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स्वर्ग से सुंदर सपनों से प्यारा हैं मां का दरबार…..जैसे भजनों पर झूमे श्रद्धालु

राम कथा में माता सीता व हनुमानजी के संवाद का प्रसंग मार्मिक रहा

साकची श्री अग्रसेन भवन में सुन्दरकांड का पाठ आयोजित
जमशेदपुर। साकची श्री अग्रसेन भवन में चल रहे श्रीश्री बालाजी महाराज का अखंड सवालाख हनुमान चालीसा पाठ के क्रम में गुरूवार को संगीतमय सामुहिक सुन्दरकांड का पाठ धूमधाम से संपन्न हुआ। भजन गायक देवेश पारिक एवं रेखा पारिक ने श्री गणेश वंदना गाजानन पधारो कीर्त्तन में सब तैयारी हैं…. से सुन्दरकांड पाठ वाचन का शुभारंभ किया। सुन्दरकांड पाठ शुरू होने से पहले और समाप्त होने के बाद भजनों की अमृत वर्षा हुई और भक्त झूमनेे लगे।

भजन गायकों ने श्रीराम जनकी बैठेे हैं मेरे सीने में…, गुरू देव दया करके मुझको अपना लेना…, भोला बगम्बार वाला शिव शंकर डमरू वाले…, छम छम नाचे देखो वीर हनुमाना.., स्वर्ग से सुंदर सपनों से प्यारा हैं मां का दरबार….. आदि भजनों की शानदार प्रस्तुति दी। सुंदरकांड पाठ में 600 से अधिक महिलाएं शामिल हुई। आरती के बाद सभी भक्तों ने प्रसाद ग्रहण किया।
माता सीता हनुमानजी से पूछती हैं कि कैसे हैं मेरे रामः-
श्रीराम हनुमत कथा के पांचवें दिन गुरूवार को व्यासपीठ से कथा वाचक परम श्रद्धेय श्रीराम मोहन महाराज ने माता सीता का अपहरण, पक्षीराज जटायु का रावण से युद्ध, रावण का अंत करने की कथा का प्रसंग सुनाया। आज की राम कथा में माता सीता व हनुमानजी के संवाद का प्रसंग मार्मिक रहा। महाराज जी ने कहा कि भगवान श्री राम की आज्ञा से हनुमानजी माता सीता की खोज में लंका में प्रवेश करते हैं। अशोक वाटिका में मां सीता जी के दर्शन हनुमान जी को होते हैं लेकिन माता सीता उन पर विश्वास नहीं करती हैं। हालांकि भगवान राम द्वारा जो वस्तुएं हनुमान जी को देकर भेजा, इन्हें देख माता सीता को विश्वास आ जाता है कि हनुमान श्रीराम के ही दूत हैं। वे हनुमानजी से पूछती हैं कि कैसे हैं मेरे राम। इस पर हनुमानजी कहते हैं कि आपको तलाशते-तलाशते भगवान श्रीराम किसकिंधा में आ चुके हैं। अतिशीघ्र लंका पर आक्रमण कर आपको ले जाएंगे। इसके बाद श्री हनुमान अशोक वाटिका के वृक्षों से फल तोड़कर खाने लगते हैं। ऐसा करते देख लंकापति रावण के सैनिक उन्हें बंदी बनाने का प्रयास करते हैं परंतु वह हनुमान जी को बंदी बनाने में सफल नहीं होते हैं। अंत में मेघनाथ आकर उन्हें बंदी बनाकर रावण के दरबार में उपस्थित करता है। सजा के रूप में उनकी पूंछ में आग लगा दी जाती है। इस आग लगाने के कारण हनुमान पूरी लंका में आग लगा देते हैं। कथा व्यास कहते हैं यह सब श्री राम की कृपा से ही संभव हो सका।
सवामणी और भंडाराः-
गुरूवार को 14 भक्तों द्धारा सवामणी और 7 भक्तों (कुल 21भक्त परिवार) द्धारा भंडारा का प्रसाद बालाजी को चढ़ाया गया। राजस्थान कल्याण परिषद अग्रसेन भवन संस्था द्धारा हजारों भक्तों के बीच मेवाा का प्रसाद वितरण किया गया।

1 लाख 86 हजार हनुमान चालीसा पाठः-
श्री नरसिंह बांध बालाजी धाम, टाटानगर शाखा द्धारा परमश्रद्धेय संतोष भाई (बर्नपुर) के सानिध्य में दसवें दिन गुरूवार को बालाजी की पूजन के बाद आरती, हनुमान चालीसा पाठ और श्रीराम हनुमतं कथा में काफी भक्तगण शामिल हुए। बुधवार को पाठ का विश्रााम होने तक 1 लाख 86 हजार पाठ संपन्न हुआ। केवल गुरूवार को 16 हजार पाठ हुए।
इनका रहा योगदानः-
इस मौके पर प्रमुख रूप से सुरेश सोंथालिया, ओमप्रकाश रिंगसिया, महावीर मोदी संवारमल अग्रवाल, कृष्णा अग्रवाल, महेश सोंथालिया, निलेश बोरा, लिप्पू शर्मा, रामू देबूका, पवन नरेड़ी, मनोज अग्रवाल, किशन संघी, अशोक चौधरी, बालमुंकद गोयल, विनोद शर्मा आदि मौजूद थे।

हनुमान चालीसा पाठ का विश्राम आजः-
श्रीश्री बालाजी महाराज का अखंड सवालाख हनुमान चालीसा पाठ का शुक्रवार को विश्राम होगा। परमश्रद्धेय संतोष भाई (बर्नपुर) ने बताया कि शुक्रवार की सुबह आरती के बाद हवन और पूर्णाहुति होगी। शाम को भजनों की अमृत वर्षा होगा। उन्होंने बताया कि जमशेदपुर के बाद रांची श्री अग्रसेन भवन में नौ दिवसीय श्रीश्री बालाजी महाराज का अखंड सवालाख हनुमान चालीसा पाठ का शुभारंभ 13 नवम्बर रविवार से होगाख् जो 21 नवम्बर सोमवार तक चलेगा।

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