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दुर्गा पूजा में भोग बनाने की अनुमति है, लेकिन भोग का सिर्फ होम डिलिवरी कर सकती हैं पूजा समितियां

जमशेदपुर। कोरोना संक्रमण के संभाव्य तीसरे लहर को देखते हुए जिला प्रशासन दुर्गा पूजा के दौरान लोगों की स्वास्थ्य सुरक्षा को लेकर काफी संवेदनशील है । साथ ही दुर्गा पूजा को लेकर राज्य सरकार द्वारा जारी दिशा-निर्देशों से सभी पूजा समितियों को लगातार बैठक कर अवगत कराया जा रहा है । इसी क्रम में आज उपायुक्त सह जिला दण्डाधिकारी श्री सूरज कुमार ने समाहरणालय सभागार में प्रेस वार्ता कर राज्य सरकार के दिशा निर्देश से प्रेस प्रतिनिधियों को अवगत कराया तथा कोरोना संक्रमण से सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए सौहार्द्रपूर्ण वातावरण में त्योहार मनाने को लेकर जिलेवासियों से सहयोग की अपील किया ।

उपायुक्त सह जिला दण्डाधिकारी ने कहा कि कोरोना संक्रमण का प्रसार नहीं हो इस उद्देश्य से इस वर्ष पंडाल में भोग के वितरण की अनुमति नहीं दी गई है हालांकि भोग की होम डिलिवरी की जा सकती है । उन्होने कहा कि जो पूजा समितियां भोग का होम डिलिवरी करना चाहती हैं वे कोविड प्रोटोकॉल का अनुपालन करते हुए भोग बनाकर होम डिलिवरी कर सकती हैं, इस पर प्रशासन का कोई प्रतिबंध नहीं है । उन्होने बताया कि राज्य सरकार का इस संबंध में स्पष्ट दिशा-निर्देश है कि पंडाल में या उसके आसपास कोई सामुदायिक आयोजन या भीड़ एकत्रित कर भोग का वितरण नहीं किया जाना है ।

उपायुक्त सह जिला दण्डाधिकारी श्री सूरज कुमार ने कहा कि सभी पूजा समितियों को 18 वर्ष से ऊपर के वॉलंटियर रखने का निर्देश दिया गया है । कोई भी व्यक्ति जिन्होने कोविड वैक्सीन का पहला डोज लिया है उन्हें ही वॉलंटियर बनाना है, कोरोना वैक्सीन का दोनों डोज लेने वाले व्यक्ति को वॉलंटियर के लिए प्राथमिकता देने की बात कही गई है । उपायुक्त ने कहा कि कोरोना का खतरा अभी कम नहीं हुआ है, हमें अभी भी सतर्क रहने की आवश्यकता है। उन्होने बताया कि कोरोना का तीसरे वेव ने महाराष्ट्र, केरल आदि राज्यों में प्रकोप दिखाना शुरू कर दिया है ऐसे में जिलेवासियों से अपील है कि वे अपने परिवार, समाज की स्वास्थ्य सुरक्षा को देखते हुए त्योहार मनायें । समस्त जनों की भागीदारी से ही कोरोना संक्रमण के विरूद्ध जारी इस चुनौती से निपटा जा सकता है ऐसे में सभी जिलेवासियों से सहयोग अपेक्षित है ।
दिनांक-07.10.2021 को कलश स्थापना किया जायेगा तथा दिनांक-15.10.2021 को विजयादशमी के दिन प्रतिमा का विसर्जन होगा।

सरकार द्वारा दुर्गापूजा 2021 के सम्बन्ध में पूजा कमिटियों के लिए निम्न प्रकार दिशा-निर्देश जारी किया गया है

