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विधायक सरयू राय ने जयप्रकाश नारायण जयंती पर भ्रष्टाचार विरोधी प्रतिनिधि सम्मेलन में कई गंभीर मुद्दों को उठाया

जमशेदपुर/रांची। विधायक सरयू राय के नेतृत्व में ‘भ्रष्टाचार विरोधी प्रतिनिधि सम्मेलन’ का आयोजन लोकनायक जय प्रकाश नारायण की जयंती के उपलक्ष्य में रांची, धुर्वा स्थित गाला बैंक्वेट हॉल में किया गया। सम्मेलन की औपचारिक शुरुआत राष्ट्रगान तथा लोकनायक जय प्रकाश नारायण जी की प्रतिमा पर माल्यार्पण एवं पुष्प अर्पित कर किया गया. प्रतिभागियों को संबोधित करते हुए भ्रष्टाचार विरोधी प्रतिनिधि सम्मेलन के आयोजक सह सदस्य, झारखण्ड विधानसभा, श्री सरयू राय ने कहा कि एक समय ऐसा भी था जब वर्तमान से भी ज्यादा प्रचंड बहुमत से केंद्र में सरकार थी। उस वक्त सत्ता इतनी भ्रष्ट और निरंकुश हो गई थी कि सत्ता में बने रहने के लिए सरकार ने आपातकाल की घोषणा की और जनता की आवाज और अधिकारों को दबाया गया। तब व्यवस्था परिवर्तन के लिए जय प्रकाश नारायण ने हुंकार भरा और इस आंदोलन से सत्ता परिवर्तन हो गया।

श्री राय ने कहा कि वर्तमान में आपातकाल जैसी कठिन परिस्थिति तो नहीं है लेकिन आज व्यवस्था के शीर्ष पर आसीन अधिकार संपन्न लोक सेवकों की मानसिकता “भ्रष्टाचार करेंगे, कोई क्या कर लेगा” और यदि “भ्रष्टाचार दूर हो तो अपना अपना छोड़कर हो” की स्थिति में पहुँच गई है. इस बारे में सत्ता पक्ष और विपक्ष, शासक जनप्रतिनिधि और अफ़सर सभी की स्थिति एक समान है. इस समूह में से मुट्ठी भर लोगों ने निहित स्वार्थी गिरोह बना लिया है. जिसके सामने इनका बहुमत हताश, निराश, किंकर्तव्यविमूढ़ है. यह व्यवस्था के ध्वस्त होने का संकेत है. व्यवस्था की सड़ांध का सर्वाधिक प्रतिकुल प्रभाव समाज के मध्यम वर्ग एवं निम्न मध्यम वर्ग तथा युवा वर्ग के भविष्य पर पड़ रहा है. आज व्यवस्था को बदलने की आवश्यकता है। व्यवस्था ऐसी हो कि उसमें भ्रष्टाचार की गुंजाइश न हो। श्री राय ने कहा कि आज राज्य के विभिन्न क्षेत्रों से सैकड़ों लोग इस सम्मेलन में हिस्सा लेने के लिए आये हैं इसका अर्थ यह है आप सभी मानते हैं कि आज राज्य और देश मे भ्रष्टाचार एक बड़ा मुद्दा है।

श्री राय ने कहा कि प्रवर्तन निदेशालय जैसी संस्था जाँच के उपरांत न्यायालय में दोषियों को चिन्हित कर आरोप पत्र जमा कर देती है. सत्ता शीर्ष से जुड़े प्रशासनिक एवं ग़ैर प्रशासनिक अधिकारी एवं बिचैलिये गिरफ़्तार हो जाते हैं. मगर सत्ता शीर्ष के कान पर जूं नहीं रेंगता. गिट्टी घोटाला और मनरेगा घोटाला में वर्तमान सरकार के साथ साथ पूर्ववर्ती सरकार के कार्यकाल पर भी प्रमाण सहित ठोस आरोप सिद्ध कर प्रवर्तन निदेशालय ने न्यायालय में आरोप पत्र सुपुर्द किया है. इसी तरह मेनहर्ट, टाॅफी, टी-शर्ट एवं अन्य घोटालों में एंटी करप्शन ब्यूरो की जाँच में दोष सिद्ध हो जाने के बाद भी सरकार दोषियों पर कार्रवाई नहीं कर रही है. इस तरह के दर्जनों मुकदमें एसीबी की संचिकाओं में धूल फांक रहे हैं।

