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पंचायत भवन में हुईअनियमितता को लेकर अनुमंडल पदाधिकारी को सौंपा ज्ञापन

बहरागोड़ा: बहरागोड़ा प्रखंड के कुमारडूबी पंचायत भवन मरम्मती,सुसज्जीकरण और कोविड-19 के खर्च के लिए राशि में भारी अनियमितता के जांच के विषय में बरसोल के समाजसेवी सह अधिवक्ता ज्योतिर्मय दास ने घाटशिला अनुमंडल पदाधिकारी कार्यलय में ज्ञापन सौंपा। उक्त ज्ञापन में लिखा गया है कि गांवों के सर्वांगीण विकास के लिए पंचायती राज का गठन किया गया है ताकि समस्या को गांव के लोग आपस में मिलकर सुलझा सके और गांवों की छोटी छोटी समस्या को पंचायत के मुखिया, सचिव एवं ग्रामवासी मिलकर दूर कर सकें। इसके लिए ग्राम पंचायत में मूलभूत चौदहवें एवं वर्तमान में पंद्रहवें वित्त व पंचायत को टैक्स वसूली की योजनाओं से पंचायत की खाते में राशि आती है जिससे पंचायत की आवश्यकता अनुसार खर्च किया जाता है। परंतु संभाग के अनुरूप बहरागोड़ा प्रखंड के कुमारडुबी पंचायत में इस योजना का पैसा विकास के बजाय फर्जी बिल,बिना टिन नंबर एवं जीएसटी नंबरों के बिलों पर लाखों का भुगतान किया जा रहा है जिससे शासन को जहां एक ओर लगातार राजस्व की क्षति हो रही है। अपने मन पसन्द वेंडर से पंचायत में मनमाने दामों में सप्लाई कर सरकार को चूना लगाया जा रहा है। जन सूचना का अधिकार अधिनियम-2005 के तहत बहरागोड़ा प्रखंड से प्राप्त सुचना के अनुसार निम्नलिखित अनियमितता पाई गई है जो पंचायत भवन मरम्मत के लिए खर्च राशि का भुगतान कच्चा बिल से किया गया है। जो आइटम में जीएसटी नहीं है उसको छोड़ के बाकी जिन आइटम में जीएसटी है उनके लिए जीेएसटी का बिल अनिवार्य है। परंतु यंहा हर बिल में बिना टिन नंबर एवं जीएसटी नंबरों के भुगतान किया गया है। ऊपर से बिल में किसी तरह सीरियल नंबर नहीं है। ध्यान से देखने से बिल कंप्यूटराइज एडिट लगता है। बिलों में उचित मूल्य से कोई गुना ज्यादा बड़ा के दर लिखा गया है। पंचायत भवन मरम्मत के लिए मजदूर का भुगतान दर्शाया गया है। जबकि टेक्स जानकारों के अनुसार लेबर सप्लाई पर 18 प्रतिशत जीएसटी देना होता है,जो कि नही दिया गया है।
पंचायत भवन सुसज्जितकरण से समन्धित 15 सीलिंग फ़ेन और 6 हाई स्पीड वाल फ़ेन पंचायत भवन के लिए खरीदा गया है। भुगतान रशीद में एक सीलिंग फ़ेन का कीमत 3990/- रुपिया और वाल फ़ेन का 4990/- रुपिया दिखाया गया है लेकिन हकीकत में पंचायत भवन में लोकल सीलिंग और वाल फ़ेन लगया गया है। जिसका एक का बाजार मूल्य लगभग 1400/- रुपिया और 2500/- रुपिया है। सनडिक्स पेन ड्राइव 64 जीबी का बाजार मूल्य 400 रुपिया है जबकि यंहा 1800/- रुपिया में खरीदा गया है।
डेल लैपटॉप कोर आई 3, एप्सन प्रिंटर, एस टाइप आराम चेयर,थ्री सीटर निकल चेयर आदि सामानों में भारी मात्रा में बाजार मूल्य से ज्यादा राशि से क्रय करके के बन्दर बाँट किया गया है। 2020 से 2022 तक कोविड-19 से सम्बंधित सामान क्रय में भी हेरा फेरी हुई 08/07/2020 को 15900/- और 39,244/- रुपिया में पंचायत के लिए हाइड्रोक्लोराइड लिकिऊड, ब्लीचिंग पाउडर,स्प्रे मशीन,लेबर चार्ज एवं क्लॉथ फेस माक्स और हेंड सेनिटाइजर में खर्च किया गया है। दिनांक- 18/01/2021 को 27,575/- रुपिया में हाइड्रोक्लोराइड,ब्लीचिंग पाउडर,क्लॉथ फेस माक्स और पुनः एक और स्प्रे मशीन जिसका कीमत 5300/- दिखाया गया है। दिनांक- 05/07/2021 को 1,03,800 रुपिया में पुनः एक और स्प्रे मशीन खरीदा गया है जिसका कीमत 5300/- रुपिया, बिल के अनुसार अब तक पंचायत में कुल 3 स्प्रे मशीन हो चुका है। फोग मशीन जिसका कीमत 27900/- रुपिया, बाजार मूल्य से कोई गुना ज्यादा कीमत से खरीदा गया है। अभी तक पंचायत में एक भी आदमी फोग मशीन देखने का दूर नाम तक नही सुना होगा,अभी तक किसी भी रूप से इस्तेमाल नही हुआ है। इस तरह एक क्लॉथ माक्स 21 रुपिया में खरीद हुया है।
सबसे बड़ी बात एक प्लास्टिक बाल्टी एवं जग का बाजार मूल्य ज्यादा से ज्यादा 500/- रुपिया जब कि यंहा 2000/- रुपिया में लिया गया है।
जीएसटी लागू होने से पहले दावे किए जा रहे थे कि, पंचायतों के यह फर्जीवाड़े जीएसटी लागू होने के बाद खत्म हो जाएंगे लेकिन यह सिर्फ भ्रम साबित हुआ। जीएसटी के बाद यह फर्जीवाड़े बंद नहीं हुए बल्कि सुरक्षात्मक ठगी हो गई है। इस तरह पंचायत में हर एक बिल में मनमाने दामों में सप्लाई कर सरकार को चूना लगा रहे है। आश्चर्य तो इस बात का है बिलों का भुगतान भी हो रहा है लेकिन इसकी खबर प्रखंड के अधिकारियों को भी नहीं है जो यह दर्शा रहा है कि पंचायतों में किस हद तक लापरवाही चल रही है और मिलीभगत से कैसे शासकीय राशि का दुरूपयोग किया जा रहा है।
श्री दास ने पंचायतों में हो रहे भ्रष्टाचार की जांच कराकर दोषी फर्म संचालक सहित जिम्मेदार अधिकारियों और कर्मचारियों पर उचित कार्यवाही की मांग की।

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