जिस प्रकार अग्नि के स्पर्श से जलना निश्चित है, उसी प्रकार अनजाने या अनिच्छा से भगवान नाम लेने सभी पाप जलकर भस्म हो जाते हैं – युगल किशोर शास्त्री
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भारतीय कृष्णा भावनामृत संघ द्वारा श्री श्री जगन्नाथ महाप्रभु रथयात्रा महोत्सव के उपलक्ष में श्री राजस्थान भवन (मौसी बाड़ी) मानगो में साप्ताहिक श्रीमद् भागवत कथा के तीसरे दिन श्री धाम वृंदावन से पधारे हुए कथा व्यास पूज्य संत श्री युगल किशोर शास्त्री जी ने आज भगवान शिव और दक्ष प्रजापति का मनोमालिन्य, माता सती का अपने पिता के यज्ञ उत्सव में जाने की जिद करना, माता सती का अग्नि कुंड प्रवेश, वीरभद्र कृत, दक्ष यज्ञ विध्वंस और दक्ष वध, ध्रुव जी का वन गमन एवं भगवान का दर्शन, राजा वेन की कथा, महाराजा पृथु का आविर्भाव एवं राज्य अभिषेक, पंचम स्कंध में प्रियव्रत का चरित्र, जड़ भरत का चरित्र, अजामिल व्याख्यान, यमदूत को देखकर अजामिल के मुंह से अपने पुत्र का नाम नारायण नारायण और देवदूत द्वारा यमदूत को खदेड़ना, भगवान के नाम की महिमा, कैलाश जी का चरित्र, महाराज ध्रुव के चरित्र का वर्णन, प्रहलाद जी महाराज के चरित्र का वर्णन आदि कथाएं श्रोता गण को सुनाई गई l इसके साथ कथा व्यास जी ने अजामिल व्याख्यान में कहा कि अगर हम अपनी संतानों का नाम भगवान के नाम पर रखेंगे तो भले ही अपने हम संतान को बुलाएं पर वह भगवान का नाम का उच्चारण होते रहेगा और मृत्यु काल में जब जीव भय से ही अपने संतान को बुलाएगा तो वह भगवान के परमधाम को जाएगा l
इसके साथ में गुंडिचा मंदिर राजस्थान भवन में श्री जगन्नाथ महाप्रभु, बलभद्र महाप्रभु एवं माता सुभद्रा जी की सेवा निरंतर हो रही है l भगवान को तरह-तरह के पकवान भोग लगाए जा रहे हैं l विशेष रूप से श्रृंगार हो रहा है l
कल शनिवार को कथा का चतुर्थ दिन होगा जिसमें भगवान का जन्म और बाल लीलाओं का वर्णन होगा l इस उपलक्ष में श्री विग्रह का विशेष सिंगार होगा, जिसमें फूलों की पोशाक बनाई जाएगी l
भागवत कथा में कमेटी के सदस्यों के सदस्यों के साथ बड़ी संख्या में श्रद्धालु भक्तगणों ने कथा का रसास्वादन लिए l