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राजेन्द्र विद्यालय में बच्चों की मोबाईल जब्त कर पाँच हज़ार जुर्माना वसूलने के मामले पर भड़के कुणाल षाड़ंगी

कुणाल षाड़ंगी ने ट्वीट कर पूछा सवाल, 2020 से जब शिक्षा ऑनलाइन पर टिकी है तो जुर्माना कैसा?

शिक्षा विभाग ने लिया संज्ञान, दो सदस्यीय जाँच कमिटी गठित, 3 दिनों में रिपोर्ट सौंपने का निर्देश

जमशेदपुर की प्रख्यात स्कूल राजेन्द्र विद्यालय में बच्चों की मोबाईल जब्त कर फाइन के तौर पर पाँच-पाँच हजार वसूले गए हैं। जानकारी मिलते ही पूर्व विधायक सह प्रदेश भाजपा प्रवक्ता कुणाल षाड़ंगी ने शनिवार को ट्वीट कर शिक्षा मंत्री जगन्नाथ महतो और पूर्वी सिंहभूम के उपायुक्त सूरज कुमार से मामले में संज्ञान लेकर उचित हस्तक्षेप का आग्रह किया।

पूर्व विधायक कुणाल षाड़ंगी ने ट्वीट कर सवाल उठाते हुए राज्य के शिक्षा मंत्री से पूछा है कि कोविड काल में जब महीनों से शिक्षा ऑनलाइन व्यवस्थाओं पर निर्भर रही है, ऐसे में निज़ी स्कूल द्वारा वसूले गये जुर्माने का क्या औचित्य है? बच्चे एक अरसे से मोबाईल के माध्यम से शिक्षा ग्रहण कर रहे हैं। पढ़ाई की सामग्रियां मोबाईल में सेव है। अब रेफरेंस के लिए मोबाईल स्कूल लेकर चले गए तो अब ये अपराध कैसे हो गया? पहले डेढ़ सालों से लत लगाई गई और अब फाईन लिया जा रहा है जो हास्यास्पद और अविवेकपूर्ण है। कुणाल षाड़ंगी ने कहा कि स्कूल प्रबंधन इस संबंध में चेतावनी देकर या नोटिस जारी कर छात्रों को जागरूक कर सकती थी। लेकिन उसने सीधे 5000 रूपये जुर्माना लिया जो अभिभावकों पर ज़्यादती है। आखिर किस कानून के तहत स्कूल मैनेजमेंट को यह छूट प्राप्त है ? कुणाल षाड़ंगी की ट्वीट के बाद जिला शिक्षा अधीक्षक कार्यालय ने संज्ञान लेते हुए जाँच बैठाई है। शिकायत सही पाये जाने पर कठोर कार्रवाई होगी। जाँच कमिटी में क्षेत्रीय शिक्षा प्रसार पदाधिकारी सुश्री निशु कुमारी और सीआरपी संजय कुमार शामिल हैं। कमिटी को इस मामले में 03 दिनों के अंदर चार बिंदुओं पर रिपोर्ट सौंपने का निर्देश है। जिला शिक्षा अधीक्षक विनीत कुमार के निर्देश पर आरटीई सेल ने संबंधित आदेश जारी किया है।

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