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आदिवासी समाज अपने उज्ज्वल भविष्य के लिए सिंहभूम लोकसभा सीट से जेएमएम को जिताने का काम करें : बोबोंगा

लोकसभा चुनाव 2024 सिंहभूम सीट


जगन्नाथपुर / चाईबासा। भारतीय जनता पार्टी द्वारा विशेष कर कोड़ा दम्पत्ति ने आदिवासी वोट को बांटने के लिए आदिवासी हो महासभा को दो गुट में बांटने और तोड़ने की कोशिश पूरी तरह से जनता ने नाकाम कर दिया है। उक्त बातें झारखंड आंदोलनकारी नेता और जगन्नाथपुर विधानसभा के पूर्व विधायक श्री मंगल सिंह बोबोंगा ने कही है।उन्होंने स्पष्ट रूप से कहा कि आज पुरा देश में आदिवासी एकजुट हो गए हैं।मणिपुर की घटना को आदिवासी समुदाय कभी नहीं भुला सकता है। आदिवासी समाज के सभी तबका के लोग मणिपुर में आदिवासी समुदाय के लोग पर अत्याचार और जुल्म ढाने का बदला इस चुनाव में भाजपा के खिलाफ वोट कर के लिया जाएगा। झारखंड में जेएमएम ही आदिवासी का पार्टी है, जिसे अबुआ पार्टी मानते हैं और आबुआ नेता के रूप मात्र दिशोम गुरु शिबू सोरेन हैं। आदिवासी की पहचान तीर धनुष है। झारखंड में बीजेपी आदिवासी समाज को बांटने का प्रयास कर रही है, जिसे आदिवासी समाज के पढ़ा लिखा युवा वर्ग के लोग डोर टू डोर कैंपेन करके एक जुट कर रहे हैं। जिसके लिए समाज के युवा पीढ़ी को हम धन्यवाद करते हैं।आज भाजपा दस साल की उपलब्धि को गिनाने में नाकाम है। मात्र हिन्दू मुस्लिम का मुद्दा बना कर फिर से सत्ता में आने का प्रयास कर रही है। श्री मंगल सिंह बोबोंगा ने यह भी कहा कि बीते दो चरणों के मतदान में भाजपा की हालत खराब होने से मोदी की अपने भाषण में सांप्रदायिक सौहार्द बिगाड़ने वाले बोली बोलने लगे हैं। सिंहभूम जिला में झामुमो की प्रत्याशी जोबा मांझी की ईमानदार और सादगी वाला छवि के आगे हजारों करोड़ के घोटाला बाज मधु कोड़ा की पत्नी भाजपा प्रत्याशी गीता कोड़ा पर भारी पड़ रही है। श्री बोबोंगा ने यह भी खुलासा किया कि कुछ निर्दलीय प्रत्याशी को भाजपा फाइनेंस कर रही है,ऐसी सूचना भी मिल रही है कि कुछ निर्दलीय प्रत्याशी को अपने पक्ष में प्रचार प्रसार करने के लिए आर्थिक प्रलोभन भी दिया जा रहा है। भाजपा अपने चिर परिचित तरीके से धन बल पर आदिवासी वोट को खरीदने और समाज को तोड़ने का काम कर रही है। मैं आदिवासी समाज से कहना चाहता हूं कि आदिवासी एकता बनाए रखने के लिए एक मंच पर आए।
बोबोंग ने साफ शब्दों में कहा कि यह चुनाव आदिवासी समुदाय के आने वाली पीढ़ी के भविष्य तय करने वाली है, इसलिए आदिवासी समाज अपने हित में भाजपा के खिलाफ वोट करने का काम करेगी। देश के प्रधानमंत्री पश्चिम बंगाल के संदेशखाली के पीड़िता को वाई श्रेणी की सुरक्षा दे कर यह साबित कर दिया है कि मणिपुर की आदिवासी पीड़िता को हम नहीं जानते हैं और आदिवासी का महत्व भाजपा की नजरों में कुछ भी नहीं है।

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