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ग्रामीणों ने तत्कालिक प्रभाव से स्नानघाट के लिए आरंभ की गई कार्य पर कार्यकारी एजेंसी को रोक लगाने का किया मांग

चाईबासा। चाईबासा सदर प्रखंड के आयता गांव में मौजा मुंडा रमेश हेंब्रम की अध्यक्षता में आज एक आवश्यक बैठक बुलाई गई। बैठक में मुख्य रूप से आयता गांव में जिला अनाबद्ध निधि के द्वारा कुजू नदी के तट पर स्वीकृत स्नानघाट योजना पर विचार विमर्श की गई। विदित हो उक्त निधि से 99.906 की प्राक्कलन राशि से आयता गांव के सीमाना कुजू नदी के किनारे ग्रामीण विकास विशेष प्रमंडल, पश्चिमी सिंहभूम चाईबासा के द्वारा स्नानाघाट की निर्माण करने का कार्यादेश प्रदान किया गया है। जबकि इस योजना को तथाकथित ग्रामसभा के द्वारा लिए जाने की संभावना है। यही वजह है इस योजना के बारे में पारंपरिक ग्रामसभा के अध्यक्ष यानी आयता मौजा मुंडा सहित ग्रामीणों को जानकारी नहीं है। इसीलिए ग्रामीण मुंडा और ग्रामीणों ने तत्कालिक प्रभाव से स्नानघाट के लिए आरंभ की गई कार्य पर कार्यकारी एजेंसी को रोक लगाने का निवेदन की गई है। इस योजना पर गंभीर पूर्वक विचार विमर्श करने के उपरांत ग्रामीणों ने गांव के पारंपरिक, सामाजिक, रूढ़ी या प्रथा ,मूल संस्कृति को अक्षुण रखने के लिए छह प्रस्ताव को ग्रामसभा में सर्व सहमति से पारित किया है। साथ ही जिस प्रकार उल्लेखित योजना को संशोधित कर जिला अनाबद्ध निधि से आयता गांव में ही खर्च करने का निर्णय लिया गया है। इसी प्रकार ग्रामसभा में भी सर्वसहमति से प्रस्ताव पारित किया गया कि आयता गांव के लिए अनाबद्ध योजना की निधि को आयता गांव में ही खर्च करने की मांग शामिल है। जिसके लिए जन उपयोगी निम्न कल्याणकारी योजना से सबंधित प्रस्ताव पारित किया गया। पहला प्रस्ताव में आयता के कुजू नदी के तट पर अवस्थित गोप,लोहार और पान तांती समुदाय के कब्रिस्तान की घेराबंदी और शेड का निर्माण किया जाय। दूसरा आयता गांव में जल नल कार्यक्रम के तहत घर घर नल से पेयजल आपूर्ति का कार्य सुनिश्चित किया जाय। तीसरा आयता गांव के खाता नंबर .128 और प्लॉट नंबर. 216 पर बहुद्देश्य सामुदायिक , मुंडा ,स्वास्थ्य उपकेंद्र भवन का निर्माण किया जाय। यह जमीन गांव के ग्रामीण मुंडा रमेश हेंब्रम ने गांव के सामुदायिक हित में निजी रैयती भूमि को दान देने के लिए ग्रामीणों के सामने ही ग्रामसभा में घोषणा किया है। चौथा आयता गांव की देसाउली का घेराबंदी किया जाय। पांचवा उत्क्रमित मध्य विद्यालय आयता में शिक्षकों की नियुक्ति डीएमएफटी से किया जाय। छटा आयता गांव में आंगनबाड़ी केंद्र भवन का निर्माण किया जाय। उक्त स्नानघाट के लिए की गई जिला अनाबद्ध निधि को संशोधित पून: संशोधित करते हुए ग्रामसभा द्वारा पारित योजनाओं में उस प्राक्कलित राशि को खर्च करना सुनिश्चित किया जाय। इन योजनाओं के क्रियान्वयन के लिए ग्रामसभा की ओर से कोई आपत्ति दर्ज नहीं करने का निर्णय ग्रामसभा में पारित किया गया है।
