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डीएमएफटी फंड का उपयोग, योजना का चयन, प्रत्यक्ष एवं अप्रत्यक्ष रूप से प्रभावित क्षेत्र एवं लोग, उच्च प्राथमिकता व अन्य प्राथमिकता वाले कार्य आदि की दी गई जानकारी

उपायुक्त की अध्यक्षता में हुई डीएमएफटी न्यास परिषद की बैठक आयोजित, सासंद जमशेदपुर, विधायक जुगसलाई एवं बहरागोड़ा, विधायक जमशेदपुर पूर्वी एवं जमशेदपुर पश्चिमी के विधायक प्रतिनिधि, मुखियागण, उप विकास आयुक्त, सिविल सर्जन, निदेशक एनईपी व अन्य संबंधित हुए शामिल


जमशेदपुर। टाउन हॉल, सिदगोड़ा में डीएमएफटी न्यास परिषद की बैठक जिला दण्डाधिकारी सह उपायुक्त श्री अनन्य मित्तल की अध्क्षता में आयोजित की गई। सासंद जमशेदपुर श्री विद्युत वरण महतो, विधायक जुगसलाई श्री मंगल कालिंदी एवं विधायक बहरागोड़ा श्री समीर मोहंती, विधायक जमशेदपुर पूर्वी एवं जमशेदपुर पश्चिमी के विधायक प्रतिनिधि, मुखियागण, उप विकास आयुक्त श्री अनिकेत सचान, सिविल सर्जन डॉ साहिर पाल, निदेशक एनईपी श्री संतोष गर्ग व अन्य संबंधित पदाधिकारी बैठक में मौजूद रहे। बैठक में बताया गया कि प्रधानमंत्री खनिज क्षेत्र कल्याण योजना के तहत प्रत्येक जिले में डीएमएफटी कोष का उपयोग खनन प्रभावित क्षेत्रों के विकास और विभिन्न कल्याणकारी योजनाओं के क्रियान्वयन के लिए किया जाता है।

बैठक में बताया गया कि जनवरी मध्य से फरवरी अबतक आयोजित विभिन्न ग्रामसभाओं से कुल 14169 योजनायें प्राप्त हुई हैं जिनमें 9675 योजनाओं का चयन प्राथमिकता के आधार पर अभी किया गया है। चयनित योजनाओं में पेयजल आपूर्ति से संबंधित 1206 योजना, पर्यावरण संरक्षण एवं प्रदूषण नियंत्रण उपाय संबंधी 3 योजना, स्वास्थ्य क्षेत्र से 300, शिक्षा से 1367, महिला एवं बाल कल्याण से जुड़ी 60 योजनाएं, कौशल विकास और आजीविका सृजन के 78, स्वच्छता से जुड़ी 866 योजनाएं, कृषि क्षेत्र के 80, आधारभूत संरचना के 4755, सिंचाई के 348, ऊर्जा एवं जलग्रहण विकास के 581 व अन्य 32 योजनायें शामिल हैं। इन योजना में उच्च प्राथमिकता के 3960 तथा अन्य प्राथमिकता की 5716 योजनायें है जिनमें प्रत्यक्ष रूप से खनन प्रभावित क्षेत्र के लिए 8438 और अप्रत्यक्ष प्रभावित क्षेत्र के लिए 1390 योजनायें शामिल हैं।

संवेदनशील होकर ग्राम सभा योजनाओं का चयन करे जिससे लोगों के जीवन स्तर में सुधार आए

