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मारवाड़ी महिला सम्मेलन के दो दिवसीय प्रांतीय अधिवेशन में झारखंड से शामिल होगी 250 महिलाएं

बिष्टुपुर तुलसी भवन में 13-14 जनवरी को होने वाले अधिवेशन को लेकर बैठक आयोजित

जमशेदपुर। झारखंड प्रादेशिक मारवाड़ी महिला सम्मेलन का दो दिवसीय ग्यारहवा प्रांतीय अधिवेशन मंथन आगामी 13-14 जनवरी 2024 (शनिवार व रविवार) को तुलसी भवन बिष्टुपुर में होने जा रहा हैं। जिसकी तैयारियां जोर-शोर से चल रही है। इस अधिवेशन मंथन में रांची से संस्था की राष्ट्रीय अध्यक्ष नीरा बथवाल और राष्ट्रीय सचिव रूपा अग्रवाल भी शामिल रहेगी। इस अधिवेशन को सफल बनाने हेतु मारवाड़ी महिला मंच जमशेदपुर शाखा अध्यक्ष बीना अग्रवाल की अध्यक्षता में सोमवार को बिष्टुपुर तुलसी भवन में एक बैठक संपन्न हुई। बैठक में प्रमुख रूप से उपस्थित प्रांतीय अध्यक्ष मंजू खंडेलवाल ने बताया कि अब तक इस अधिवेशन में झारखंड के सभी जिलों से 250 महिलाओं के शामिल होने की स्वीकृति मिल गयी हैं। सभी महिलाओं के ठहरने की व्यवस्था तुलसी भवन, राजस्थान भवन एवं सत्यनारायण मंदिर बिष्टुपुर में की गई है। बैठक का सफल संचालन करते हुए प्रांतीय सचिव प्रभा पाड़िया ने बताया कि इस अधिवेशन को सुचारू एवं सुंदर रूप से संपन्न करने के लिए महिलाओं को अलग-अलग विभाग की जिम्मेदारी दी गई है। यातायात व्यवस्था में सुशीला खीरवाल, अनु मित्तल, संस्कृतिक प्रमुख बीना खीरवाल एवं संतोष धूत, सभागार प्रमुख सीमा अग्रवाल एवं सरस्वती अग्रवाल, भोजन विभाग प्रमुख मंजू मुसद्दी एवं सीमा जवानपुरिया, आवास विभाग सीमा जवानपुरिया एवं रानी अग्रवाल तथा रजिस्ट्रेशन विभाग सुशीला खीरवाल एवं सरस्वती अग्रवाल को सौंपा गया है। ये सभी अपने साथ चार पांच महिलाओं से सहयोग लेगी। सभी मिलजुल कर इस कार्यक्रम को सफल बनाने में लगे हुए हैं। इस अवसर पर विगत दो वर्षों में शाखों द्वारा किए गए कार्यों के आधार पर उन्हें पुरस्कृत किया जाएगा। इसी अधिवेशन में हमारी नवनिर्वाचित प्रदेश अध्यक्ष सत्र 2024-26 के लिए मंजू बगड़िया (करकेंद, धनबाद) को पदभार दिया जाएगा। साथ ही आगामी सत्र (2026-28) के लिए प्रदेश अध्यक्ष के नाम की घोषणा की जाएगी। साथ ही अनेक सत्र के दौरान कई विषय पर चर्चा की जाएगी। मंथन के दौरान हमारी क्या कमी रह गई है उसे कैसे सुधारा जा सकता है इस पर भी चर्चा की जाएगी। यह जानकारी प्रांतीय कोषाध्यक्ष सुशीला खीरवाल ने प्रेस विज्ञाप्ति जारी कर दी। सुशीला खीरवाल के अनुसार यह अधिवेशन 2 वर्षों में होता है इसलिए महिलाएं एक साथ मिलकर कहां हमारी क्या कमी रह गई है उसे कैसे सुधारा जा सकता है आदि विषय पर मंथन करेगी।

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