पश्चिम बंगाल पंचायत चुनाव हिंसा:सुकांत मजूमदार ने गृहमंत्री को लिखा पत्र,जानें
राजेश कुमार झा
हाइलाइट्स
पत्र में सवाल, सीएम ममता बनर्जी ने सुरक्षा के आदेश पर रिव्यू पिटीशन क्यों दी?
अमित शाह को लिखें पत्र में दी TMC कार्यालय के पास मिल रहे बम और हथियार की जानकारी
कोलकाता. पश्चिम बंगाल में पंचायत चुनाव के दौरान सामने आ रही हिंसा और अराजकता की घटनाओं को देखते हुए पश्चिम बंगाल भाजपा अध्यक्ष सुकांत मजूमदार ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को पत्र लिखकर यहां के सुरक्षा हालातों में तत्काल हस्तक्षेप करने का अनुरोध किया है. पंचायत चुनाव के लिए नामांकन दाखिल करने जा रहे तृणमूल कांग्रेस और भाजपा समर्थकों के बीच हुई झड़प होने की घटना में करीब तीन लोगों की मौत हो गई. नामांकन के आखिरी दिन दक्षिण 24 परगना जिले के भांगर और बीरभूम जिले के सैठिया से भी हिंसा की घटनाएं सामने आई हैं.
पश्चिम बंगाल भाजपा अध्यक्ष सुकांत मजूमदार ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को जो पत्र लिखा है उसमें पंचायत चुनावी प्रक्रिया के दौरान हो रही हिंसा और हत्या की घटनाओं पर संज्ञान लेने का अनुरोध किया है. उन्होंने लिखा, ‘मैं आपका ध्यान पश्चिम बंगाल में, विशेषकर राज्य में आगामी पंचायत चुनावों के संबंध में, खतरनाक और बिगड़ती अराजकता की स्थिति की ओर आकर्षित करने के लिए लिख रहा हूं. वर्तमान परिदृश्य नागरिकों की सुरक्षा और भलाई और लोकतांत्रिक प्रक्रिया के निष्पक्ष संचालन के लिए यह गंभीर चिंता का विषय है.’
ममता की मंशा पर उठाए सवाल
उन्होंने कहा कि कोलकाता हाईकोर्ट सुरक्षित और निष्पक्ष चुनाव प्रक्रिया की आवश्यकता को समझते हुए पंचायत चुनाव के लिए पूरे राज्य में केंद्रीय बलों की तैनाती का आदेश दिया था. इस पर ममता बनर्जी सरकार ने समीक्षा याचिका दाखिल कर संदेह की स्थिति पैदा की है. उनकी मंशा केंद्रीय बलों की तैनाती में बाधा डालने की है. पश्चिम बंगाल में हाल ही में हुई हिंसा और आतंकी गतिविधियों की घटनाओं ने गंभीर रूप ले लिया है.
टीएमसी कार्यालय के पास मिल रहे बम
उन्होंने कहा कि जब टीएमसी कार्यालय के पीछे स्थित एक घर से 20 बम बरामद किए गए हैं. बीरभूम जिला में अवैध हथियारों और विस्फोटकों की मौजूदगी लोगों की सुरक्षा और चुनावी प्रक्रिया के लिए गंभीर खतरा है. पश्चिम बंगाल पंचायत चुनावों के लिए नामांकन दाखिल करने के समापन पर, हिंसक घटनाओं के कारण तीन व्यक्तियों की जान चली गई, और कई अन्य घायल हो गए.
चुनावी प्रक्रिया के दौरान फायरिंग और आगजनी की घटनाएं खतरनाक संकेत दे रही हैं. गृह मंत्री अमित शाह को लिखे पत्र में उन्होंने कहा कि यदि तत्काल कार्रवाई नहीं की गई तो यह प्रवृत्ति और बढ़ सकती है.