मैथन पावर लिमिटेड में महिला इंजीनियर का सम्मान टाटा पावर के पारंपरिक बिजली उत्पादन में शामिल है् एकमात्र महिला कर्मचारी स्निग्धा
धनबाद। अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के उपलक्ष्य में, टाटा पावर और दामोदर वैली कॉरपोरेशन (डीवीसी) का संयुक्त उद्यम, मैथन पावर लिमिटेड (एमपीएल) ने बहुत ही अभिमानपूर्वक स्निग्धा बनर्जी की उपलब्धियों को सभी तक पहुंचाया है। स्निग्धा एकमात्र महिला कर्मचारी है जो भारत भर में टाटा पावर के थर्मल जनरेटिंग स्टेशन्स में बिजली उत्पादन के पारंपरिक स्रोतों को संभालने के कामों में शामिल है। धनबाद की रहने वाली स्निग्धा बनर्जी ने दो साल पहले बतौर डीईटी (डिप्लोमा इंजीनियर ट्रेनी) टाटा पावर में काम करना शुरू किया। आज वह मैथन पावर लिमिटेड में लीड इंजीनियर है। पिछले कई सालों से जहां सिर्फ पुरुष ही काम करते आ रहे हैं, ऐसे क्षेत्र में स्निग्धा आना और आगे बढ़ना लिंग विविधता को बढ़ावा देने और लिंग बाधाओं को तोड़ने में सफलता को रेखांकित करता है। स्थानीय ठेकेदारों और कर्मचारियों के साथ बातचीत उनका हर दिन का काम है। शुरू में यह लोग फील्ड पर एक महिला को देखने के आदी नहीं थे, लेकिन स्निग्धा ने जल्द ही अपना स्थान बना लिया। आज स्निग्धा एक प्रेरणा बन चुकी है और उन्होंने युवा महिलाओं के लिए ऊर्जा क्षेत्र में आने का मार्ग प्रशस्त किया है। टीम में एक महिला कर्मचारी का होना टाटा पावर के थर्मल उत्पादन स्टेशन्स में विविधता और समावेश की दिशा में बढ़ाया गया एक सकारात्मक कदम है। ऐसे कदम बढ़ाकर मैथन पावर लिमिटेड एक समावेशी कार्यस्थल बनना चाहता है, जो सभी कर्मचारियों को अपनासा, खुशनुमा लगे और सहायक हो, जो उद्योग की दूसरी कंपनियों के लिए एक आदर्श उदाहरण बन सकें। उनका यह लक्ष्य सभी कर्मचारियों को समान अवसर देने और बदलते सामाजिक मानदंडों के अनुरूप ढलने की कंपनी की मंशा को दर्शाता है। टाटा पावर कंपनी की संस्कृति और ऑपरेशन में सफलता को बढ़ाने में विविधता के महत्व पर ज़ोर देती है। अपने कर्मचारियों की वृद्धि और विकास को समर्थन देने के लिए कंपनी लगातार प्रयास करती है। कंपनी का लक्ष्य ज़्यादा से ज़्यादा लोगों को, खास कर महिलाओं को उन क्षेत्रों में स्थान पाने के लिए प्रेरित करना है जहां उनका प्रतिनिधित्व कम है।