आयता गांव की ग्राम सभा के सदस्यों द्वारा मार्गदर्शन करने के लिए झारखंड पुनरूत्थान अभियान के मुख्य संयोजक सन्नी सिंकु,युवातुर्क नेता रियांस सामड,शैली शैलेंद्र सिंकु को आमंत्रित किया गया था।
मौके पर सन्नी सिंकु ने ग्रामसभा के महत्व पर प्रकाश डालते हुए कहा कि भारत का संविधान के अनुच्छेद 243 क के तहत ग्रामसभा, ग्राम स्तर पर ऐसी शक्तियों का प्रयोग और ऐसे कार्यों का पालन करने के लिए है, जो किसी विधानसभा द्वारा या विधि द्वारा उपबंधित किया गया हो। भले झारखंड में पेसा कानून को राज्य सरकार पारंपरिक,रूढ़ी या प्रथा के तहत स्थापित मानकी मुंडा स्वशासन प्रथा को नियमबद्ध कर लागू नहीं कर सकी हो। लेकिन कोल्हान पोड़ाहाट में गांव स्तर के ग्रामसभा में मुंडा को पदेन अध्यक्ष के रूप में अनौपारिक तौर पर स्वीकार किया गया है। इसीलिए कोल्हान पोड़ाहाट में पारंपरिक या तथाकथित ग्रामसभा के अध्यक्ष मुंडा ही है। और भारत का संविधान के अनुच्छेद 243 ख में ग्राम स्तर पर ग्राम सभा का प्रावधान किया गया है। जिस प्रावधान के तहत किसी भी राजस्व गांव में ग्राम सभा का गठन उस राजस्व गांव के साई या टोला में निवास करने वाले सभी समुदाय को मिलाकर किया जाएगा, जिनका नाम उस पंचायत के मतदाता सूची में पंजीकृत हो। वैसे वयस्क नागरिकों के समावेश से ग्रामसभा का गठन किया जाएगा,जिसमें सभी समुदाय के लोग शामिल होंगें और कम से कम तैंतीस प्रतिशत महिलाओं का भागीदारी आवश्यक होगा। और ऐसे पारंपरिक ग्रामसभा के द्वारा ही गांव में योजनाओं का चयन ,क्रियान्वयन,निगरानी और सामाजिक अंकेक्षण करने का भी अधिकार गांव के ग्राम सभा को ही है। युवा तुर्क नेता रियांस सामड ने युवाओं को जागरूक करते हुए कहा कि आज के युवा ही कल के भविष्य है। इसलिए हम युवाओं को सैद्धांतिक पढ़ाई के साथ ही साथ व्यवहारिक ज्ञान भी प्राप्त करने की अवश्यकता है। व्यवहारिक जीवन में व्यवहारिक ज्ञान ही काम आएगा। इसलिए युवाओं को ऐसे बैठक में शामिल होकर शिक्षाप्रद बातों को आत्मसात करने की जरूरत है। ग्रामसभा की बैठक में पूर्व सैनिक हरीश सामड,लालसिंह गुदुआ,शंकर कुदादा,साहेब सामड, राजेन देवगम,मनोज सामड, गुडु गोप,कालिया महाराणा,मंगल सिंह महाराणा,भगत पान,मोहन हेंब्रम, सामू देवगाम, दामु कुदादा, मानकी सामड,सोनाराम कूदादा, छोटा हेंब्रम,नारा कूदादा,मार्शल हेंब्रम,श्रीराम सामड, तुराम हेंब्रम, मोने कुदादा, सालुका देवगम,सिंघराय कूदादा, दुकू गोप, मधुसूदन गोप, चोंद्रो महाराणा,बुधराम गोप, सिदियु कूदा दा,धनु महाराणा,घसीराम महाराणा, कैरा गोप,महेश्वर कूदादा, होनबाबू कुदादा,मंगल सिंह गोप, सकरी गोप, सालूका सामड, मांडू गोप, गुल्टू महाराणा, बाजू,विजय हेंब्रम, तुराम देवगम और अन्य ग्रामीण उपस्थित थे।

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