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राष्ट्रपति द्रोपदी मुर्मू द्वारा पद्मश्री पुरस्कार मिलने के बाद डॉ० जनुम सिंह सोए का मांगो में हुआ भव्य स्वागत

राहुल सिंह तोमर जमशेदपुर। रविवार को मानगो चौक में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने राष्ट्रपति भवन में नागरिक अलंकरण समारोह में पद्मश्री डॉ. जनूम सिंह सोय को पद्मश्री पुरुस्कार 5 अप्रैल को दिल्ली में प्राप्त करने के पश्चात जमशेदपुर आगमन पर भव्य तरीके से दामा- दुमंग के थाप पर पारम्परिक नृत्य औऱ पैर धो कर स्वागत किया गया। डॉ. जानुम सोय को झारखंड की ‘हो ‘भाषा के संरक्षण व संवर्धन के लिए यह सम्मान मिला। वह पिछले 3 दशक से भी अधिक समय से इस भाषा पर काम कर रहे हैं। 72 वर्षीय जानुम सिंह हो भाषा पर 6 किताबें भी लिखी है।

डॉ जनूम सिंह सोय ने कहा कि यह सम्मान मिलना गर्व कि बात है मगर जब तक “हो” भाषा को आठवीं अनुसूची शामिल नही किया जाता तब तक हम लोगो का संघर्ष जारी रहना चाहिए, साहित्य,फिल्म,नाटक आदि पर सम्मेलन आयोजन होता रहना चाहिए।
राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति आयोग के कोल्हान विश्विद्यालय संयोजक सुरा बिरूली ने कहा कि पद्मश्री डा जानुम सिंह सोय जी का पद्मश्री सम्मान से नवाजा जाना झारखंडी अस्मिता की राष्ट्रीय सम्मान है और आदिवासी समुदाय के सामाजिक सांस्कृतिक राजनीतिक विमर्श की प्रतीक है
विभिन्न सामाजिक संगठनों द्वारा स्वागत किया गया :-
ऑल इंडिया हो लेंग्वेज एक्शन कमिटी,आदिवासी हो समाज महासभा,आदिवासी हो समाज युवा महासभा,उलिडिह,ऑल इंडिया हो फिल्म एसोसिएशन ,मानकी मुंडा संघ,हो उम्बूल ट्रस्ट,उलिडिह ग्राम सभा ,आदिवासी जनकल्याण समिति आदि ने संयुक्त रूप से स्वागत किया ।

स्वागत में सुरा बिरूली ,दुर्गा चरण बारी ,कैलाश बिरूवा ,रोशन पुरती ,शांति सिंदू,निकिता बिरूली ,सूरजू बास्के ,गोमिया सूंडी ,राय सिंह बिरुबा,माधवी बानसिंह,रामराय ,रवि सवैया ,उपेंद्र, संगीता समद ,प्रियंका ,राजकुमार ,सोमेश्वर मुर्मू आदि थे ।

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