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सभ्यता और संस्कृति की रक्षा ही सनातन उत्सव समिति का संकल्प है : दिलीप दुबे

जमशेदपुर। शनिवार को माइकल जॉन ऑडोटोरियम हॉल बिस्टुपुर जमशेदपुर में संध्या 3 बजे सनातन उत्सव समिति द्वारा आयोजित गुरु गोबिंद सिंह जी के पूरे परिवार की शहादत दिवस को शहादत पखवाड़ा के रूप में आत्मोत्सर्ग दिवस के रूप में मनाई गई।
कार्यक्रम में मुख्य वक्ता के रूप में उपस्थित सुप्रीम कोर्ट के वरीय अधिवक्ता श्री दिलीप दुबे ने कहा कि आज का दिन इस अखण्ड भारत मे शहादत दिवस को आत्मोत्सर्ग दिवस ही नही बल्कि सर्वदान दिवस मनाया जाना चाहिये क्योंकि दुनिया मे ऐसा उदाहरण कोई दूसरा नही है,आज अखण्ड भारत के कल्पना को सम्पूर्ण करने के लिये मुझे पूर्व के सेनानियो के बारे में पढ़ने की आवश्यकता पड़ी और जब हमने पढ़ना शुरू किया तो पता चला कि कैसे अक्षुण भारत मे मुठी भर लोग आते है और गुलाम करके चले जाते है ऐसा नही है एक इश्लामिक देशों ने ही भारत को गुलाम बनाया है।
देश मे भ्रमण करने वाले ऋषि मुनि ने जहां जहा भ्रमण किया वहाँ वहां गुरुद्वारे बना डाले वहाँ वहाँ मन्दिर बना डाले और दुश्मनों से लड़ने के लिये एक सेना बना डाली और उन्ही सेनानियो के बल पर भारतीय सभ्यता और संस्कृति की रक्षा के लिये अपने प्राणों की आहुति दे डाली यहां तो गुरु गोबिंद ने अपने पूरे परिवार को मा भारती के चरणों मे समर्पित कर दिये।
भारत के दुश्मनों ने हम सभी के बीच मे विभाजन करा दिया हमने तो सेना बनाई थी लेकिन उन शक्तियों के आगे घुटने टेक दिया जो अपने बल कल और क्षल से हमे खंडित कर दिया लेकिन हमने हार नही मानी और इस गम्भीर विषय पर एकजुट होकर समझना होगा।
हमारे पूर्वजों को भी धर्मांतरण करने के लिये दबाव दिया जाता रहा है लेकिन जबतक हमने डट कर मुकाबला किया। तब तक टिके रहे नही तो शहीद हो गए आज पुनः उनके जीवनी को आत्मसात करने और धर्मांतरण को रोकने कें लिये अपने प्राणों की बलिदानी तक देनी पड़े तो पीछे मुड़कर देखने की नही बलकर डटकर मुकाबला करना होगा यह शिक्षा मैं नही बल्कि उन चार साहबजादों ने यही शिक्षा दिया है
बार बार आक्रमण करके जब औरगजेब ने भारत पर जीत नही सके तो अपने गुप्तचरों को नई योजना बनाई कैसे भारत को खंडित करो तभी भारत पर शासन किया जा सकता है इसके लिये उन्होंने माँ भारती के सपूतो को तोड़ने लगा और नतीजा उनके ही नारो को हिन्दू सिख मुस्लिम ईसाई कर के अधिकारों की बात कह आपस मे बाटने लगे और इस देश के नेतृत्व करने वाले सिख सेनानी को भी तोड़ दिया और यह साबित कर दिया कि हिन्दुओ से अलग है सिख समाज आज पुनः हमे एकजुट होने की जरूरत है लोगो को बताने की जरूरत है कि हिन्दू से सिख अलग नही बल्कि इस अखण्ड भारत मे हम सभी सनातनी है और सनातन ही सच्चे हिंदुत्व है और माँ भारतीं के रक्षक है।
कार्यक्रम में बातौर अथिति पूर्व वैज्ञानिक बी के सिंह जी मौजूद रहे जबकि कार्यक्रम का संचालन पटना से चलकर आये महान उदघोषक जय प्रकाश सिंह जिद्दी ने किया जबकि कार्यक्रम की अध्यक्षता झारखण्ड सिख बोर्ड के सदस्य सरदार शैलेन्द्र सिंह और धन्यबाद युवा उधमी नीरज सिंह ने किया।
कार्यक्रम की सफलता हेतु सनातन उत्सव समिति के चिंटू सिंह, सतनाम सिंह, सोनू ठाकुर, अप्पू तिवारी, हरीश राय, ,प्रभात शंकर तिवारी,मन्नू साही,संजीव सिंह,अंकेश कुमार, रवि दुर्गे, ललित राव,कर्मजीत सिंह छोटू पण्डित, आणिकेष, राहुल, मनप्रीत, सन्तोष, सौरभ दुर्गे, प्रतीक दुर्गे, दीपक शुक्ला, अमृत सिंह,भरत सिंह, अभय सिंह, शाहिल,अनिकेत,तापस दत्ता समेत सैकड़ो लोग मौजूद रहा।

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