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विधायक सरयू राय ने अपने क्षेत्र की बस्तियों का दौरा कर समस्याओं को जाना

जमशेदपुर। कल शाम भारी बारिश हुई। उस समय मैंने जमशेदपुर की प्रमुख सड़कों का भ्रमण किया और पाया कि टाटा लीज क्षेत्र की मुख्य सड़कों के चौक-चौराहों पर भारी जल-जमाव हो गया था। मैंने इसकी सूचना टाटा स्टील प्रबंधन को दी और स्मरण कराया कि लंबे अर्से से मैं जमशेदपुर में नाला आधारित योजना तैयार करने की मांग कर रहा हूं ताकि मोहल्लों का पानी आसानी से छोटे-बड़े नालों के माध्यम से निकल जाए और भारी बारिश होने पर भी जल-जमाव न हो पाए।

इस क्रम में जेएनएससी और टाटा स्टील यूवाईएसएल के अफसरों ने आश्वस्त किया था कि मानसून आने के पहले वे सभी नालों की उड़ाही करा देंगे। जहां नालों की उड़ाही हुई, वहां जल-जमाव कम हुआ है परंतु काफी स्थानों पर अभी भी नालों की क्षमता भारी बरसात का जल खींचने लायक नहीं हुआ है।
देर रात मुझे सूचना मिली कि जमशेदपुर के कई मोहल्लों के घरों में कम शाम हुई बारिश का पानी घुस गया है जिससे लोगों को काफी नुकसान हुआ है। आज सुबह सात से 11 बजे तक मैंने मथुराबागान, सरस्वती नगर, बजरंग नगर, टुईलाडुमरी के विभिन्न इलाकों का भ्रमण किया तथा नीतिबाग, गंगोत्री अपार्टमेंट आदि इलाकों की स्थिति के बारे में फोन से जायजा लिया। सबसे बदतर स्थिति मथुराबागन की थी, जहां टाटा स्टील के सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट के निर्माण के कारण जल निकासी की स्थिति बदतर हो गई है। नाला में जाली लगा देने के कारण तथा मथुराबागान की दीवार तोड़ कर पानी निकालने का रास्ता बनाने के कारण वहां के घरों में पानी घुस गया है। यहां काफी नुकसान हुआ है। लोगों ने कई सुझाव दिये जिन्हें लागू करने से हालत सुधर जाएंगे। भ्रमण के क्रम में मैंने पाया कि टाटा स्टील के सफाईकर्मी बड़ी संख्या में उन स्थलों पर पहुंच रहे हैं।
मथुराबाग में जेएनएसी द्वारा निर्मित पार्क की स्थिति बदतर है। मैं पिछले साल भर से कह रहा हूं कि जेएनएसी अपने यहां पार्क एंड गार्डेन विभाग बनाए जो जेएनएसी के पार्कों की देख-रेख करेगा परंतु जेएनएसी ने अभी तक आश्वासन के सिवाय इस दिशा में कोई काम नहीं किया है। लक्ष्मीनगर इलाके में, जहां जेएनएसी के मजदूर सफाई करते हैं, वहां कुछ दिनों से मजदूरी के लिए नहीं जा रहे हैं। इस बारे में पता करने पर ठेकेदार ने बताया कि इन सभी मजदूरों को को-आपरेटिव कालेज में लगा दिया गया है। इसकी शिकायत मैंने तत्काल पू. सिंहभूम के उपायुक्त से की और कहा कि चुनाव कार्य के लिए वे अतिरिक्त मजदूरों का प्रबंधन करने के लिए जेएनएसी को निर्देश दें। जो मजदूर मोहल्लों के कार्य में लगे हैं, उनमें कटौती न करने का भी निर्देश जेएनएसी को दें। उन्होंने इस संबंध में मुझे आश्वस्त किया है।
जमशेदपुर में मथुराबागान, मिश्रा बागान एवं अन्य स्थलों पर जल-जमाव के बारे में मेरी पहल पर आज दोपहर टाटा स्टील एवं तार कंपनी के अधिकारियों संग एक बैठक हुई जिसमें उन्होंने नाला आधारित जल निकास नीति लागू करने का आश्वासन दिया। तार कंपनी के अधिकारियों ने आश्वस्त किया कि उनकी पैक्ट्री परिसर से मिश्रा बागान होकर नाले की जगह वे एक वैकल्पिक नाला बनाने की योजना पर काम कर रहे हैं। इस बारे में अध्ययन पूरा होते ही यह योजना लागू हो जाएगी। इसके साथ ही मिश्रा बागान में खेलकूद एवं पूजा के लिए स्थल छोड़ने पर भी विचार करने का आश्वासन दिया और कहा कि जहां से भी शिकायतें आएंगी, वे जनसुविधाओं को बेहतर बनाने का प्रयास करेंगे।
मैंने उन्हें बताया कि जमशेदपुर में डबल इंजन की नगरपालिका काम कर रही है। एक नगरपालिका टाटा स्टील की है, दूसरी झारखंड सरकार की। दुखद है कि नगरपालिकाओं का डबल इंजन अलग-अलग पटरियों पर चल रहा है जिसके कारण विकास का काम जितना होना चाहिए, नहीं हो रहा है। मैंने टाटा लीज क्षेत्र के बाहर के जमशेदपुर के इलाकों में पहले की तरह बागान एरिया कमेटी बनाने और उसे सक्रिय करने का सुझाव टाटा स्टील प्रबंधन के अफसरों को दिया और कहा कि जब तक जमशेदपुर को औद्योगिक नगर घोषित करने का विवाद सुलझ नहीं जाता और इसकी घोषणा सरकार कानूनी रूप में नहीं कर देती है, तब तक जमशेदपुर के नगरपालिका दायित्वों का निर्वहन टाटा स्टील-जेएनएसी की संयुक्त टीम करे, जिसकी अध्यक्षता उपायुक्त करें। टाटा स्टील के अफसरों ने इस पर सहमति जताते हुए आश्वस्त किया कि जिस तरीके से टाटा स्टील बिजली-पानी की आपूर्ति हर इलाके में (चाहे वह लीज के भीतर हो या बाहर) करने को तैयार है, उसी तरह से शहर में साफ-सफाई की जिम्मेदारी लेने के लिए भी तैयार है। इस बारे में सरकार को स्पष्ट रूप से निर्देश देना चाहिए। मैंने उन्हें आश्वस्त किया कि लोकसभा चुनाव के बाद मैं इसके बारे में झारखंड सरकार के नगर विभाग सचिव से वार्ता करूंगा ताकि पानी और बिजली की तरह जमशेदपुर के इलाकों में सफाई का जिम्मा टाटा स्टील की कंपनी टीएसयूआईएसएल (पूर्ववर्ती जुस्को) ले ले।
भुईंयाडीह क्षेत्र में लिट्टी चौक से लेकर नदी किनारे तक जो बड़ा नाला प्रवाहित हो रहा है, उसकी सफाई अविलंब कराने तथा जगह-जगह नाले पर सड़क बना देने का प्रस्ताव मैंने टाटा स्टील अफसरों के समक्ष रखा ताकि लालभट्ठा, बाबूडीह आदि इलाकों का यातायात कल्याण नगर होकर जाने के बदले में सीधे लिट्टी चौक की सड़क पर आ जाए। टाटा स्टील के अफसोरं ने बताया कि उन्होंने पथ निर्माण विभाग के साथ एक संयुक्त सर्वे किया है ताकि लिट्टी चौक से एनएच 33 तक जाने के लिए पुल और सड़क का निर्माण अविलंब हो जाए।

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