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धार्मिक पुस्तकों से विमुख हो रहे हैं बच्चे

जमशेदपुर। बच्चे अब धार्मिक पुस्तक पढ़ने में बहुत रुचि नहीं लेते। किताब पढ़ने वालों की संख्या बहुत कम हो गई है। किताब का स्थान अब मोबाइल ने ले लिया है। मोबाइल का नकारात्मक असर यह है कि बच्चे धर्म और संस्कृति और सभ्यता के साथ ही अध्यात्म जैसी चीजों से विमुख होते जा रहे हैं।
यह कहना है मृत्युंजय कांत शर्मा का। श्री शर्मा यहां स्वर्णरेखा क्षेत्र विकास ट्रस्ट की तरफ से लगाए गए बाल मेले में गायत्री परिवार स्टॉल के प्रभारी हैं।
इस संवाददाता के साथ बातचीत में उन्होंने बताया कि अब बच्चे किताब नहीं पढ़ना चाहते, हालांकि गायत्री परिवार हर उम्र के पाठकों के लिए अलग-अलग विषयों पर पुस्तकें प्रकाशित करता रहा है। अब बच्चे अंग्रेजी में पुस्तक मांगते हैं जबकि गायत्री परिवार हिंदी में अधिकांश पुस्तक प्रकाशित करता रहा है।
श्री शर्मा ने कहा कि इस दौर में बच्चों का धार्मिक पुस्तकों से विमुख हो जाना अच्छा संकेत नहीं है।

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