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सूर्य मंदिर समिति को अवैध कब्जे से मुक्त कराना जिला प्रशासन की जिम्मेदारी : सरयू राय

जमशेदपुर। सिदगोडा सूर्य मंदिर परिसर एवं समीपस्थ सरकारी परिसंपत्तियों का जमशेदपुर अधिसूचित क्षेत्र समिति को सरकार द्वारा स्थानांतरित किया जाना और इसे तथाकथित सूर्य मंदिर समिति के अवैध क़ब्ज़ा से मुक्त कराना मंदिर और प्रशासन का मामला है. इस मामले में क़ानून अपना काम कर रहा है। इसका मेरे अथवा मेरे समर्थकों/शुभचिंतकों से कोई लेना देना नहीं हैं। मुझे विश्वास है कि ज़िला प्रशासन इसमें जो भी करेगा नियमानुकूल करेगा और प्रशासन का निर्णय वस्तुपरक होगा, व्यक्तिपरक नहीं। मेरा प्रयास है कि ज़िला प्रशासन और जेएनएसी के सहयोग से इस पूरे परिसर को खेल-कूद, कला-संस्कृति एवं युवा गतिविधियों का एक उत्कृष्ट केन्द्र बनाया जाए. मैंने इस बारे में अपनी अवधारणा से प्रशासन और अक्षेस को अवगत कराया है। 14 नवम्बर 2022 को बाल दिवस पर आयोजित हो रहे बाल मेला से इसकी शुरुआत होगी। जहां इस वर्ष छठ पूजा का आयोजन इस परिसर में करने की बात है इसका आयोजन जेएनएसी की देखरेख में होगा. छठ घाटों की मरम्मत, रंग-रोगन, प्रकाश व्यवस्था आदि का काम भी जेएनएसी करेगा। आवश्यक होगा तो जेएनएसी इसके लिये विधायक निधि और सांसद निधि का उपयोग कर सकता है। छठ पूजा की परम पवित्रता को ध्यान में रखते हुए जेएनएसी सबका सहयोग लेगा. जो भी व्यक्ति या संस्था इसमें सहयोग करना चाहे उसका सहयोग लेकर जेएनएसी पूरा प्रबंध करेगा। मैंने जेएनएसी को सुझाव दिया है कि इस परिसर में आयोजित छठ पूजा में शत प्रतिशत माहौल पवित्रता और आस्था का रहना चाहिए, पूर्व की तरह लटका-झटका वाले कार्यक्रमों का आयोजन करने की अनुमति पूरे परिसर में कहीं भी नहीं दी जानी चाहिए. छठ सामग्रियों के क्रय-विक्रय, वितरण के लिए परिसर के बाहर उपयुक्त स्थान जेएनएसी चिन्हित करे, परिसर के भीतर किसी भी प्रकार की व्यवसायिक गतिविधि नहीं चलने दे। इस वर्ष परिसर के चिल्ड्रन पार्क क्षेत्र की ओर भी एक छोटा सा छठ पूजा घाट के लिए स्थान तैयार करने की कोशिश हो रही है।मेरा प्रयास है कि इस वर्ष न केवल सूर्य मंदिर परिसर में आस्था एवं पवित्रता से व्यवस्थित छठ पूजा का आयोजन हो बल्कि नदी किनारे और विभिन्न टोलों-मुहल्लों के घाटों पर भी छठ पूजा में हर आवश्यक सुविधा प्रदान हो। मेरा यह प्रयास भी है कि पूरे जमशेदपुर में छठ घाटों की ओर जाने वाली सभी सड़कों, रास्तों को धोकर साफ़ किया जाए और इसमें मुहल्लों के युवकों, समाजसेवियों, आध्यात्मिक एवं स्वैच्छिक संगठनों का सहयोग लिया जाएगा. इस वर्ष का छठ पर्व सबका पर्व बने, इसमें सौ प्रतिशत स्वच्छता रहे और आस्था के साथ सभी इसमें शामिल महसूस करें।

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