कोल्हान में शुरू हुआ लोकतंत्र बचाओ यात्रा
चाईबासा। 2024 को लोकतंत्र बचाओ 2024 अभियान द्वारा कोल्हान के दो संसदीय क्षेत्र – सिंहभूम व खूंटी – के क्षेत्र में दो-दिवसीय “लोकतंत्र बचाओ (अबुआ झारखंड, अबुआ राज)” यात्रा शुरू किया गया। यह यात्रा 2024 लोकसभा चुनाव में झारखंड, देश, लोकतंत्र और संविधान को बचाने की जन संपर्क यात्रा है.आज यात्रा सदर, सराईकेला और चक्रधरपुर के विधान सभा क्षेत्रों के खुंटपानी, लोरदा, उलीगुटु, राजापारोम, नकटी समेत कई गावों में जन सभा करते हुए बुडीगोडा पहुंची। इस दौरान बाजारों और गावों में जन सभा किया गया, पर्चे बांटे एव पोस्टर चिपकाए गए। सभा में वक्ताओं ने कहा कि पिछले दस सालों में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में केंद्र की भाजपा सरकार ने आदिवासी, दलित, पिछड़े, अल्पसंख्यक, किसान, मज़दूर और महिलाओं के अधिकारों का घनघोर हनन किया है और जीवन की स्थिति को बदतर बना दिया है. दस सालों में आदिवासी-मूलवासियों एवं उनके जल, जंगल, ज़मीन और खनिज पर विशेष हमले हुए हैं. मोदी सरकार ने वन संरक्षण कानून में संशोधन कर वन अधिकार कानून के तहत मिले और मिलने वाले वनभूमि और संसाधनों पर ग्राम सभा के अधिकारों को छीनकर पूंजीपतियों को जंगल सौंपने का फैसला लिया है. भाजपा सरकार ने लैंड बैंक बनाकर ग्राम सभा की 22 लाख एकड़ सामुदायिक ज़मीन छीन ली. भूमि स्वामित्व कार्ड योजना के जरिये गाँव की सार्वजनिक भूमि को ग्रामीणों के नियंत्रण से छीनने की व पांचवी अनुसूची, CNT-SPT कानून और खूंटकट्टी व्यवस्था को खतम करने साजिश रची गयी है.
हाल में छत्तीसगढ़ में चुनाव जीतकर सरकार बनाते ही भाजपा ने अडानी के लिए आदिवासियों और उनके हसदेव अरण्य पर अर्धसैनिक बलों की फौज उतार दी है. सभा में लोगो ने कहा मोदी सरकार ने हर खाते में 15 लाख रु देने का और साल में 2 करोड़ नौकरी देने का वादा किया था। लेकिन जनता के साथ धोखा किया गया। मोदी सरकार पूंजीपतियों का अरबों लोन माफ करते रहती है लेकिन किसानों और मेहनतकश लोगों को कर्ज में डूबा से रही है। साथ ही, मनमाने ढंग से थोपी हुई नोटबंदी, लॉकडाउन, महंगाई, कम मजदूरी दर, कुपोषण, कमज़ोर शिक्षा और स्वास्थ्य व्यवस्था ने मेहनतकश जनता का जीना मुश्किल कर दिया है.लोकतंत्र बचाओ 2024 अभियान झारखंड के सभी लोकसभा क्षेत्रों में जन सभा, यात्रा आदि जन संपर्क कार्यक्रमों का आयोजन कर रही है। कोल्हान के यात्रा में आज अंबिका यादव, अजीत कांडेयांग, अशोक मुंडरी, जयकिशन गोडसोरा, मंथन, मनोज नायक, नारायण कांडेयांग, रमेश जेराई, रामचंद्र माझी, राजेश प्रधान, सकारी दोंगो, संदीप प्रधान, सिराज दत्ता, सुनील पूर्ति समेत कई वक्ताओं ने अपनी बात रखी।