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कार्यक्रम में मुख्यमंत्री का नही आना विधायक समीर मोहंती की साजिश, शहीद का हुआ अपमान : डॉ संजय गिरी


बहरागोड़ा:- गलवान वीर शहीद गणेश हांसदा के मूर्ति अनावरण में माननीय मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के नही आने का मुख्य कारण विधायक समीर मोहंती है। उन्होंने शहीद के परिवार समेत संस्था एवम गांव के पूरे लोगो को अंधेरे में रखा कि मुख्यमंत्री आयेंगे। ये बातें सम्पूर्ण मानवता कल्याण संघ एवम गलवान वीर शहीद गणेश हांसदा स्मारक सेवा समिति के अध्यक्ष डॉ संजय गिरी ने कहा। उन्होंने कहा की मुख्यमंत्री के पास पूरे राज्य को संभालना है उनकी व्यस्तता हो सकती है लेकिन सबको अंधेरे में रखना विधायक की गलती है। उन्होंने शहीद का अपमान किया है। इतना ही नहीं विधायक समीर महंती ने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन तक झूठी अफवाह फैला दिया की बहरागोड़ा में आने से उनका विरोध होगा। जबकि सच्चाई यह है की हजारों की संख्या में ग्रामीण अपने लोकप्रिय मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के आने का देर शाम तक इंतजार करते रहे। डॉक्टर संजय गिरी ने कहा कि राज्य के परिवहन मंत्री चंपई सोरेन का आना हम सबके लिए सम्मान की बात रही। चंपई सोरेन हम सबके अभिभावक है उनके दिशानिर्देश में कार्यक्रम करना हम सबके लिए सौभाग्य रहा। लेकिन जिस तरह का काम विधायक समीर मोहंती ने किया यह दुखद है। इस कार्यक्रम के जरिए चंपई सोरेन समेत पूरे विधानसभा के लोगो में किसी को भी ठेस पहुंची हो तो हम उसके लिए क्षमाप्रार्थी है।
डॉक्टर संजय गिरी ने कहा कि वीर शहीद गणेश की मूर्ति बनवाने के पीछे उनका मुख्य उद्देश्य रहा की युवाओं को देश के प्रति और सेना के प्रति सम्मान बढे और भी सेना में बढ़-चढ़कर योगदान दें।
इसके साथ ही डॉक्टर संजय जी ने कहा कि उद्घाटन समारोह में शामिल हुए विधायक गण जिला प्रशासन के पदाधिकारी और हजारों की संख्या में ग्रामीणों के प्रति आभार प्रकट करते हैं। जिनका इस कार्यक्रम को सफल बनाने में अहम योगदान रहा।
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के निर्देश में इतने अच्छे सरकार के रहते हुए भी सता दल के विधायक होने के बावजूद इन्होंने पिछले दो साल से शहीद परिवार की सुध नहीं ली। यहां तक कि मूलभूत सुविधाओं से भी शहीद परिवार को कोसों दूर रखा। यहां तक कि घर में गैस सिलेंडर और बिजली तक नही दिला पाए। और आज दो साल की कड़ी मेहनत के बाद कार्यक्रम का सफल आयोजन न हो ऐसी साजिश करते हुए समीर मोहंती ने झारखंड के वरिष्ठ नेता चंपई सोरेन का भी अपमान किया।

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