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जमशेदपुर पूर्वी के विधायक सरयू राय का प्रेस, मीडिया और जनता के सामने खुला वक्तव्य

चोरों को सारे नज़र आते हैं चोर

जमशेदपुर। दो दिन पहले कतिपय न्युज पोर्टलों ने अपने समाचार बुलेटिनों के माध्यम से प्रसारित किया कि “सरयू राय की मुश्किलें बढ़ीं”उन्होंने प्रसारित किया कि राज्य सरकार के भ्रष्टाचार निरोधक ब्युरो (एसीबी) ने टेल्को, जमशेदपुर के किसी जी कुमार द्वारा लगाए गये भ्रष्टाचार के चार आरोपों को प्रथमदृष्ट्या सही मानकर सरयू राय के विरूद्ध निगरानी विभाग से प्राथमिक जाँच (पीई) करने की अनुमति माँगा है. तथ्यों की पड़ताल किए बिना प्रमुख अख़बारों ने भी यह खबर प्रकाशित कर दिया.

निगरानी विभाग से मैंने पता किया तो पता चला कि निगरानी विभाग में बड़ा बाबू रहे जमशेदपुर के एक भ्रष्टाचार समर्थक और रघुवर दास एवं हेमंत सरकार में समान रूप से भ्रष्टाचार का सिक्का चलाने वाले प्रेम प्रकाश के एजेंट ने यह झूठी खबर फैलाया है.

हुआ यूँ कि जिन अहंकारी ताक़तों को जमशेदपुर की जनता ने पिछले चुनाव में धूल चटा दिया उन्होंने टेल्को के किसी जी कुमार से वही आरोप निगरानी विभाग सहित दर्जनों जगहों पर भेजवाया जिसे वे जुलाई 2021 में राज्यपाल से मिलकर दे चुके थे. निगरानी विभाग ने ये आरोप एसीबी के पास भेज दिया. एसीबी ने गोपनीय जाँच में जी कुमार को बुलाकर पूछा. जी कुमार ने मेरे विरूद्ध दिये गए आरोप पत्र में सरकारी संचिकाओं की फ़ोटो कॉपियाँ दी.

इसपर एसीबी ने निगरानी विभाग को यही लिखा है कि जी कुमार ने संचिकाओं के जिन पन्नों की फ़ोटो कॉपियाँ दी हैं उनका मिलान मूल संचिकाओं से करने के लिए गोपनीय नहीं बल्कि खुली जाँच करनी होगी और संबंधित विभागों में निगरानी विभाग का आदेश लेकर जाना होगा. इसके लिए पीई करना होगा. यदि निगरानी विभाग चाहता है तो पीई दर्ज करने की अनुमति दे सकता है.

एसीबी और निगरानी विभाग के बीच हुए इसी पत्राचार को मंत्रिमंडल निगरानी विभाग में बड़ा बाबू रह चुके रघुवर दास जी के करीबी जमशेदपुर के एक चौधरी ने तिल का ताड़ बना दिया, मुझपर भ्रष्टाचार बम फोड़ दिया. प्रेस और मीडिया के सामने मसालेदार, चटपटी खबर बनाकर पेश कर दिया. इनके झाँसे में आकर प्रेस मीडिया ने इसे प्रमुखता से प्रसारित किया और हेडलाइन दिया कि सरयू राय की मुश्किलें बढ़ीं.

जमशेदपुर के दरबारियों ने इसपर प्रेस कांफ्रेंस कर दिया, मुझे जेल भिजवाने का बड़बोलापन करने लगे. शीशा के घर में रहने वाले दूसरे के घर पर पत्थर फेंकने लगे. जनता में भ्रम फैलाने लगे. जमशेदपुर के असामाजिक गिरोह इस मामले में एक प्लेटफ़ार्म पर आ गए.

लोग और मीडिया भ्रष्टाचारियों द्वारा फैलाए गए भ्रम का शिकार नहीं बने, भ्रम फैलाने वालों से सवाल पूछे, इनका षड्यंत्रकारी चेहरा बेनक़ाब करें. इसीलिए तथ्य सामने रख रहा हूँ.
⁃ सरयू राय

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