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दिवाली के त्यौहारों में ऐसे उत्पादों से घर रोशन करे जिसमे मेक इन इंडिया के पसीने की महक हो

देश में 3.5 लाख करोड़ से ज़्यादा की त्यौहारों की बिक्री का अनुमान

जमशेदपुर। नवरात्रि से शुरू हुए दिवाली त्यौहारों के सीजन में दिल्ली सहित देश भर के बाज़ारों में ग्राहकों की बड़ती संख्या को लेकर बड़ा उत्साह है और अब करवा चौथ के पर्व के बाद दिवाली की ख़रीदारी के लिए ग्राहक भी बाज़ारों का रुख़ करने लगे है। कनफ़ेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स ( कैट) द्वारा इस वर्ष के दिवाली सीजन में देश भर के बाज़ारों में 3.5 लाख करोड़ रुपये से ज़्यादा व्यापार होने का अनुमान लगाया गया है और अकेले झारखण्ड में ही इस सीजन में 5 हज़ार करोड़ रुपये से ज़्यादा व्यापार होने की संभावना जताई गई है।

कैट के राष्ट्रीय सचिव सुरेश सोन्थालिया ने बताया अगर ग्राहक भारत में बने उत्पादों से अपनी दिवाली रोशन करेंगे, परिवार की हर छोटी मोटी ज़रूरत स्थानीय उत्पादों से पूरी करेंगे तो दिवाली की जगमगाहट और जयदा बढ़ जाएगी, यही नहीं उन्हें बनाने वाले कारीगरों की ज़िन्दगी में भी नई रोशनी आएगी।
सोन्थालिया ने कहा कि हाल ही में केंद्र सरकार द्वारा कर्मियों के लिए बोनस की घोषणा एवं विभिन्न राज्य सरकारों द्वारा भी अपने कर्मियों को त्यौहारों का बोनस दिये जाने तथा प्राइवेट सेक्टर में भी अपने कर्मचारियों को दिवाली बोनस एवं अन्य इंसेंटिव दिये जाने से बाज़ार में त्यौहारों के सीजन में माँग में निश्चित रूप से वृद्धि होगी वहीं महीने के प्रारंभ में ही दिवाली एवं अन्य त्यौहारों के पड़ने से ग्राहकों की जेब में त्यौहार पर खर्च करने के लिए पर्याप्त मात्रा में धनराशि होगी जो ख़रीदी के ज़रिए बाज़ारों में आएगी और व्यापार एवं अर्थव्यवस्था में बड़े स्तर पर वित्तीय तरलता आएगी ।

कैट ने बताया कि एक मोटे अनुमान के अनुसार 3.5 लाख करोड़ के अनुमानित त्यौहारों के व्यापार में लगभग 13% खाद्य एवं किराना में, 9% ज्वेलरी में, 12% वस्त्र एवं गारमेंट, 4% ड्राई फ्रूट, मिठाई एवं नमकीन, 3% घर की साज सज्जा, 6% कास्मेटिक्स, 8% इलेक्ट्रॉनिक्स एवं मोबाइल, 3% पूजन सामग्री एवं पूजा वस्तुओं, 3% बर्तन तथा रसोई उपकरण, 2% कॉन्फ़ेक्शनरी एवं बेकरी, 8% गिफ्ट आइटम्स, 4% फ़र्निशिंग एवं फर्नीचर एवं शेष 20% ऑटोमोबाइल, हार्डवेयर, इलेक्ट्रिकल, खिलौने सहित अन्य अनेक वस्तुओं एवं सेवाओं पर ग्राहकों द्वारा खर्च किए जाने का अनुमान है। उन्होंने बताया कि पैकिंग क्षेत्र को भी दिवाली पर बड़ा व्यापार मिलेगा।

सोन्थालिया ने बताया कि दिवाली पर्व के सीजन की श्रृंखला में 5 नवम्बर को अहोई अष्टमी, 10 नवम्बर को धनतेरस, 12 नवंबर को दिवाली, 13 नवम्बर को गोवर्धन पूजा, 15 नवम्बर को भाई दूज, 17 नवम्बर को छठ पूजा तथा 23 नवम्बर को तुलसी विवाह के साथ दिवाली का त्यौहार सीजन समाप्त होगा। कुल मिलाकर झारखण्ड सहित देश भर के व्यापारियों को इस त्यौहारीं बिक्री से अच्छे व्यापार की बड़ी उम्मीदें हैं।

सोन्थालिया ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी द्वारा अपने पिछली मन की बात के ज़रिए देशवासियों से त्यौहारों पर लोकल बनी वस्तुएँ ख़रीदने का आह्वान किया गया था जिसका बड़ा प्रभाव पूरे देश में दिखाई दे रहा है एवं जिसको देखते हुए कैट ने देश भर के व्यापारी संगठनों से आग्रह किया है कि वो अपने शहर के स्थानीय निर्माताओं, कारीगरों एवं कलाकारों द्वारा बनाये गये उत्पादों को बाज़ार दिलाने में सहयोग करें और आत्मनिर्भर भारत की एक विशिष्ट झांकी दिवाली पर्व के ज़रिए देश एवं दुनिया को दिखाएं।
सोन्थालिया ने कहा की वोकल फार लोकल सिर्फ़ मिट्टी से निर्मित उत्पात्द तक सीमित न रहे बल्कि अपने देश की बनी हर वस्तुयें ख़रीदे।

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