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पोषण माह-2022 के उपलक्ष्य में रविन्द्र भवन साकची में जिला स्तरीय समारोह का आयोजन

कुपोषण से लड़ने में कोई एक माह नहीं बल्कि निरंतर अनुश्रवण की जरूरत : जोबा मांझी


जमशेदपुर: रविन्द्र भवन साक्ची में पोषण माह 2022 को लेकर जिला स्तरीय समारोह का आयोजन किया गया। जिसमें माननीय मंत्री, महिला बाल विकास एवं सामाजिक सुरक्षा विभाग, झारखंड सरकार श्रीमती जोबा मांझी मुख्य अतिथि तथा जिला उपायुक्त विजया जाधव विशिष्ट अतिथि के रूप में तथा जिला परिषद अध्यक्ष बारी मुर्मू, उपाध्यक्ष पंकज सिन्हा व जिला एवं प्रखंड स्तर के पदाधिकारी शामिल हुए। अतिथियों द्वारा दीप प्रज्जवलित कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया गया । इस अवसर पर संथाली स्वागत गान से अतिथियों का स्वागत किया गया। आंगनबाड़ी सेविका/सहायिका की एक समूह ने पोषण गीत गाकर बच्चों एवं गर्भवती माताओं के लिए उचित पोषाहार क्यों जरूरी है इसकी जानकारी दी । जिला उपायुक्त द्वारा सभागार में उपस्थित लोगों को पोषण शपथ दिलाया गया जिसमें सभी ने प्रतिज्ञा ली की समाज में कोई भी बच्चा, गर्भवती एवं धात्री मातायें कुपोषित नहीं रहें इसके लिए जनजागरूकता लाएंगे ।
जिला समाज कल्याण पदाधिकारी श्रीमती सत्या ठाकुर ने पोषण माह 2022 के दौरान जिले में उचित पोषाहार के प्रति पंचायत एवं ग्राम स्तर पर चलाये जा रहे जागरूकता अभियान को लेकर एक प्रजेंटेशन दिया । उन्होने कहा कि जिला उपायुक्त के नेतृत्व में जिले में सफलतापूर्वक पोषण अभियान का संचालन किया जा रहा जिससे यहां के बच्चे व माताओं को कुपोषण से दूर रखा जा सके। इसका उद्देश्य 6 वर्ष तक के बच्चों, किशोरियों, गर्भवती महिलाओं और धात्री माताओं के पोषण की स्थिति में सुधार लाना है ताकि कम वजन वाले शिशुओं, अल्प-पोषण, एनीमिया आदि में कमी जैसे विशिष्ट लक्ष्यों को प्राप्त किया जा सके। एमजीएम की डायटिशियन अनु सिन्हा ने स्थानीय स्तर पर उपलब्ध साक-सब्जियों तथा उचित पोषक तत्वों से भरपूर खाद्य सामग्रियों की जानकारी दी।
जिला उपायुक्त विजया जाधव ने कहा कि पोषण माह के दौरान इसके थीम महिला एवं स्वास्थ्य, बच्चा एवं शिक्षा -पोषण भी पढ़ाई भी, लैंगिक संवेदनशीलता, जल संरक्षण एवं प्रबंधन तथा जनजातीय क्षेत्रों में महिला एवं बच्चों के लिए उपलब्ध पारंपरिक खाद्य सामग्रियों के संबंध में जागरूता को लक्षित कर अभियान चलाया गया। इस अभियान को जन आंदोलन का रूप देने के उद्देश्य से जेएसएलपीएस की एसएचजी, आंगनबाड़ी वर्कर, प्रखंड स्तर के पदाधिकारी, एमओआईसी, एएनएम तथा ग्राउंड लेवल पर कार्यरत अन्य सरकारी कर्मियों द्वारा प्रतिभाग किया गया ताकि ग्राम स्तर तक लोगों में उचित पोषाहार को लेकर जागरूकता आए ।
