दुनिया मे कितनी कड़ी से कड़ी मुसीबत आए उसका का सामना हर नैतिकवान पुरुष को करना होगा
मुसीबत को उपहार के रूप मे स्वीकार करना होगा तभी *मनुष्य अपने जीवन में बड़ा से बड़ा कार्य कर सकता है
जमशेदपुर। आनंद मार्ग प्रचारक संघ की ओर से आनंद मार्ग जागृति गदरा में नीलकंठ दिवस मनाया गया इस अवसर पर 3 घंटे का “बाबा नाम केवलम “अखंड कीर्तन का आयोजन किया गया 12 फरवरी 1973 को आनंद मार्ग के संस्थापक गुरु आनंदमूर्ति को बिहार के पटना बांकीपुर सेंट्रल जेल में इंदिरा की तानाशाही कांग्रेस सरकार के द्वारा चिकित्सा के नाम पर दवा के रूप में जहर दिया गया था। इसका असर पूरे शरीर पर प्रकृति के अनुकूल पड़ा। आनंदमूर्ति के पूरे शरीर सिकुड़ गई आंखों की रोशनी चली गई सर के बाल उड़ गए सभी दांत झड़ गए। उसके बावजूद भी गुरु आनंद मूर्ति जीवित रहे 12 फरवरी के दिन आनंद मार्गी पूरे विश्व में नीलकंठ दिवस के रूप में मनाते हैं। इस ऐतिहासिक दिन के अवसर पर आनंद मार्ग के संस्थापक के जीवन के विषय में बताते हुए आचार्य नवरुणानंद अवधूत ने कहा कि आनंदमूर्ति ने विष का पान कर दुनिया को यह बतला दिया कि दुनिया मे कितनी कड़ी से कड़ी मुसीबत आए उसका का सामना हर नैतिकवान पुरुष को करना होगा ना कि मैदान छोड़कर भाग जाना होगा। मुसीबत को उपहार के रूप में स्वीकार करना होगा तभी मनुष्य अपने जीवन में बड़ा से बड़ा कार्य कर सकता है।सुख और दुख दोनों एक ही सिक्के के दो पहलू हैं जहां सुख है। वहां दुख भी है केवल सुख रहने से ही जीवन का अनुभव कभी नहीं हो सकता। दुख का आना भी मनुष्य के जीवन में जरूरी है क्योंकि इससे मनुष्य को तथा आने वाली पीढ़ी को मुसीबत का सामना कैसे किया जाए सीखने का मौका मिलता है।
नीलकंठ दिवस के अवसर पर इस अवसर पर गदरा आनंद मार्ग जागृति में लगभग 100 नारायणो को भोजन कराया गया एवं उनके बीच 100 साड़ी एवं धोती का वितरण किया गया
जमशेदपुर आनंद मार्ग टीम के द्वारा चक्रधरपुर सीलपोरी शांति नगर में नीलकंठ दिवस के अवसर पर मोतियाबिंद ऑपरेशन के लिए जांच शिविर का आयोजन पुर्णिमा नेत्रालय के सहयोग से आयोजित किया गया जिसमें लगभग 80 लोगों की आंखों की जांच हुई इसमें लगभग 35 रोगी मोतियाबिंद के लिए चयनित हुए जिनका ऑपरेशन 15फरवरी को पूर्णिमा नेत्रालय में किया जाएगा।
नीलकंठ दिवस के अवसर पर लगभग एक सौ लोगों के बीच फलदार पौधे का वितरण किया गया अमरूद, कटहल, आम, आंवला, पपीता एवं छोटे पौधे फूल के भी वितरित किए गए।
इस कार्यक्रम में भुक्ति प्रधान योगेश, तात्विक पारसनाथ , सुधीर सिंह, कार्तिक महतो विजय,अमित एवं सुनील आनंद तथा अन्य लोगों का भी सहयोग रहा।