भ्रष्टाचार उन्मूलन के लिए पहला कानून 1948 में बना उसके बाद उसके बाद 1988 में इस कानून को और सख्त किया गया। परंतु फिर भी जिनके ऊपर हम भरोसा करते हैं जिनके ऊपर व्यवस्था बनाने और लागू करने की जिम्मेदारी होती है वही लोग अपने स्वार्थ के लिए भ्रष्टाचार में लिप्त हो जाते हैं और इसका प्रभाव सिस्टम के अंतिम छोर के अधिकारी और कर्मचारी पर भी रहता है। जे पी ने सम्पूर्ण क्रांति का आह्वान किया था इसके लिए निरंतरता और सतत क्रांति की बात कही थी। वर्तमान परिस्थिति में फिर से उनके आह्वान को पुरजोर तरीके से लागू करने की आवश्यकता महसूस हो रही है। जे पी तो एक ही है दूसरा जेपी तो नहीं हो सकता परंतु हम कम से कम इतना तो जरूर कर सकते हैं कि हम उनके बताये मार्ग पर चलकर भ्रष्टाचार की जड़ को हिला सकते हैं और उखाड़ फेंक सकते हैं।

विधायक श्री राय ने कहा कि आज देश का धन स्विस बैंक में जमा हो रहा है। स्विस बैंक ने खाताधारकों की एक और सूची जारी की है। सरकार को चाहिए कि उस सूची को सार्वजनिक कर दे ताकि लोग उनकी पहचान कर सके और निर्णय ले सकें। एक दिन के सम्मेलन से भ्रष्टाचार को तो खत्म नहीं किया जा सकता इसके लिए यहाँ इकट्ठे हुए लोगों को एक मुहिम चलना होगा ताकि पूरे राज्य में एक माहौल बने और इसकी चर्चा चौक चौराहों और टोला मोहल्लों में हो सके। *विधायक सरयू राय ने कहा कि आज सम्मेलन में झारखंड पुलिस अगेंस्ट करप्शन
का गठन किया गया है। इस प्लेटफार्म से जुड़कर संगठित होकर सप्ताह में एक दिन और एक घंटा भी समय इसके लिए दें और जागरूक रहें तो एक दिन ऐसा होगा जब भ्रष्टाचार जरूर जड़ से खत्म होगी। उन्होंने कहा कि आगे इसे विस्तार देते हुए प्रमंडलीय स्तर पर भ्रष्टाचार विरोधी प्रतिनिधि सम्मेलन का आयोजन किया जाएगा और जिला स्तर पर सम्मेलन आयोजन करने की योजना बनेगी।

प्रतिनिधि सम्मेलन के परिचर्चा सत्र में पूर्व सांसद सालखन मुर्मू, खादी ग्रामोद्योग बोर्ड के पूर्व अध्यक्ष जय नंदू जी, रविन्द्र चौबे, शारदा महेश प्रताप, पी एन सिंह, आर पी साही, रामनारायण शर्मा, सुबोध श्रीवास्तव, जमशेदपुर के जिला परिषद सदस्य कविता परमार, मुकेश पांडेय, रामेश्वर सिंह फौजी, इरफान खान, विजय सोनी, सत्येंद्र जी, विजय झा, केदार जी, दिलीप मिश्रा, सुबोध जायसवाल, बीरेंद्र सिंह, अशोक वर्मा सहित सम्मेलन में आये हुए विभिन्न प्रतिभागियों ने संबोधित कर भ्रष्टाचार उन्मूलन संबंधी संक्षिप्त सुझाव दिया।

मौके पर प्रचार समिति के संयोजक श्री मनोज सिंह ने बताया कि पूरे प्रदेश एवं देश के अन्य भागों से स्वेच्छा से प्रतिनिधि सम्मेलन में करीब 900 लोगों ने पंजीकरण कराया और राज्य के सभी विधानसभा के विभिन्न क्षेत्रों से जुड़े कार्यकर्ताओं ने अपनी उपस्थिति दर्ज करायी।