दुर्गा पूजा विशेष रूप से बनाए गए छोटे पंडालों मंडपों में की जा सकती है, जहां यह पारंपरिक रूप से किया जाता है। बिना लोगों के भागीदारी के अनुष्ठान किया जाय।
कंटेनमेंट जोन के बाहर पूजा पंडाल के निर्माण की अनुमति है।
दुर्गा पूजा पंडाल / मंडप सभी तरफ से बैरिकेडिंग किया जाएगा और आगंतुकों के प्रवेश को रोकने के लिए तीन तरफ से कवर किया जाएगा । भक्त बैरिकेड्स के बाहर दूर से ही दर्शन कर सकते हैं।पंडाल / मंडप का निर्माण किसी विषय(थीम) पर नहीं किया जाएगा। पूजा पंडाल / मंडप के आसपास के क्षेत्र में प्रकाश द्वारा कोई सजावट नहीं की जाएगी। सुरक्षा और सुरक्षा के उद्देश्य से आवश्यक प्रकाश व्यवस्था की अनुमति है। पूजा पंडाल / मंडप में और उसके आसपास कोई स्वागत द्वार/तोरण द्वार नहीं बनाया जाएगा। प्रतिमा स्थापना स्थल को छोड़कर शेष पंडाल का स्थान खुला रहेगा। मूर्ति का आकार 5 फीट से अधिक नहीं होना चाहिए ।
ध्वनि विस्तारक / माईक का उपयोग ध्वनि प्रदूषण (विनियमन और नियंत्रण) नियम, 2000 के अनुपालन में मंत्र/पाठ/आरती के सीधा प्रसारण के लिए अनुमति दी जा सकती है। सार्वजनिक संबोधन प्रणाली के माध्यम से टेप/ऑडियो/डिजिटल रिकॉर्डिंग का कोई प्रसारण नहीं किया जाएगा । पूजा पंडाल में उपस्थित रहने वाले सभी पूजा समिति के सदस्य/ पुजारी/स्वयंसेवक यह सुनिश्चित करेंगे कि कि उन्हें कम से कम एक टीका COVID-19 का लग गया है। इस अवसर पर कोई मेला आयोजित नहीं किया जाएगा। दुर्गा पूजा पंडाल/ मंडप में और उसके आसपास कोई भी फूड स्टॉल नहीं खोला जाएगा। एक समय में दुर्गा पूजा पंडाल/मंडप में आयोजकों, पुजारियों और सहयोगी स्टाफ सहित 25 से अधिक व्यक्ति उपस्थित नहीं होंगे। विसर्जन जुलूस नहीं होगा। मूर्तियों को इस प्रयोजन के लिए जिला प्रशासन द्वारा अनुमोदित स्थान (स्थानों) पर विसर्जित किया जाएगा। कोई संगीतमय या कोई अन्य मनोरंजन/ सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन नहीं होगा। कोई सामुदायिक भोज/प्रसाद या भोग वितरण समारोह आयोजित नहीं किया जाएगा । प्रसाद की होम डिलीवरी पर कोई रोक नहीं है । आयोजकों/पूजा समितियों द्वारा किसी भी प्रकार का कोई आमंत्रण जारी नहीं किया जाएगा।

पंडाल / मंडप के उद्घाटन के लिए कोई सार्वजनिक समारोह/कार्यक्रम आयोजित नहीं किया जाएगा।

पंडाल निर्माण के लिए किसी भी तरह की सड़क जाम नहीं की जाएगी।

किसी भी सार्वजनिक स्थान पर गरबा/डांडिया कार्यक्रम का आयोजन नहीं किया जाएगा।
सार्वजनिक स्थान पर रावण का पुतला नहीं जलाना चाहिए क्योंकि इससे भारी भीड़ उमड़ती है l सार्वजनिक स्थानों पर फेस कवर / मास्क पहनना अनिवार्य है ।l पंडाल में 18 वर्ष से कम आयु के व्यक्तियों को उपस्थित नहीं होना चाहिए। सार्वजनिक स्थानों पर न्यूनतम 6 फीट की दूरी बनाये रखना आवश्यक है।
पूजा पंडाल / मंडप में उपस्थित होने वाले व्यक्ति केंद्र/राज्य सरकार/जिला प्रशासन द्वारा जारी किए गए सोशल डिस्टेंसिंग, मास्क के उपयोग, व्यक्तिगत स्वच्छता और स्वच्छता के सभी COVID-19 प्रोटोकॉल का अक्षरशः पालन करेंगे ।

पूजा का आयोजन करने वाले पूजा कमिटि सदस्यों एवं आयोजन में शामिल अन्य व्यक्तियों को जिला प्रशासन/ सक्षम प्राधिकारी द्वारा लगाई गई किसी भी अन्य शर्तों का पालन करना अनिवार्य होगा।

27. दंडात्मक प्रावधान- इन उपायों का उल्लंघन करने वाले किसी भी व्यक्ति/पूजा समिति पर आपदा प्रबंधन अधिनियम 2005 की धारा 51 से 60 के प्रावधानों के अनुसार कार्यवाही की जा सकती है, इसके अलावे आई.पी.सी की धारा 188 एवं अन्य सुसंगत कानूनी प्रावधानों के तहत कार्रवाई की जायेगी ।

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