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मारवाड़ी सम्मेलन के कांवर यात्रा में सिविल डिफेंस के स्वंयसेवको ने सुरक्षा व्यवस्था मे सहयोग किया

जमशेदपुर । पूर्वी सिंहभूम जिला मारवाड़ी सम्मेलन की ओर से श्रावण मास की दूसरी सोमवारी पर स्वर्णरेखा नदी से भव्य कांवर यात्रा निकाली गई. कांवर यात्रा में स्टील सिटी सुरभि शाखा की महिलाओं के अलावे सैकड़ो शिव भक्त शामिल हुए. इस दौरान अनुमंडल पदाधिकारी सह उप नियंत्रक नागरिक सुरक्षा जमशेदपुर श्री पियूष सिन्हा के निर्देश पर सिविल डिफेंस के कार्यकर्ताओ ने सुरक्षा व्यवस्था को बनाए रखने में अहम भूमिका निभाई । शोभा यात्रा में मुख्य अतिथि के रुप में सांसद बिद्युत बरण महतो भी मौजूद थे. उन्होंने सभी कांवरियों को शुभकामनाएं देते हुए कहा कि श्रावण मास पवित्र माह होता है. यह महीना भगवान भोलेनाथ को समर्पित रहता है और हर ओर उल्लास का वातावरण रहता है. सच्चे मन से की गई पूजा का फल अवश्य मिलता है. जिला मारवाड़ी सम्मेलन की ओर से कांवर यात्रा का आयोजन निःसंदेह उनकी धार्मिक भावनाओं को दर्शाता है. भगवान भोलेनाथ सभी कांवरियों की मनोकामनाएं पूरी करें. उन्होंने सिविल डिफेंस के कार्यकर्ताओ को भी शांति व्यवस्था मे अनुशासन पूर्वक सराहनीय योगदान देने की भूरी भूरी प्रशंसा की । साथ ही मारवाड़ी सम्मेलन द्वारा भी सिविल डिफेंस के सार्थक योगदान की सराहना किया गया ।

गाजे-बाजे के साथ निकली कांवर यात्रा

इससे पहले सावन के दुसरे सोमवार की सुबह 7 बजे सभी कांवरियां स्वर्णरेखा घाट, हाथी घोड़ा मंदिर के समीप एकत्रित हुए. वैदिक मंत्रोचार के साथ सभी ने नदी से पवित्र जल भरा और संकल्प लेकर गाजे बाजे के साथ सभी वहां से कतारबद्ध होकर पुराना कोर्ट होते हुए साकची गोलचक्कर आए . फिर वहां से बसंत टॉकीज होते हुए बड़ा शिव मंदिर पहुंचे. इस दौरान रास्ते में भूत-बैताल बने लोगों ने नृत्य कर कांवरियों के मन में भक्ति का संचार किया.

साकची शिव मंदिर पुहंचने के बाद सभी कांवरियों ने बारी-बारी से जलाभिषेक किया. मौके पर मारवाड़ी सम्मेलन के जिलाध्यक्ष मुकेश मित्तल सहित संतोष अग्रवाल, अरूण बांकरेवाल, सीए सुमित खंडेलवाल, लाला जोसी समेत काफी संख्या में लोग शामिल हुए. कांवरियों की अत्यधिक भीड़ के कारण जलाभिषेक का कार्यक्रम दोपहर तक चलते रहा. इस दौरान सिविल डिफेंस के पदाधिकारी सुरेश प्रसाद , डिप्टी डविजनल वार्डेन बलवंत सिंह के नेतृत्व में दो दर्जन से अधिक स्वयसेवकों ने शांति व्यवस्था बनाए रखने में अहम योगदान दिया।

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