जिला दण्डाधिकारी सह उपायुक्त द्वारा विस्तृत रूप से प्रधानमंत्री खनिज क्षेत्र कल्याण योजना पर प्रकाश डाला गया साथ ही डीएमएफटी फंड का उपयोग, ग्राम सभा के माध्यम से योजनाओं के चयन में प्राथमिकता तय करने, 70 फीसदी राशि का व्यय प्राथमिकता वाले कार्यों पर तथा 30 फीसदी राशि का व्यय अन्य प्राथमिकता वाले कार्यों पर करने की जानकारी दी । उन्होने बताया कि पेयजलापूर्ति, पर्यावरण संरक्षण एवं प्रदूषण नियंत्रण, स्वास्थ्य, शिक्षा, महिला एवं बाल कल्याण, कौशल विकास एवं आजीविका संवर्धन, स्वच्छता, आवास, कृषि, पशुपालन से जुड़ी योजनाएं उच्च प्राथमिकता वाले क्षेत्र में आते हैं वहीं अन्य प्राथमिकता वाले क्षेत्र में आधारभूत संरचना निर्माण, सिंचाई, ऊर्जा एवं वाटरशेड विकास व पर्यावरण गुणवत्ता बढ़ाने वाले अन्य उपाय शामिल हैं।

जिला दण्डाधिकारी सह उपायुक्त ने बताया कि आगामी मार्च माह में डीएमएफटी गाइडलाइन के अनुसार योजनाओं के चयन, क्रियान्वयन में सहूलियत के लिए सभी मुखियागण का विशेष प्रशिक्षण सत्र आयोजित किया जाएगा । योजनाओं के चयन से लेकर क्रियान्वयन तक तीन स्तर पर प्रक्रिया पूरी की जाती है जिसमें ग्राम सभा में योजना का चयन के पश्चात प्रबंधकीय समिति प्राथमिकता तय करती है वहीं न्यास परिषद की बैठक में योजनाओं को अनुमोदित किया जाता है। उन्होने कहा कि जिला प्रशासन खनन प्रभावित क्षेत्रों के लोगों के पुनर्वास और सामाजिक-आर्थिक विकास, पर्यावरण संरक्षण आदि के लिए पारदर्शिता पूर्ण कार्य करने के लिए कटिहबद्ध है, मुखियागण भी संवेदनशीलता से योजनाओं का चयन करें जिससे ग्राम पंचायतों के समग्र विकास पर फोकस किया जाए।

सासंद, जमशेदपुर श्री विद्युत वरण महतो ने कहा कि डीएमएफटी गाइडलाइन के अनुसार स्वास्थ्य, शिक्षा, आजीविका संवर्धन की योजनाओं को चयन में प्राथमिकता दें ताकि लोगों का जीवन स्तर में सुधार आ सके। उन्होने कहा कि चयनित योजनाओ को पांच वर्षों में क्रियान्वयन किया जाना है, आपके माध्यम से चयनित योजनाओं का प्रभावी क्रियान्वयन जिला प्रशासन द्वारा कराया जाएगा ।

विधायक, जुगसलाई श्री मंगल कालिंदी ने सभी मुखियागण से कहा कि डीएमएफटी से क्रियान्वित योजनाओं में गुणवत्ता सुनिश्चित करने के लिए सतत मॉनिटरिंग करें। ग्राम सभा के माध्यम से चयनित योजनाओं का दूरगामी परिणाम हो इस उद्देश्य का ध्यान रखें।

विधायक, बहरागोड़ा श्री समीर मोहंती ने कहा कि डीएमएफटी के माध्यम से योजनाओं के चयन एवं क्रियान्वयन में मुखियागण को उचित भागीदारी मिल रही है, इस भागीदारी को सार्थक बनायें। स्थानीय संसाधनों से कृषि संसाधन को समृद्ध करने, रोजगार सृजन तथा शिक्षा से संबंधित योजनाओं के चुनाव में प्राथमिकता देने की बात कही।

उप विकास आयुक्त ने कहा कि नाली-सड़क जैसी योजनाओं का क्रियान्वयन के लिए अन्य़ फंड उपलब्ध होते हैं, डीएमएफटी से ग्राम पंचायत के समग्र विकास, लोगों के रोजगार, कौशल विकास से जुड़ी योजनाओं पर फोकस करें जिसका लाभ पूरे समुदाय को मिले ।

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