भाजपा नीत एनडीए की सरकार ने दस वर्षों के शासनकाल में सबसे अधिक देश के लोकतांत्रिक मूल्यों को विकृत करने का काम किया हैःशनि सिंकु
गैर राजनीतिक सामाजिक संगठन झारखंड पुनरूत्थान अभियान की एक आवश्यक बैठक
चाईबासा। गैर राजनीतिक सामाजिक संगठन झारखंड पुनरूत्थान अभियान की एक आवश्यक बैठक चाईबासा के ग्रीन होटल के बगल में जिला संयोजक पूर्व बैंक कर्मी अमृत मांझी की अध्यक्षता में संपन्न हुई। आवश्यक बैठक में मुख्य रूप से आगामी लोकसभा चुनाव पर चर्चा किया गया। मौके पर झारखंड पुनरूत्थान अभियान के मुख्य संयोजक सन्नी सिंकु ने कहा आगामी लोकसभा चुनाव को देखते हुए सभी नागरिकों को संजीदगी से अध्ययन और विश्लेषण करने की अवश्यकता है। क्योंकि इस वर्ष होने वाली लोकसभा की चुनाव भाजपा नीत एनडीए की केंद्र सरकार के दस वर्षों की कार्यसंस्कृति और इंडिया गठबंधन के मैनिफेस्टो के बीच ही होना है। यानी फिर एनडीए की सरकार बनेगी या इंडिया गठबंधन की सरकार। यह तय देश के जनता जनार्दन को अपनी बहुमूल्य मतदान के द्वारा सुनिश्चित करना है। सन्नी सिंकु ने आगे कहा भाजपा नीत एनडीए की सरकार ने दस वर्षों के शासनकाल में सबसे अधिक देश के लोकतांत्रिक मूल्यों को विकृत करने का काम किया है। इन दस वर्षों में संवैधानिक संस्थाओं को जेबी संस्था के रूप में तब्दील कर दिया है।इलेक्ट्रोल बोंड के नाम पर सबसे अधिक दान कॉरपोरेट जगत से भाजपा को प्रदान किया गया। जिस रुपया के बल पर दूसरे दल के चुने हुए विधायक या सरकार के विधायकों की खरीद फरोख्त किया गया। चाहे कर्नाटक हो या मध्यप्रदेश या महाराष्ट्र,इसी तरह से कई राज्यों में निर्वाचित सरकार के विधायकों को भयादोहन कर और रुपया के बल पर सरकार गिराने का ही काम किया है।और भाजपा के केंद्र सरकार द्वारा बनाया गया तीन किसान काला कानून के खिलाफ विरोध करने वाले किसानों को रौंदने वाला व्यक्ति को भाजपा ने उम्मीदवार घोषित किया है। यह भाजपा का एक किसन प्रेम को प्रदर्शित करता है। कोरोना के समय प्रधानमंत्री के द्वारा टीवी के सामने अचानक आकार लोकडाउन का घोषणा करने के बाद देश के विभिन्न राज्यों में फंसे प्रवासी मजदूरों की जो स्थिति बनी थी,कैसे भुलाया जा सकता है? उसी तरह से सीएए,एनआरसी के नाम पर देश में जो वातावरण बनाया गया वो देशवासियों के सामने है। जिस प्रकार से डबल इंजन की सरकार के रहते हुए मणिपुर में निर्वस्त्र करके आदिवासी महिलाओं को घुमाया गया,यह दिल दहला देने वाली घटना रहा है। लेकिन पीएम नरेंद्र मोदी एक बार भी मणिपुर नहीं गया। हालांकि देश के 47 आदिवासी सुरक्षित सीट से सबसे अधिक 2019 की लोकसभा चुनाव में 31 सांसद भाजपा से ही निर्वाचित हुए है। लेकिन सभी भाजपा के आदिवासी सांसद मणिपुर की घटना पर चुप ही रह गए। इसीलिए भाजपा ने एक आदिवासी महिला को राष्ट्रपति बनाकर और जनजातीय गौरव दिवस का आयोजन कर आदिवासी प्रतीक का पूरा लाभ लेना चाहते है। कयोंकि भाजपा को पता है आदिवासी युवक के मूंह पर पेशाब करने से भी भाजपा के आदिवासी सांसद चुप ही रहेंगे। इसीलिए कांग्रेस नेता राहुल गांधी जी ठीक बोलते है राम मंदिर के प्राण प्रतिष्ठा में राष्ट्रपति को क्यों नहीं बुलाया गया? उसी तरह से नए संसद भवन का उद्घाटन में भी उन्हें नहीं बुलाया गया। देश के छोटे व्यापारी जी एस टी के कहर से कराह रहे है। मंहगाई से देशवासियों को निजात दिलाने की घोषणा करने वाले नरेन्द्र मोदी की सरकार देशवासियों के थाली से व्यंजन ही गायब करा दिया।