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बॉय फ्रेंड से वीडियो कॉल पर बात करना पड़ा महंगा, पिता और भाई ने उतारा मौत के घाट, पुलिस को गुमराह करने के लिए लिखवाई गुमशुदगी की रिपोर्ट

चाईबासा; रेल नगरी चक्रधरपुर के चर्चित पोटका में रेल कर्मचारी के 20 वार्षिय युवती सादिया कौशर का हत्यारा पिता और पुत्र ही निकला. सोमवार को पश्चिमी सिंहभूम जिला के एसपी आशुतोष शेखर ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर उक्त जानकारी दी. चाईबासा में आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में एसपी ने बताया कि चक्रधरपुर के पोटका ईचिंडासाई निवासी रेल कर्मचारी मोहम्मद मुस्तफा अहमद ने 8 फरवरी को रात्रि में अपनी 20 वार्षिय पुत्री सादिया कौशर किसी से वीडियो कॉलिंग पर बात कर रही थी यह दृश्य देखकर पिता मो. मुस्तफा ने अपने आपा खोया और बेटी को पिटाई कर दी. बाद में उसे मृत समझ कर सभी डर गया. इसके बाद लाश को ठिकाना लगाने के लिए सोचने लगे तभी मो. मुस्तफा उनके बेटे 18 वार्षिय शेख मो. बकाश और 25 वर्षीय मो. साद ने अपने घर से 20 कदम की दूरी पर मनोज साह के बंद चार दिवारी घेराव में स्थित कुआं में शव को ईंट बांध कर फेंक दिया था.

घटना के बाद 9 फरवरी को मो. मुस्तफा ने अपनी बेटी सादिया कौशर के गुमशुदगी का मामला चक्रधरपुर थाना में दर्ज कराया था. साथ ही उन्होंने कई लोगों के नाम भी पुलिस को बताया था और इधर मो. मुस्तफा के परिजन वेपरवाह होकर घूमने लगे.पुलिस अभी जांच कर ही रही थी कि 13 फरवरी को पोटका में जहां शव फेंका गया था उसी स्थान पर रोहित साह अपने छोटे भाई विवेक साह का आकस्मिक निधन पर श्राद्ध कर्म कर रहे थे. इस बीच टेंट लगा था लोगों का आना जाना भी था. लेकिन किसी को इस बात की खबर नहीं था कि कुएं में लाश. जब श्राद्ध कर्म खत्म हो गया तो टेंट कुर्सी उठा रहे थे तभी अचानक बदबू उठा. तो लोगों ने जाकर कुआं में देखा तो कुआं में सड़ी गली लाश पड़ा हुआ है. बाद में पुलिस उसे बाहर निकाला तो देखा वह लड़की सादिया कौशर हैं.
बाद में नितिका का पिता मोहम्मद मुस्तफा ने इसकी पुष्टि की. लाश देखकर इसे लेकर स्थानीय लोगों में काफी आक्रोश था और सड़क जाम कर दिया गया. बाद में देर रात पुलिस डॉग स्कॉट के सहारा हत्या की गुत्थी सुलझाने में लगी. एसपी ने कहा कि शव मिलने के बाद मो. मुस्तफा ने बेटी सादिया कौशर की बलात्कार कर हत्या कर देने के लिखित शिकायत चक्रधरपुर थाना में दर्ज कराया था. इस घटना के बाद पोड़ाहाट एसडीपीओ कपिल चौधरी, चक्रधरपुर थाना प्रभारी चंद्रशेखर कुमार, अवर निरीक्षक संतोष कुमार ,गुप्ता सुरेंद्र कुमार विवेक पाल ,सहित पुलिस के जवान का एक टीम गठन कर पूरे मामले की जांच पड़ताल शुरू की.पुलिस ने जांच उपरांत जब युकती सादिया कौशर का मोबाइल ट्रैक किया गया तो उसके घर में ही पाया गया गया. उसके बाद पुलिस कसक और गहराता गया और आखिर 6 दिन बाद पूरे मामले का उद्भेदन किया गया. एसपी आशुतोष शेखर ने बताया कि घटना में शामिल तीनों लोग ने अपना जुर्म कबूल लिया. पुलिस सोमवार को प्रेस कांफ्रेंस करने के बाद तीनों को जेल भेज दिया.

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