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एशिया के सबसे बड़े पर्व अलचेरिंगा में आरा के राष्ट्रीय कवि डॉ प्रेमसागर का हुआ पदार्पण

आरा शहर के जाने-माने कलमकार,राष्ट्रीय कवि डॉ प्रेमसागर पाण्डेय का अब एशिया के सबसे बड़े पर्व अलचेरिंगा में हो गया पदार्पण ।इसका शुभारंभ पटना के ख्यातिलब्ध संस्थान बिरला इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी से हुआ।जिसमें आरा के राष्ट्रीय कवि डॉ प्रेमसागर पाण्डेय को सम्मान पूर्वक आमंत्रित किया।कवि जी अपने काव्य-पाठ से लोगो को मंत्रमुग्ध कर दिया।जब कवि जी ने बात ये नही की बात नही,बात करने की अब बात नही,बात तो बहोत करनी है दिल की,लेकिन जो बात थी अब वो बात नही।पढ़ी तो मानो तालियों की कोलाहाल सी मंच गई।सबने खूब आनंद उठाया और साहित्य के माध्यम से जीवन को सही दिशा देने की इक्षा जाहिर की।कवि जी के बारे में बता दे कि कवि डॉ प्रेमसागर पाण्डेय भोजपुर जिले के शाहपुर प्रखंड के भीमपट्टी गाँव के रहने वाले हैं जिनका कर्मभूमि आरा मुख्यालय हैं।वर्तमान में कवि जी हिंदी साहित्य के सेवा सह समाजिक कार्यों में लिप्त हैं जिनके जीवन का उद्देश्य समाज को एक बेहतर मार्ग देना है और हर इंसान के अंदर इंसानियत को जिंदा करना हैं।ताकि समाज को एक प्यार के बन्धन में बाँध कर सुदृणित किया जा सके।कवि जी अब तक 20 से 21 राज्यो में काव्य-पाठ कर अपने शहर को गौरवपूर्ण स्थान पर स्थान्तरित कर रहे हैं।बता दे कि कवि जी अब देश से बाहर भी जाने वाले जैसी की पूर्व सूचना प्राप्त हुई।अगले महीने नेपाल में अपना काव्य-पाठ कर देश की शान बढ़ाएंगे।कवि जी कार्यो से परिवार सहित सामाजिक लोग बहोत खुश रहते हैं।जिनमे पिता भरत पाण्डेय,नितेश पाण्डेय, गुड्डू ओझा,हिराकान्त ओझा,विनीत सिंह,श्रेया, राजेश,शिवजीत,जितेन्द्र शुक्ल आदि

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