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सतबीर सिंह सोमू ने शहादत दिवस पर भगत सिंह की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर श्रद्धांजलि दी

जमशेदपुर । शहादत दिवस के मौके पर भाजपा नेता सतबीर सिंह सोमू और चंचल भाटिया ने भगत सिंह की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर उन्हें श्रद्धांजलि दी। इस मौके पर उन्होंने कहा कि सरदार भगत सिंह हमारे आदर्श हैं और हमारी कोशिश रहती है कि उनके बताए गए मार्ग पर अग्रसर रहें। उन्होंने कहा कि भगत सिंह चाहते तो माफीनामा देकर अपनी सजा से बच सकते थे, लेकिन उन्होंने ऐसा नहीं किया, क्योंकि वह जानते थे कि उनके द्वारा उठाया गया एक गलत कदम भारत और भारत के आवाम को भुगतना पड़ेगा। वैसे भी कहा गया है कि “लम्हों ने खता की और सदियों ने सजा पाई।” इसी सोच को उन्होंने ध्यान में रखते हुए अपने प्राणों की आहुति दी ताकि बरसों से पड़ी गुलामी की जंजीर टूट सके और देश का हर नागरिक आज़ादी में सांस ले सके।

सोमू सरदार ने आज की परिस्थितियों पर टिप्पणी करते हुए कहा है कि आज जब कोई राजनेता, अफसर, सरकारी कर्मचारी अपने पद का दुरुपयोग करके भ्रष्टाचार करते पाए जाते हैं तो बहुत क्रोध आता है। ऐसे लोगों को देखकर भगत सिंह, सुखदेव, राजगुरु की आत्मा रोती होगी कि क्या हमने ऐसे भारत का सपना देखकर अपने प्राणों का बलिदान किया था। आज भी गरीब शिक्षा, स्वास्थ्य जैसे मूलभूत सुविधाओं से वंचित रहता है, उन सुविधाओं के लिए दर दर भटकते रहता है लेकिन सफल नहीं हो पाता है। इन सब के लिए हम सबको संकल्प लेने की जरूरत है क्योंकि हर जिम्मेदारी सरकार की नहीं होती है। हम नागरिकों की भी जिम्मेदारी है कि भगत सिंह के आदर्शों पर चलते हुए अपने गली, मोहल्ले, समाज में हो रहे अन्यायों के विरुद्ध आवाज बुलंद करें।

उन्होंने शहादत दिवस के मौके पर रक्तदान भी किया और युवाओं से अपील करते हुए कहा कि मैं भगत सिंह के जयंती एवं शहादत दिवस पर प्रत्येक वर्ष रक्तदान करता हूँ ताकि मेरे रक्त का एक कतरा भी मानव हित में काम आ सके। आज हर युवा को जब भी समय मिले तो रक्तदान करना चाहिए जिससे रक्त के अभाव में किसी व्यक्ति को प्राण न गंवाना पड़े। उन्होंने युवा से कहा कि नशा मुक्त देश का निर्माण युवा ही कर सकते हैं और युवाओं को नशे से दूर रहना चाहिए। नशा हो तो भगत सिंह जैसा देश प्रेम का नशा हो, मानवता और समाज के प्रति कर्तव्यों का नशा हो। उनके साथ साथ चंचल भाटिया एवं गुड्डू बढ़ानी जी ने भी रक्तदान किया।

सतबीर सिंह सोमू ने खुद को खुशनसीब बताते हुए कहा कि मैं काफी भाग्यशाली हूँ कि मेरा जन्म सरदार भगत सिंह जी के जन्मदिन की तारीख में ही हुआ। वह मेरे आदर्श है और मैं पूरी कोशिश करता हूँ कि उनके विचारों पर चलते हुए समाज एवं देश की सेवा कर सकूं। मैं उनके पैर की धूल के बराबर भी नहीं हूं लेकिन ईश्वर से यह कामना करता हूँ कि मुझे उनके जैसे ही देश के लिए कुछ करने की प्रेरणा दें और कोई गलती हो तो उसमें सुधार करने का ज्ञान प्रदान करें।

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