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झारखंड के 980 यूनियर्नो का फिर से निबंधन की प्रक्रिया शुरू होगी : राकेश्वर पांडेय

जमशेदपुर। बिहार से वर्ष 2000 में अलग झारखंड राज्य बनने के बाद बिहार सरकार ने झारखंड के 980 यूनियनों का निबंधन को रद्द कर दिया था, कारण था की सरकार को वार्षिक रिटर्न नहीं मिल रहा था। अब फिर से निबंधन की प्रक्रिया फिर से शुरू की जाएगी। यह बातें तीनप्लेट वर्कर्स यूनियन सभागार में प्रेस वार्ता में झारखंड प्रदेश इंटक के अध्यक्ष राकेश्वर पांडेय ने कही। उन्होंने कहा कि बिहार सरकार द्वारा यूनियनों का निबंधन रद्द किए जाने के बाद वह लगातार प्रयास करते रहे लेकिन कोई सफलता नहीं मिली। यहां तक की झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से भी मिलकर इस मुद्दे को रखा लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ। इस संबंध में उन्होंने कहा कि वह सभी यूनियन के पदाधिकारियों को फिर से निबंधन की प्रक्रिया शुरू करने की बात कही है। श्री पांडे ने बताया कि झारखंड में 980 यूनियनों में 127 यूनियन इंटक की है। गंभीर आरोप लगाते हुए राकेश्वर पांडेय ने कहा की सरकार है मजदूरों के साथ अन्याय कर रही है। सरकार को गरीब और मजदूरों की कोई चिंता नहीं है, जबकि दुनिया का सारा निर्माण कार्य मजदूर ही करते हैं। उन्होंने कहा कि कई कंपनियों और निजी संस्थानों में मजदूरों को न्यूनतम मजदूरी भी नहीं मिल पाती है, जबकि उनकी मांग है कि कम से कम 25000 महीना हर मजदूर को वेतन मिले।
वहीं दूसरी ओर झारखंड के प्रदेश अध्यक्ष राकेश्वर पांडेय ने कहा कि प्रदेश में इंटक संगठन को मजबूत करना है। इसके लिए राज्य में जिला इकाई का गठन की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। अब तक 8 जिलों में अध्यक्षों की घोषणा कर दी गई है। अन्य बच्चे जिलों में भी जिला इकाई का गठन जल्द ही कर दिया जाएगा। उन्होंने यह भी कहा कि कोरोना को ध्यान में रखते हुए काम करना है। प्रेस वार्ता में इंटक के महेंद्र मिश्रा, विनोद राय राजीव और तीनप्लेट वर्कर्स यूनियन के कमेटी मेंबर उपस्थित थे। राकेश्वर पांडेय ने बताया कि जल्द ही झारखंड प्रदेश इंटक के नेतृत्व में राष्ट्रीय स्तर का सम्मेलन जमशेदपुर में कराया जाएगा जिस की तिथि अभी तय नहीं है।

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