FeaturedJamshedpurJharkhand

हिंसा किसी भी समस्या का कभी हल नहीं हो सकता : लक्ष्मी सिन्हा

पटना। राष्ट्रीय लोक जनशक्ति पार्टी के प्रदेश संगठन सचिव महिला प्रकोष्ठ श्रीमती लक्ष्मी सिन्हा ने कहा कि युद्ध सदा से मानवता का अहित करता आया है। इसकी विभीषिका राष्ट्र_समाज को कमजोर करती है। कोई भी युद्ध अपने साथ अनहोनी लेकर ही आती है। उसमें विजित एवं पराजित दोनों को ही क्षति उठानी पड़ती है। वे पीडा के भूक्तभोगी बनाती है। युद्ध कभी किसी समस्या का हल नहीं कर पाया, क्योंकि युद्ध स्वयं में एक समस्या है। फिर इसके माध्यम से किसी निर्णय की स्थिति पर पहुंचने की कल्पना भी अपराध है। किसी भी राष्ट्र की नीव में युद्ध रूपी दीमक के लग जाने से राष्ट्र की अवनीत भी सुनिश्चित हो जाती है। युद्ध देश को कई वर्षों पीछे धकेल देती है। देश की प्रगति अवरुद्ध हो जाती है। श्रीमती सिन्हा ने कहा कि शांति का मार्ग ही राष्ट्र को समृद्धि के पथ पर अग्रसर करने में सक्षम है। शांति के भाव से युद्ध के प्रभाव को खत्म किया जा सकता है। स्मरण रहे की बड़ी से बड़ी समस्या का हल युद्ध से नहीं, अपितु संवाद से खोजा गया है। विभिन्न राष्ट्रों को आपसी विवाद के हल संवाद के मार्ग पर चलकर खोजने चाहिए क्योंकि यही वह मार्ग है जो उसे परिणाम प्रदान करता है। मानवता की पूंजी को बचाए रखने के लिए देशों को युद्ध टालते रहना चाहिए। ऐसी परिस्थितियों से बचना चाहिए जो युद्ध के हालत उत्पन्न करती हो। युद्ध की जड़ों को संवाद की तेज धार वाले चाकू से ही काटा जा सकता है। युद्ध के बाद भी संवाद भी नई परिस्थितियों को पैदा करती है। श्रीमती सिन्हा ने कहा कि संवाद से सदैव संभावनाएं बनी रहती है। यही संभावनाएं विमर्श को आगे बढ़ाती है, जिससे विवेकपूर्ण प्रतिफल प्राप्त होती है। भावी पीढ़ियों की उन्नति एवं विकास के लिए युद्ध नहीं, बल्कि वैश्विक भाईचारे की आवश्यकता है। शांति का मार्ग ही प्रगति का मार्ग है। सौंहार्यपूर्ण माहौल में ही रचनात्मकता पुष्पित_पल्लवित होती है। सद्भभावपूर्ण रचनात्मकता से ही संसार युद्ध की विभीषिका से दूर रह सकती है। श्रीमती सिन्हा ने कहा कि युद्ध प्रथमिक नहीं, अपितु अंतिम विकल्प भी नहीं होना चाहिए। युद्ध के विकल्प की तलाश ही शांति एवं संवाद की तलाश है। स्मरण रहे की हिंसा से कोई हल नहीं निकलता।

Related Articles

Back to top button