नबी की पैदाइश: घर-घर जियारत, पैगंबर-ए-इस्लाम की शान में रतजगा
प्रयागराज;पैगंबर-ए-इस्लाम की पैदाइश पर मुस्लिम इलाकों में रात भर रतजगा कर जियारत की गई। इस दौरान मुस्लिम इलाकों में घरों, मस्जिदों और खानकाहों तक को सजाकर इस्लामी झंडे फहराए गए। मस्जिदों में जियारत के लिए लोग उमड़ पड़े। हालांकि इस खुशी के मौके पर कोविड प्रोटोकॉल की वजह से जुलूस नहीं निकाले जा सके। अलबत्ता फातेहाख्वानी और महफिलों के जरिये खुशी का इजहार किया गया।
खानकाहे अजमली की रवायात के मुताबिक 12 रबीउल अव्वल को दायरा शाह अजमल की मस्जिद में जियारत कराई गई। खानकाह के मौजूदा सज्जादानशीन सैयद जर्रार फाखरी ने परंपरा का जिक्र किया। इस दौरान अकीदतमंदों ने सलाम पढ़ कर अपनी भावना का मुजाहिरा किया। साथ ही दुआएं मांगी गईं। इस दौरान खास तौर से पैगंबर हजरत मुहम्मद-ए- मुस्तफा की पलकों के बाल की जियारत करने के लिए अकीदतमंद रात भर जागते रहे। इसके अलावा शमां, तस्बीह, दो तलवारों की भी जियारत कराई गई। कोरोना प्रोटोकॉल के मद्देनजर इस बार मस्जिदों के भीतर ही जश्न मनाया गया। नबी की पैदाइश की खुशी में जुलूस नहीं निकाले जा सके। खानकाह के अंदर अकीदतमंद महिलाओं को भी जियारत कराई गई।
इस दौरान नायब सज्जादानशीन सैयद अरशद जकी फाखरी, अनस निजामी, अदीब फाखरी, नूर सफी फाखरी, मतलूब निजामी, मनसूब निजामी, जफर, मजहर निजामी, अख्तर अजीज, नूरुल ऐन, मस्जिद के पेश इमाम मौलाना शमशेर आजम और मौलाना नौशाद आलम भी उपस्थित थे।
मुल्क की बरकत की मांगी दुआएं, परोसे गए पकवान
प्रयागराज। बारावफात के मौके पर उलेमाओं की ओर से मुल्क में अमनो अमान और खैरोबरकत की दुआएं मांगी गई। खानकाहे अजमली दायरा शाह अजमल में पिछले सौ सालों से हो रही इस जियारत के मौके पर अकीदतमंदों का तांता लगा रहा। अंजुमन गुंचा-ए-कासिमियां के प्रवक्ता सैयद मोहम्मद अस्करी के मुताबिक कोविड प्रोटोकॉल का सख्ती से पालन कराया गया। इस दौरान दिन भर खानकाहों, इबादतगाहों और घरों में मीठे व्यंजन परोसे गए और फातेहाख्वानी भी कराई गई।
नबी की पैदाइश पर अकीदतमंदों ने रखा रोजा
प्रयागराज। नबी की पैदाइश की खुशी में मंगलवार को बड़ी संख्या में लोगों ने रोजा भी रखा। इस रोजे की फजीलत नमाज- ए-फजिर में उलेमाओं ने बयान की। मगरिब की अजान के बाद लोगों ने रोजा खोला और मुल्क से जल्द से जल्द कोरोना महामारी के खात्मे के के लिए खास दुआ भी की।