता हैओल झोल।
*भारत टेस्ट मैच के फाइनल के लिए क्वालिफाई*
राजस्थान में केजरीवाल ने दी ईमानदारी की दुहाई।
*विदेशों में नहीं करनी चाहिए था लोकतंत्र बचाने की मांग*
माफ कर दीजिए होली का समय है चढ़ाएं होंगे भांग।
*संजय संग हास्य व्यंग*