सत्यम् शिवम सुन्दरम् है। श्रीरामचरितमानस:लक्ष्मी सिन्हा
पटना । राष्ट्रीय लोक जनशक्ति पार्टी के प्रदेश संगठन सचिव महिला प्रकोष्ठ श्रीमती लक्ष्मी सिन्हा ने कहा कि बिहार के शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर जी का रामचरितमानस ग्रंथ पर अशोभनीय टिप्पणी का में निंदा करती हूं। उन्हें राम चरित मानस एहि नाम। सुनत श्रवन पाइअ विश्रामा।। बापू संग्रहालय पटना में आयोजित, नालंदा खुला विश्व विद्यालय के गरिमामय 15 वें दीक्षा समारोह में शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर ने श्रीरामचरितमानस पर अशोभनीय टिप्पणी की। कहते हैं गोस्वामी तुलसीदास रचित श्रीरामचरितमानस को साक्षात् भगवान शंकर ने, “सत्यम् शिवम सुन्दरम्” लिखकर हस्ताक्षरित किया है। श्रीरामचरितमानस में उत्तर कांड के दोहा क्रमांक 105 के बाद छठी चौपाई, “अधम जाति मैं बिद्या पाएं।भयउं जथा अहि दूध पिलाएं।।”का उदाहरण देते हुए बिहार के शिक्षा मंत्री द्वारा अभद्र टिप्पणी की गई। मानस में यह चौपाई कागभुसुंडि_गरुड़ संवाद में कागभुसुंडि जी द्वारा इस प्रकार बोली गई है-
“हर कहूं हरि सेवक गुर कहेऊ। सुनि खगनाथ ह्रदय मम दहेऊ।।
अधम जाति मै बिद्या पाएं।भयउं जथा अहि दूध पिलाएं।।”
गीता प्रेस गोरखपुर द्वारा प्रकाशित श्री रामचरितमानस में उपरोक्त चौपाई का अर्थ निम्न अनुसार है,”गुरुजी ने शिव जी को हरिका सेवक कहा। यह सुनकर हे पंछीराज। मेरा ह्रदय जल उठा। नीच जाति का मैं विद्या पाकर ऐसा हो गया जैसे दूध पिलाने से सांप।”श्रीमती अतः ऐसा प्रतीत होता है, मंत्री महोदय ने चौपाई में,”मैं”को, “में” पढा है, जिसके कारण अर्थ का अनर्थ हो गया है। श्रीमती लक्ष्मी सिन्हा ने कहा कि माननीय मंत्री महोदय दोहा का क्रमांक 104 से 109 तक अर्थ सहित पाठ करेंगे तो उन्हें प्रसंग और संदर्भ में सहज डुबकी लगाने का सुअवसर भी मिलेगा। सभी संशय और कुतर्क भी स्वयं ही नष्ट हो जाएगा। श्रीरामचरितमानस, “सत्यम् शिवम सुन्दरम्” है।