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मोहरावादी पेयजल परियोजना की बदहाली के नए-नए पेच आए दिन खुल रहे हैं : सरयू राय

जमशेदपुर। मोहरदा पेयजल परियोजना की बदहाली के नये नये पेंच आये दिन खुल रहे हैं। दोपहर बाद पता चला कि बिरसानगर के जोन 7 में एक पानी टंकी विगत कई वर्षों से बंद है। 350 लाख गैलन क्षमता वाली इस टंकी में पानी नहीं जाता है। नतीजा है कि जिन इलाकों में पानी देने के लिये यह टंकी बनी है उन इलाकों में सीधे एस आर के मेन राइडिंग पाईप से पानी जा रहा है जिसके कारण जलापूर्ति में अक्सर बाधा आते रहती है।

शाम घटना स्थल पर गया तो सूचना सही पाई गई। पानी टंकी के चारों तरफ घना जंगल झाड़ खड़ा हो गया है. टंकी बड़ी है पर इसके उपर जाने के लिये एक पतली लोहा की सीढ़ी है जिसपर मुश्किल से एक आदमी चढ़ सकता है। टंकी की सफाई के लिये भी कोई व्यवस्था नहीं है. वहीं से मैंने जेएनएसी के विशेष पदाधिकारी को फोन किया. उन्होंने इस बारे में कोई जानकारी देने से अनभिज्ञता प्रकट किया और कहा कि इस बारे में वे जुस्को से पूछेंगे. फोन करने पर जुस्को के सक्षम अधिकारी ने बताया कि 2017 में जब मोहरदा पेयजल परियोजना को चलाने का भार जुस्को को मिला उसके पहले से यह पानी टंकी बंद है. इसकी चाभी भी जुस्को को आजतक नहीं मिली है. आश्चर्य है कि 2017 में तत्कालीन मुख्यमंत्री मोहरदा पेयजल परियोजना को चलाने के लिये जुस्को को जिम्मा देने का प्रस्ताव कैबिनेट में ले गये थे. सरकार में उच्चतम स्तर पर हुए इस निर्णय के क्रियान्वयन के बारे में किसी ने गंभीरता नहीं दिखाया। जुस्को को मोहरदा पेयजल परियोजना के परिचालन का जिम्मा सौंपते समय इस टंकी को जुस्को को नहीं सौंपने का कारण क्या है इसका खुलासा होना चाहिये. क्या यह टंकी जलापूर्ति का भार लेने में सक्षम नहीं है? क्या इसके निर्माण में कोई त्रुटि है? यह जाँच का विषय है।

फिलहाल मैंने जुस्को के सक्षम पदाधिकारी से कहा है कि वे टंकी का मुआयना कर इसकी सफाई करायें और इसे चालू करने का उपाय करें ताकि इससे घरों में पानी पहुँचे और दूसरी टंकियों पर से भार घंटे. उन्होंने मेरा आग्रह स्वीकार कर टंकी की सफाई करने और इसे चालू करने की कोशिश करेंगे और इसकी कमियों के बारे में बतायेंगे. जेएनएसी के विशेष पदाधिकारी से भी मैंने टंकी को साफ करना और चालू कराना सुनिश्चित करायें. यह शर्मिंदगी की बात है कि मोहरदा पेयजल परियोजना के घटिया निर्माण के कारण आज कई समस्यायें खड़ा हो रही हैं जिसका खामियाजा जनता को भुगतना पड़ रहा है।

मुझे उम्मीद है कि जुस्को और जेएनएसी मोहरदा परियोजना को चालू करने के बारे में सचेष्ट होंगी तथा अपनी जिम्मेदारी निभायेंगी और कमियों को चिन्हित कर इन्हें दूर करेंगी. 2017 में जुस्को-जेएनएसी- झारखंड सरकार के बीच मोहरदा परियोजना को संचालित करने के लिये हुए समझौता को लागू करने में रोज नए पेंच खड़ा हो रहे हैं. मेरे साथ मेरे जनसुविधा प्रतिनिधि हरे राम सिंह, मोहरदा पेयजल प्रतिनिधि अमर चंद्र झा और शंकर कर्मकार तथा खोखा गोराई आदि के अलावा बड़ी संख्या में स्थानीय नागरिक थे।

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