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सचिव कृषि, पशुपालन एवं सहकारिता विभाग, झारखंड ने की समीक्षा बैठक, उपायुक्त, सभी प्रखंडों के वरीय प्रभारी एवं विभागीय पदाधिकारी रहे मौजूद

के.सी.सी ऋण माफी के लंबित ई-के.वाई.सी सात दिनों में पूरा करें, किसानों को सहायता प्रदान करना सरकार की प्राथमिकता

– पशुधन योजना का लाभ लेने हेतु पशुपालकों को प्रात्साहित करें, ग्रामीण अर्थ व्यवस्था को मजबूती देने में काफी अहम : अबू बकर सिद्दिकी

जमशेदपुर: समाहरणालय सभागार, जमशेदपुर में कृषि, पशुपालन एवं सहकारिता विभाग के सचिव श्री अबू बकर सिद्दिकी पी. ने कृषि एवं संबद्ध विभागों की समीक्षा बैठक की । बैठक में उपायुक्त श्रीमती विजया जाधव मौजूद रहीं। विभागवार योजनाओं की प्रगति की जानकारी लेते हुए सचिव ने कहा कि वित्तीय वर्ष 2021-22 की समाप्ति में अब कुछ महीने शेष रह गए हैं ऐसे में सभी विभागीय पदाधिकारी विशेष ध्यान देते हुए निर्धारित लक्ष्य को प्राप्त करना सुनिश्चित करें । जिले में प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना के तहत 550 हेक्टेयर का लक्ष्य दिया गया है, सचिव द्वारा लाभुकों का चयन कर कन्वर्जेंस से जे.एस.एल.पी.एस, भूमि संरक्षण विभाग, लघु सिंचाई एवं उद्यान विभाग के साथ आपस में समन्वय कर जल्द लक्ष्य पूरा करने तथा केसीसी ऋण माणी के लंबित करीब 16 हजार आवेदनों को 7 दिनों में पूरा करने के निर्देश दिए ।

पशुपालन विभाग की समीक्षा के क्रम में पशुपालन पदाधिकारी को पशु सखी बनाने का निर्देश देते हुए जरूरी प्रशिक्षण देने हेतु निदेशित किया गया। उन्होने बताया कि 160 नए पशु चिकित्सकों की नियुक्ति होने वाली है, राज्य स्तर पर पशुपालकों के हित को देखते हुए जल्द ही सभी प्रखंडो में पशुपालन पदाधिकारी की प्रतिनियुक्ति की जाएगी । उन्होने जिले में दूध उत्पादन, कलेक्शन स्टोर की भी जानकारी ली । संगठित तौर पर दूध कलेक्शन की कोई व्यवस्था नहीं होने की जानकारी मिलने पर बल्क मिल्क कलेक्शन(BMC) सेंटर हेतु जमीन चिन्हित कर उपलब्ध कराने के निर्देश उपायुक्त को दिए । सभी प्रखंडों में पशु चिकित्सा शिविर लगाकर पशुओं का वैक्सीनेशन व कृत्रिम गर्भाधान कराने को लेकर भी दिशा निर्देश दिए। उन्होने कहा कि ग्रामीणों के बीच पशुधन योजना के लाभ को लेकर व्यापक प्रचार प्रसार करायें, पशुपालकों को गाय, बकरी, कुक्कुट, सुकर, बत्तख पालन से होने वाले आय तथा योजना का लाभ लेने को लेकर प्रोत्साहित करें। पशुधन योजना के वैसे लाभुक जिन्होने अपना अंशदान अब तक जमा नहीं किया है उन्हें एक महीने का नोटिस देते हुए दूसरे इच्छुक पशुपालकों को योजना का लाभ देने की बात कही गई ।
मत्स्य पदाधिकारी ने बताया कि 5 बायो फ्लॉक के लक्ष्य के विरूद्ध 3 पर काम शुरू है, शेष 2 के लिए भी जल्द लाभुक का चयन करने का निर्देश दिया गया । जिले में मत्स्य पालन में बेहतर संभावनाओं को देखते हुए कृषि सचिव द्वारा बड़े स्तर पर मत्स्य उत्पादन कराने की बात कही गई । धान अधिप्राप्ति में सिर्फ 22 हजार किसानों के निबंधन पर असंतोष जताते हुए कहा कि अगले दो से तीन दिनों में सभी प्रखंडों को 1-1 हजार का लक्ष्य देते हुए किसानों का निबंधन बढ़ायें । जिन किसानों का फसल राहत योजना के अंतर्गत निबंधन हुआ है उनके फसलों के सत्यापन का निर्देश दिया गया।

भूमि संरक्षण विभाग को जिले में 100 तालाबों के जीर्णोद्धार का लक्ष्य प्राप्त है । योजना के तहत जनजाति, पिछड़े समुदायों को प्राथमिकता देने एवं मत्स्य पालन के लिए प्रेरित करने की बात कही गई । उद्यान विभाग के पदाधिकारी को कृषकों को खेती किसानी के लिए तकनीकी प्रशिक्षण दिलाने का निर्देश दिया गया । जिले में 300 लक्ष्य के विरूद्ध 180 किसानों को अब तक कृषि विज्ञान केन्द्र में प्रशिक्षण दिलाया गया है, वहीं मशरूम उत्पादन अंतर्गत 250 लक्ष्य के विरूद्ध 210 कृषकों को प्रशिक्षण दिया जा चुका है।
इस अवसर पर प्रखंडों के वरीय प्रभारी में एडीएम लॉ एंड ऑर्डर श्री नन्दकिशोर लाल, निदेशक डीआरडीए श्री सौरभ सिन्हा, एसडीएम धालभूम श्री पीयूष सिन्हा, निदेशक एनईपी श्रीमती ज्योत्सना सिंह, एसओआर श्री दीपू कुमार, जिला परिवहन पदाधिकारी श्री दिनेश रंजन तथा जिला कृषि पदाधिकारी श्री मिथिलेश कालिंदी, जिला पंचायत राज पदाधिकारी डॉ. रजनीकांत मिश्रा, जिला सहकारिता पदाधिकारी श्री विजय प्रताप तिर्की, जिला पशुपालन पदाधिकारी डॉ. सुरेन्द्र कुमार समेत अन्य सभी संबंधित विभागीय पदाधिकारी उपस्थित थे।

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