जिला उपायुक्त विजया जाधव ने बताया कि जिले में करीब 500 बच्चे अतिकुपोषित एवं कुपोषित श्रेणी के चिन्हित किए गए हैं जो निश्चित ही चिंता का विषय है। उन्होने आश्वस्त किया कि चिन्हित बच्चों का कुपोषण उपचार को लेकर प्राप्त गाइडलाइन के अनुरूप कार्य तो किया ही जाएगा साथ ही साथ सीएसआर तथा अन्य माध्यम से भी इन बच्चों को सप्लिमेंटरी खाद्य सामग्री उपलब्ध कराने की दिशा में कार्य किया जा रहा है । जिले के स्कूल एवं आंगनबाड़ी केन्द्रों में पोषण वाटिका लगाने के निर्देश दिए हैं साथ ही निजी स्तर पर भी पोषण वाटिका लगाने हेतु लोगों को प्रेरित किया जाएगा । उन्होने कहा कि स्थानीय स्तर पर भी उपलब्ध कई पेड़ों के फल व पौधे भी उच्च पोषक तत्वों से भरपूर होते हैं, जरूरत है कि लोगों में जागरूकता लाई जाए जिससे वे प्रचुर मात्रा में अपने भोजन से पोषण तत्व पा सकें । पोषण पंचायत के माध्यम से पंचायत प्रतिनिधियों को जोड़ा गया, योग क्यों जरूरी है इसकी भी जानकारी लोगों को दी गई । चार एएनसी क्यों जरूरी है, खून की कमी क्या है ऐसे विषयों पर लोगों का ज्ञानवर्धन इस अभियान के माध्यम से किया गया । जिला प्रशासन का प्रयास है कि कुपोषण के प्रति जनभागीदारी सुनिश्चित हो ताकि जिले से इसका समूल उन्मूलन किया जा सके।
जिला परिषद अध्यक्ष बारी मुर्मू ने कहा कि महिलायें घर की नींव होती है, सही पोषण नहीं मिलेगा, महिलायें स्वस्थ नहीं रहेंगी तो नींव कमजोर होगा । उचित पोषण का संदेश ज्यादा से ज्यादा लोगों तक पहुंचे तभी यह अभियान सार्थक होगा ।
मंत्री, महिला बाल विकास एवं सामाजिक सुरक्षा विभाग, झारखंड सरकार श्रीमती जोबा मांझी ने कहा कि कुपोषण के प्रति जागरूकता लगातार चलने वाली एक प्रक्रिया है, एक माह को इसके लिए लक्षित जरूर किया गया है लेकिन कुपोषण के प्रति निरंतर अनुश्रवण की आवश्यकता है। उन्होने सभागार में उपस्थित महिलाओं को संबोधित करते हुए कहा कि हम सभी मां बनने के उस दौर से गुजरी हैं जहां हमे पता होता है कि जच्चा-बच्चा के बेहतर स्वास्थ्य के लिए क्या खान-पान जरूरी है । जरूरत है कि लोगों के बीच भी इसी जागरूकता को बढ़ायें ताकि कुपोषण का सही तरीके से उपचार किया जा सके। इस कार्य में आंगनबाड़ी वर्कर एवं स्वास्थ्य सहिया की भूमिका काफी अहम हो जाती है। उन्होने कहा कि उचित पोषण से बच्चों की बढ़त अच्छी होती है और दिमाग का विकास होता हैं। सही पोषण से बीमारियों से लड़ने की शक्ति मिलती है और बार-बार बीमार नहीं पड़ते। पोषण से ही बार-बार बीमार होने से बचा जा सकता है और कुपोषण के दायरे से भी बाहर रखा जा सकता है ।
कार्यक्रम में उचित पोषण के प्रति जागरूकता को लेकर नुकक्ड़ नाटक का भी मंचन किया गया। साथ ही पोषण माह के दौरान आयोजित पेंटिंग, मेंहदी, पोस्टर, भाषण प्रतियोगिता के विजेता आंगबाड़ी सेविका/सहायिका, तेजस्विनी क्लब की किशोरी व सहिया को सम्मानित किया गया।
इस अवसर पर सिविल सर्जन डॉ साहिर पाल, जिला समाज कल्याण पदाधिकारी श्रीमती सत्या ठाकुर, जिला पंचायती राज पदाधिकारी डॉ रजनीकांत मिश्रा, सभी प्रखडों की सीडीपीओ, महिला पर्यवेक्षिका, बड़ी संख्या में आंगबनाड़ी वर्कर आदि उपस्थित थे।

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