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सोनारी में यदुवंशी महिला समाज के महिला सशक्तिकरण सह होली मिलन समारोह में जुटी विभिन्न क्षेत्रों में कार्यरत प्रोफेशनल और आम महिलाएं

होली का जमा रंग, अतिथियों ने कहा--हर महिला है खास

जमशेदपुर। सोनारी स्थित परदेशी पाड़ा के वीर मंच अखाड़ा परिसर में शनिवार को अलग ही नजारा देखने को मिला। वीर मंच के दीपक यादव की पहल पर वीर मंच अखाड़ा परिसर में यदुवंशी महिला समाज की ओर से ‘महिला सशक्तिकरण सह होली मिलन समारोह’ का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम में समाज के विभिन्न सेक्टरों में कार्य कर रहीं महिलाओं के साथ साथ बड़ी संख्या में घरेलू महिलाएं शामिल हुईं। कार्यक्रम का मकसद था कि हर महिला अपने अधिकारों को जानें.समाज में बतौर पत्रकार, अधिवक्ता, कवियित्री व अन्य रुप में काम कर रही महिलाओं के संघर्ष से प्रेरणा लें और किसी भी प्रकार की परेशानियों में मदद लेने से न हिचकें।
बहुत सी महिलाएं कानूनी जागरुकता के अभाव में अत्याचार सहती रहती हैं।

कार्यक्रम में कवियित्री अंकिता बतौर मुख्य अतिथि, अधिवक्ता अनीता,वरिष्ठ पत्रकार अन्नी अमृता, समाजसेवी उषा यादव, पिंकी यादव, आस्तिक महतो, अधिवक्ता सुधीर कुमार पप्पू, किन्नर साहिबा, किन्नर रजिया व यदुवंशी समाज से जुड़ी अन्य महिलाएं बतौर अतिथि शामिल हुईं।

इस मौके पर पिंकी यादव ने कहा कि महिलाएं किसी से भी पीछे नहीं हैं, अवसर मिलने की बात है। अवसर मिलने पर वह अपनी प्रतिभा दिखाने में पीछे नहीं होती।

वहीं उषा यादव ने महिलाओं को संबोधित करते हुए कहा कि महिला एक मां के रुप में अपने कर्तव्य का पालन करती है लेकिन जरुरत पड़ने पर वह झांसी की रानी का भी रुप अख्तियार कर लेती है.वह हर तरह से सशक्त है।

उधर वरिष्ठ पत्रकार अन्नी अमृता ने अपने संबोधन में कहा कि महिला सशक्तिकरण की बातें आजकल बहुत होती हैं लेकिन उसका मतलब यह नहीं है कि महिला कमजोर होती है। इसका मतलब है कि महिला खुद को कमजोर न समझे और अपने अधिकार जानें। अन्नी ने कहा कि आजकल महिलाओं के सशक्तिकरण को नौकरी से जोड़कर देखा जा रहा है जबकि हर महिला सशक्त है। एक हाउस वाइफ घर संभालती है तब ही उसका पति या घर के अन्य सदस्य चैन से नौकरी कर पाते हैं.जैसे एक सफल पुरुष के पीछे एक स्त्री होती है, ठीक वैसे ही एक सफल स्त्री के पीछे भी एक पुरुष होता है। किसी प्रकार की प्रतिद्वंद्विता नहीं है बल्कि एक दूसरे के सहयोग की बात होनी चाहिए।

वहीं कार्यक्रम की मुख्य अतिथि कवियित्री अंकिता ने अपने संबोधन में मां व बेटी पर भावुक कविताएं सुनाकर सबको भावुक कर दिया.अंकिता के शब्दों में—

मां के आंचल से बढ़कर कोई भी बड़ा दरबार नहीं
उनके रिश्ते से बढ़कर कोई दिल का हकदार नहीं
सपने सलोने देनेवाली मां की लोरी ही उत्तम
उनकी चूड़ियों की खनक से अच्छी कोई झंकार नहीं

कार्यक्रम का संचालन दीपक यादव ने किया। कार्यक्रम के अंत में महिलाओं ने होली की मस्ती का माहौल बनाते हुए खूब गीत गाए और सबको झूमने पर मजबूर कर दिया।

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