प्रतिनिधि सम्मेलन में निम्नलिखित प्रस्ताव को सर्व सहमति से पारित किया गया।
झारखंड में व्यवस्था परिवर्तन हेतु संगठित प्रयास समय की माँग है। व्यवस्था पर काबिज भ्रष्टाचार का उन्मूलन राज्य के त्वरित विकास के लिए निहायत जरूरी है। भ्रष्टाचार उन्मूलन जन दबाव, जन शिक्षण और जनान्दोलन के बिना संभव नहीं है। व्यवस्था की कमियों को उजागर करना और इसके खिलाफ आवाज बुलंद करना व्यवस्था में परिवर्तन की पहली शर्त है। व्यवस्था में परिवर्तन निरंतर चलने वाली प्रक्रिया है जिसे जेपी ने सतत क्रांति/संपूर्ण क्रांति कहा है। सत्ता का परिवर्तन व्यवस्था परिवर्तन का एक पड़ाव भर है. इस पड़ाव पर ठिठक जाने से व्यवस्था परिवर्तन की धार कुंद हो जाती है. सत्ता परिवर्तन के बाद भी व्यवस्था परिवर्तन का प्रयास जारी रखना होगा। एक ऐसी व्यवस्था बनाना जरूरी है ताकि शासन चाह कर भी भ्रष्टाचार करने का साहस नहीं कर सके. सरकार के नियमों में कारगर तकनीकी हस्तक्षेप से यह संभव है. उदाहरण स्वरूप
क) सरकारी विभागों में ई-फाइल की कार्य संस्कृति लागू की जाय. ऐसा होने संचिकाओं में हेराफेरी नहीं हो पाएगी.
ख) लोक निर्माण कार्य विभागों में शत प्रतिशत इ-टेंडरिंग लागू की जाए।
ग) भूमि रिकार्ड को पूर्णतः डिजिटाइज किया जाय और इ-रजिस्ट्री के साथ ही इ-म्युटेशन भी हो जाय। यदि भू-रिकार्ड का विवाद है तो वह भी इसमें परिलक्षित हो जाय.
घ) इस तरह की कार्य संस्कृति अपनाने से भ्रष्टाचार पर प्रभावी अंकुश लगेगा और भ्रष्टाचार करने वाला मानव जनित हस्तक्षेप समाप्त होगा।
8. काला धन पर नियंत्रण के बिना भ्रष्टाचार पर अंकुश लगाना संभव नहीं है. इसके लिए निम्नांकित कदम उठाना होगा
क) ₹100 से बड़े नोट बंद किये जायं.
ख) संपत्ति को आधार से लिंक किया जाय.
ग) बेनामी संपत्ति शत-प्रतिशत जब्त की जाय.
घ) ₹5000 से ऊपर कैश में लेनदेन बंद किया जाय.
च) ₹50,000 से ऊपर की लेन देन एवं बैंक निकासी में पैन कार्ड अनिवार्य किया जाय.
छ) नार्को पॉलीग्राफ ब्रेनमैपिंग कानून बनाया जाय.
ज) दोष सिद्ध भ्रष्टाचारियों को आजीवन कारावास तक की सजा का
कानून बनाया जाय.
झ) भ्रष्टाचार के मुकदमों के त्वरित निष्पादन के लिए फास्ट ट्रैक कोर्ट
बनायें जाय।
ट) भ्रष्टाचार के मुकदमों में न्यायालय एक समय सीमा के भीतर फैसला दें। सिटीजन चार्टर सभी सरकारी कार्यालयों के सामने लगाया जाय। सरकारी योजनाओं के क्रियान्वयन स्थल पर प्राक्कलित राशि, संवेदक का नाम और कार्य पूरा होने की अवधि का उल्लेख किया जाय।

प्रतिनिधि सम्मेलन का स्वागत भाषण श्री सुशील कुमार, संयोजक, स्वागत समिति, जय प्रकाश जी की जीवनी पर प्रकाश श्री अजय साह, सह संयोजक, स्वागत समिति, धन्यवाद ज्ञापन श्री धर्मेन्द्र तिवारी, संयोजक, तैयारी समिति तथा मंच संचालन श्री भारतेन्दु झा ने किया। प्रतिनिधि सम्मेलन के आयोजन को सफल बनाने में अशोक गोयल, वीरेन्द्र कुमार सिंह, मुकेश पाण्डेय, आशीष शीतल मुण्डा, अंशुल शरण, राजेश सिन्हा, रिकी केशरी, प्रतीक शर्मा, शिवानी लता, शिव शंकर ठाकुर, अविनाश कुमार, बाॅबी सिंह, अशोक ठाकुर, अमय विक्रम एवं अन्य की सक्रिय भूमिका रही।

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