चाईबासा । शिक्षा का अलख जगाने के ध्येय से डीएवी, सेंटर ऑफ एकेडमिक एक्सीलेंस, नई दिल्ली के तत्वधान में झारखंड ए जोन जमशेदपुर संभाग अंतर्गत विभिन्न छह स्कूलोंमें डीएवी गुवा,चिड़िया,नोआमुंडी,झींकपानी ,बहरागोड़ा एवं एन.आई.टी आदित्यपुर (जमशेदपुर) के 190 शिक्षकों की आयोजित तीन दिवसीय कैपेसिटी बिल्डिंग प्रोग्राम का समापन सोमबार 12 जून को संपन्न हुआ। बच्चों के विकाश के शिक्षण की चिंता से ओत – प्रोत सहायक रीजनल ऑफिसर श्री ओपी मिश्रा ने बताया कि वर्तमान में डीएवी सीएई भारत सरकार एवं शिक्षा मंत्रालय के सभी मापदंडों को पूरा करते हुए बच्चों को शिक्षा दे रही है ।नई शिक्षा नीति में आए बदलाव की चर्चा एवं योजना की जानकारी शिक्षकों को देना अनिवार्य है ।सहायक रीजनल ऑफिसर श्री ओपी मिश्रा ने शिक्षकों को संबोधित करते हुए कहा कि शिक्षक, शिक्षण संस्थान की महत्वपूर्ण कड़ी वह ताकत होते हैं । शिक्षकों को चाहिए कि बच्चों को उत्कृष्ट एवं ज्ञानवर्धक शिक्षा दें, ताकि आने वाले भविष्य के जीवन में वे शिक्षा देने वाले शिक्षकों को उनके शिक्षण के माध्यम से याद रख सकें ।उन्होंने कहा कि आयोजित प्रशिक्षण शिविर से मिली प्रशिक्षण का लाभ, शिक्षकों के माध्यम से बच्चों को मिलनी चाहिए। स्कूलों में बेहतर शिक्षण प्रक्रिया को क्रियान्वित कर पठन-पाठन सरल बनाने के कई सुझाव दिए गए । तीन दिवसीय शिक्षण जागरूकता कार्यक्रम में प्रायोगिक प्रशिक्षण, विभिन्न विषयों के सिलेबस परिवर्तन के साथ नई शिक्षा नीति में बदलाव की बहुत सारी जानकारी पर परिचर्चा की गई। परिणाम स्वरूप शिक्षा के बदलते स्वरूप को शिक्षक स्वाभाविक रुप से बच्चों के बीच नए सिरे से प्रायोगिक विधि से प्रस्तुत करने में कारगर हो सकेगे। सारे मास्टर ट्रेनर,प्रशिक्षिका व रिसोर्स पर्शन के द्वारा नई शिक्षा नीति के तहत विषयों को रोचक तरीके से पढ़ाने की विधि प्रस्तुत की गई | जिससे प्रशिक्षण ले रहे शिक्षकों में अपने विषयो के प्रति उत्साह देखा गया ।प्राचार्यों में डीएवी गुवा के प्राचार्य डॉ मनोज कुमार पांडेय, डीएवी चिरिया के प्राचार्य एस.के झा, डीएवी झींकपानी के प्राचार्य एस.के.पाठक, डीएवी बहरागोड़ा के प्राचार्य
अनूप कुमार खासतौर शामिल हो,शिक्षकों के प्रशिक्षण कार्यक्रम का मुआयना करते देखे गए। बीते दिनों के प्रशिक्षण शिविर में मास्टर ट्रेनर के अतिरिक्त रिसोर्स पर्सन एनआईटी प्रोफेसर के द्वारा भी शिक्षकों को प्रशिक्षण दिया गया ।शिक्षा में बच्चों को किस प्रकार प्रेरित कर कठिन से कठिन विषयों को सरल तरीके से पढ़ाया जाय,इस पर खास तौर से चर्चा की गई। ।विज्ञान के साथ-साथ अन्य विषयों की वर्गीकृत कक्षाएं मे भी प्रायोगिक प्रशिक्षण काफी कारगर एवं सराहनीय रहा । समापन कार्यक्रम मे धन्यवाद
झापन डीएवी बहरागोड़ा के प्राचार्य अनूप कुमार ने दी । उन्होने कार्यक्रम के माध्यम से सबो प्रेरणा ले बच्चों के भविष्य को उज्जवल करने के लिए दिशा निर्देश दिए। मौके पर सभी विद्यालय के विभिन्न विषयों के विषयावार प्रतिनिधि शिक्षकों में राजवीर सिंह, पंकज कुमार, अनन्त कुमार उपाध्याय, रौशन कुमारी ने अपने प्रशिक्षण अनुभव का सांझा किया। सबों कार्यक्रम को गौरवशाली व प्रेरणा स्त्रोत बताया ।कार्यक्रम के अन्त में शांति पाठ कर कार्यक्रम की समाप्ति की घोषणा की गई ।