बेरोजगारों की ऐसे स्थिति जो इतने वर्षों में देश में सबसे अधिक बेरोजगारी दर भाजपा के शासनकाल में है। ऐसे समय में कांग्रेस के युवा नेता राहुल गांधी की एतिहासिक भारत जोड़ो यात्रा,भारत जोड़ो न्याय यात्रा को तुलनात्मक दृष्टि से देखना आवश्यक है। उनके द्वारा तैयार की जा रही मैनिफेस्टो को गौर करना जरूरी है। राहुल गांधी ने भारत जोड़ो यात्रा में सबसे अधिक ग्रामीणों और युवाओं से मिले और उनके विचार को ध्यान से सुने। उसी तरह से भारत जोड़ो न्याय यात्रा में सबसे अधिक आदिवासी, दलित, ओबीसी, अल्पसंख्यक वर्ग से मिले। जिसके कारण राहुल गांधी ने केंद्र की सरकार से यात्रा के क्रम में ही मांग करते रहे कि भाजपा नीत एनडीए सरकार जातीय जनगणना कराए। और जातीय जनगणना कराने के बाद पचास प्रतिशत देश के ओबीसी वर्गों को सभी क्षेत्रों में अपेक्षित प्रतिनिधित्व करने का अवसर प्राप्त हो।15 प्रतिशत दलितों, लगभग 15 प्रतिशत अल्पसंख्यक वर्गों को और उसी तरह से 8 प्रतिशत आदिवासियों को भी समान अवसर का लाभ मिले यह मांग लगातार कांग्रेस नेता राहुल गांधी जी कर रहे है। और अब राहुल गांधी जी यह कह रहें है इंडिया गठबंधन के सत्ता में आते ही किसानों को एमएसपी का गारंटी कानून बनाने का मैनिफेस्टो तैयार करने की बात कर रहे है।और बेरोजगार युवाओं के लिए प्रतिवर्ष 30 लाख नौकरी का भरोसा देते हुए युवा न्याय गारंटी से संबंधित कानून बनाने की मैनिफेस्टो तैयार करने की बात कर रहे है। देश के प्रत्येक ग्रेजुएट को प्रतिवर्ष एक लाख रुपया के साथ ही अप्रेंटिस और स्टाइपेंड की गारंटी की बात कह रहे है। गिग श्रमिकों के लिए पेंशन ,सामाजिक सुरक्षा और बेहतर कार्य स्थितियों की गारंटी देने की मैनिफेस्टो तैयार करने की बात कर रहे हैं। युवा रोशनी के नाम पर पांच हजार करोड़ के राष्ट्रीय कोष से जिला स्तर पर स्टार्ट अप फंड देकर युवाओं को उधमी बनाने की गारंटी देने की मैनिफेस्टो तैयार कर रहे है। बार बार प्रतियोगी परीक्षाओं में हो रही पेपर लीक की रोकथाम करने की गारंटी कानून बनाकर परीक्षा आयोजन करने में विश्वसनीयता लाने की गारंटी कानून बनाने की बात बोल रहे है। उसी तरह से आदिवासियों के जल, जंगल,जमीन पर परंपरागत रूप से सामुदायिक अधिकार को सुरक्षित रखने के लिए ग्रामसभा को मजबूत करने की लगातार बातें राहुल गांधी जी कर रहे है।
तुलनात्मक रूप से देखा जाय तो कांग्रेस की घोषणा पर अधिक भरोसा किया जा सकता है। 2004 से 2014 तक की यूपीए सरकार की घोषणा पत्र और 2014 से 2024 तक की भाजपा की घोषणापत्र को देखा जा सकता है। कांग्रेस ने जो घोषणा किया था ,अधिकतम पूरा किया। भाजपा ने जो घोषणा किया था,स्वयं ही जुमला बता दिया। कांग्रेस ने मनरेगा,जन सूचना अधिकार, वन अधिकार अधिनियम, शिक्षा का अधिकार, खाद्य सुरक्षा कानून, भूमि अधिकार अधिनियम, महिलाओं को त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव और नगर निगम,नगर परिषद चुनाव में पचास प्रतिशत आरक्षण,फुटपाथ अधिनियम सहित अन्य जनहित में कानून। भाजपा ने महंगाई समाप्त करने, युवाओं को प्रतिवर्ष दो करोड़ नौकरी, विदेशों से काला धन वापस करने, अयोध्या में भव्य राम मंदिर का निर्माण, कश्मीर से धारा 370 हटाने, सामान नागरिक संहिता लागू करने की घोषणा किया था। जिसमें आधा अधूरा निर्माणधीन राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा, कश्मीर से धारा 370 और सामान नागरिक संहिता के नाम पर जो हुआ,देश में गृहयुद्ध की स्थिति बन गई है।
उपरोक्त उल्लेखित संदर्भ पर गौर किया जाय तो जनहित में कांग्रेस नीत यूपीए की सरकार के कार्यकाल में एतिहासिक काम किया था। जबकि भाजपा नीत एनडीए की सरकार ने दस वर्षों में देश के जनता जनार्दन को भय के साए में उलझकर बड़े बड़े कॉरपोरेट हित में ही काम किया है। इसलिए झारखंड पुनरूत्थान अभियान आज की बैठक में सिंहभूम संसदीय क्षेत्र से इंडिया गठबंधन के उम्मीदवार के पक्ष में प्रचार करने पर गंभीरता पूर्वक विचार मंथन किया। इस महत्वपूर्ण बैठक में नारायण सिंह पुरती,बसंत तांती,सुनील कुमार,संजू बिरूली,समीर देवगम,उपेंद्र सिंकु,शैली शैलेंद्र सिंकु,राधामोहन बनर्जी, अंसार अहमद,जगन्नाथ दिग्गी,इंदुशेकर तिवारी,अर्जुन तम सोय,परेश सामड,अरिल सिंकु, तस्लीम अंसारी,गंगाराम दास उपस्थित थे।