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सम्मान के लिए धरना पर उतरे झारखंड बांग्ला भाषा भाषी उन्नयन समिति के सदस्य

रिपोर्ट- तिलक कुमार वर्मा

चाईबासा। झारखंड बांग्ला भाषा भाषी उन्नयन समिति के द्वारा हल्दी पोखर स्टेशन पर अपनी मातृभाषा के सम्मान हेतु शुक्रवार को धरना दिया। इस धरणा में झारखंड बांग्ला भाषा भाषी उन्नयन समिति के प्रदेश उपाध्यक्ष देवी शंकर दत्त (काबू) ने कहा कि झारखंड में बांग्ला भाषा को भी उतना ही सम्मान मिलना चाहिए जितना दूसरे भाषाओं को मिला है। उन्होंने कहा कि एक समय पहले हल्दी पोखर स्टेशन में भी बांग्ला से लिखा हुआ दिखता था मगर धीरे-धीरे बांग्ला भाषा का अस्तित्व खत्म किया जा रहा है इससे हमारी मातृभाषा को ठेस पहुंच रही है। उन्होंने कहा कि पश्चिम बंगाल कटकर बिहार हुआ बिहार काटकर झारखंड हुआ। जब यह एक ही राज्य हुआ करता था तो लगभग इस क्षेत्र के सभी जगह पर बंगला से लिखा हुआ देखा जा सकता था। मगर अब धीरे-धीरे हमारी मातृभाषा को दबाया जा रहा है इस समस्या को लेकर धरना के माध्यम से रेलवे के अधिकारी एवं जिला प्रशासन से समिति के उपाध्यक्ष देवी शंकर दत्त एवं सदस्यों ने गुहार लगाई है कि जल्द से जल्द इस समस्या का समाधान करें। और बांग्ला जो की बंगालियों की मातृभाषा है उसे सम्मान दें। इस धरना प्रदर्शन में झारखंड बंगला भाषा भाषी उन्नयन समिति के प्रदेश उपाध्यक्ष देवी शंकर दत्त काबू, राजेश राय, मनोज सरकार जिला परिषद सदस्य सूरज मंडल मुखिया देवी कुमारी, करुणा माई मंडल, सुनील दे, संकर चंद्र गोप, मिर्नल पाल , मलाई दास, रथिन दत्ता, अंशू मुखर्जी, सुबोध गोराई, असित चटर्जी, बागबाथ दास समेत काफी संख्या में बंगाली समाज के लोग उपस्थित थे।

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