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पूर्वी सिंहभूम जिले के विधायक सरयू राय ने किया भारत के राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद से मुलाकात, शहर की जनता का हक दिलाने की उठायी आवाज


जमशेदपुर. पूर्वी सिंहभूम जिले के विधायक सरयू राय ने भारत के राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद से मुलाकात की. श्री राय ने मुलाकात कर राष्ट्रपति को एक ज्ञापन सौंपा. उसके बाद अपनी आने वाली पुस्तक को भी दिया. उन्होंने इस मुलाकात को शिष्टाचार मुलाकात बतायी. श्री राय ने कहा कि पुरानी यादें ताजा हुई. बिहार-झारखंड के बारे में संस्मरण साझा हुए. जमशेदपुर में जन-सहभागिता युक्त नगर निकाय के गठन के लिये सार्थक हस्तक्षेप का आग्रह किया. विषय की विस्तृत जानकारी राष्ट्रपति को दी. राष्ट्रपति ने ध्यानपूर्वक उनकी बातों को सुना और आवश्यक पहल का आश्वासन दिया. उन्होंने एक ज्ञापन सौंपकर भारत का संविधान के 74 वें संशोधन के प्रावधान के अनुरूप झारखंड राज्य के जमशेदपुर शहर में अब तक नगरपालिका का गठन नहीं होने तथा यहां के नागरिकों को इस संबंध में विधिसम्मत अधिकार से वंचित रखे जाने के संबंध में भी जानकारी दी. उन्होंने राष्ट्रपति को बताया कि जमशेदपुर में एक विधि सम्मत नगर निकाय का गठन झारखंड सरकार करे. 2005 में झारखंड सरकार ने जमशेदपुर में नगर निगम गठित करने का निर्णय किया था. विधानसभा से इसके लिए एक अधिनियम पारित हुआ था, लेकिन यह निर्णय लागू नहीं हो सका. नतीजा है कि 1973 में हुए संविधान संशोधन में वृहत्तर शहरी क्षेत्रों के लिए नगर निगम या औद्योगिक शहर गठित करने का प्रावधान होते हुए भी अब तक यहां इसका गठन नहीं हो सका है. उन्होंने इसमें संविधान के अनुच्छेद 243 क्यू का प्रावधान को भी अंकित किया है. उन्होंने राष्ट्रपति को बताया है कि संविधान के अनुच्छेद 243 क्यू में लघुत्तर शहरी क्षेत्रों लिये “नगर परिषद” और ग्राम से शहर में संक्रमणशील क्षेत्रों के लिये “नगर पंचायत” के गठन का प्रावधान है. संविधान के 74वें संशोधन के पूर्व लघुत्तर शहरी क्षेत्रों के नगर निकाय “नगरपालिका” और संक्रमणशील क्षेत्रों के नगर निकाय “अधिसूचित क्षेत्र समिति” कहे जाते थे. 74वें संशोधन के प्रावधानों को लागू करने के लिये एक वर्ष की समय सीमा निर्धारित की गयी थी. विडम्बना है कि इतने वर्ष का समय बीत जाने के बावजूद जमशेदपुर में अभी तक “जमशेदपुर अधिसूचित क्षेत्र समिति” ही पूर्ववत कार्यरत है, जो संविधान सम्मत नहीं है. जमशेदपुर एक वृहतर शहरी क्षेत्र है. 74वें संविधान संशोधन के उपरांत एक वर्ष के भीतर यहाँ पर “नगर निगम अथवा औद्योगिक शहर” की स्थापना होनी चाहिये थी. परंतु ऐसा न होकर संक्रमणशील शहरी क्षेत्रों के लिये संशोधन के पूर्व में गठित की गई “जमशेदपुर अधिसूचित क्षेत्र समिति” ही यहां पर अभी भी कार्यरत है. उन्होंने बताया है कि जमशेदपुर के एक जनप्रतिनिधि के नाते वे वर्ष 2005 के बाद से अनेक बार राज्य सरकार, केन्द्र सरकार एवं राज्य में अन्य सक्षम प्राधिकारों के समक्ष यह विषय उठा चुके हैं, लेकिन अभी तक इसका हल नहीं निकला है. जमशेदपुर में एक ऐसा नगर निकाय कार्यरत है, जो संविधान सम्मत है. जमशेदपुर के नागरिक सामान्य नगरपालिका सेवाएं प्राप्त करने तथा एक विधि-सम्मत नगर निकाय का गठन करने में अपना वैधानिक योगदान देने के संविधान सम्मत अधिकार से लंबे समय से वंचित हैं. उन्होंने कहा है कि देश के संविधान एवं संविधान प्रदत्त नागरिक अधिकारों के सर्वाच्च संरक्षक के रुप में राष्ट्रपति ही होतै हैं. अतः जमशेदपुर के नागरिकों को नगर निकाय गठन का संविधान प्रदत्त अधिकार दिलाने तथा जमशेदपुर में एक संविधान सम्मत नगर निकाय के गठन का मार्ग प्रशस्त करने की मांग रखी है और कहा है कि केंद्र सरकार, झारखंड सरकार एवं अन्य सक्षम प्राधिकार को इस दिशा में शीघ्रातिशीघ्र निर्णय लेने के लिए आवश्यक निर्देश देने का कष्ट करना चाहेंगे.

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