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इंटर महाविद्यालय कबड्डी खेल प्रतियोगिता में ग्रेजुएट महाविद्यालय को मिला पहला स्थान

जमशेदपुर: द ग्रैजुएट स्कूल कॉलेज फॉर वूमेन, जमशेदपुर इंटर स्तरीय महाविद्यालय कबड्डी खेल प्रतियोगिता में प्रथम स्थान प्राप्त किया. इस कार्यक्रम के मुख्य अतिथि कोल्हान विश्वविद्यालय, चाईबासा के प्रति कुलपति डॉ कामिनी कुमार थी. यह कार्यक्रम का आयोजन द ग्रैजुएट स्कूल कॉलेज फॉर वूमेन, जमशेदपुर ने मंगल सिंह अखाड़ा कदमा में किया था. कार्यक्रम का शुरुआत दीपिका कुजूर के नेतृत्व में एनसीसी कैडेट द्वारा मार्च- पास्ट करते हुए मंगल सिंह के प्रतिमा पर माल्यार्पण प्रति कुलपति, कोल्हन विश्वविद्यालय, चाईबासा के डॉ कामिनी कुमार, महाविद्यालय के प्राचा प्राचार्या डॉक्टर मुकुल खंडेलवाल, खेल प्रभारी डॉक्टर प्रणति प्रभा एकका ने किया. कार्यक्रम का शुरुआत जया शर्मा के नेतृत्व में बी एड के छात्राओं शेफाली, आशा, बिना, सोमा के द्वारा स्वागत गीत गाकर शुरू किया गया. इस कार्यक्रम को प्रति कुलपति डॉ कामिनी कुमार के द्वारा नारियल फोड़कर खेलों का शुरुआत किया गया. इस कार्यक्रम में डॉ मुकुल खंडेलवाल के द्वारा मुख्य अतिथि डॉ कामिनी कुमार को फूलों का पौधा तथा प्रतीक चिन्ह और शॉल से सम्मानित किया. इसके बाद सभी प्राचार्य को फूलों का पौधा तथा प्रतीक चिन्ह देकर सम्मानित किया. इस कबड्डी खेल प्रतियोगिता में घाटशिला कॉलेज, घाटशिला का तीसरा स्थान प्राप्त हुआ. जमशेदपुर कोऑपरेटिव कॉलेज, जमशेदपुर को द्वितीय स्थान प्राप्त हुआ. और द ग्रेजुएट स्कूल कॉलेज फॉर वूमेन, जमशेदपुर को प्रथम स्थान प्राप्त हुआ. सभी विजेताओं को मेडल, सर्टिफिकेट और ट्रॉफी से सम्मानित किया गया. कार्यक्रम के स्वागत भाषण संबोधन में डॉ मुकुल खंडेलवाल ने कहा कि मैं प्रति कुलपति डॉ कामिनी कुमार को तहे दिल से स्वागत करती हूं और इनका इस कार्यक्रम में आना मेरे सौभाग्य की बात है ! फिर उन्होंने कहा कि खेल को खेल की तरह खेलना चाहिए. खेल में जीतना बहुत बड़ी बात नहीं होती है, उस में भाग लेना बहुत बड़ा बात होता है. डॉ कामिनी कुमारी ने कहा कि कबड्डी खेल बहुत पुराना है और यह प्राचीन समय से लोकप्रिय भी है. कबड्डी खेल से खेलने से फेफड़े मजबूत होती है. इसलिए छात्रों को यह खेल अवश्य खेलना चाहिए. सभी छात्राओं को मेरी शुभकामनाएं हैं कि वह राष्ट्रीय, अंतरराष्ट्रीय तक इस खेल में अपने भागीदारी बढ़ाएं. मेरी शुभकामनाएं सभी के साथ है. उन्होंने यह भी कहा कि मैं शिक्षक, शिक्षिकाओं, कर्मचारियों एवं छात्र, छात्राओं के लिए 24 घंटे उपलब्ध रहती हूं ! कोई भी कभी भी हमें फोन कर अपनी समस्या बता सकता है. अगर मैं किसी कार्य में व्यस्त हूं, तो मैं अपना फोन नहीं उठा पाती हूं , लेकिन बाद में मैं रिवर्स कॉल जरूर करूंगी ! और आपकी समस्या का निदान जरूर करूंगी. इस कार्यक्रम में घाटशिला कॉलेज घाटशिला के प्राचार्य डॉ आर. के. चौधरी और हसन इमाम, खेल प्रभारी, टाटा स्टील, जमशेदपुर ने भी अपना विचार व्यक्त करते हुए कहा कि मैं हमेशा कोल्हान विश्वविद्यालय, चाईबासा के अंतर्गत आने वाले महाविद्यालयों के लिए हमेशा खड़ा रहता हूं और रहूंगा. करीम सिटी महाविद्यालय के प्राचार्य डॉक्टर मोहम्मद रियाज ने अपने संबोधन में कहा कि खेल अब पाठ्यक्रम का एक हिस्सा बन चुका है और यह छात्र, छात्राओं के लिए आवश्यक है. एलबीएसएम कॉलेज के प्राचार्य डॉ एके झा ने कहा कि कबड्डी खेल ग्रामीण क्षेत्रों में बहुत ही लोकप्रिय होता है. इस खेल को बढ़ावा देना चाहिए. जमशेदपुर कोऑपरेटिव कॉलेज, जमशेदपुर के प्राचार्य डॉ अमर कुमार सिंह ने कहा कि इंटर महाविद्यालय स्तर पर कोल्हान विश्वविद्यालय, चाईबासा द्वारा ज्यादा से ज्यादा खेलों का आयोजन होना चाहिए. इसके लिए सभी महाविद्यालयों के लिए कोऑपरेटिव कॉलेज के ग्राउंड उपलब्ध है. अगर वह चाहते हैं, तो एक आवेदन पत्र देकर उसका सदुपयोग कर सकते हैं. शहरों में कबड्डी के प्रति रुचि रखना बहुत बड़ी बात है. इंटर महाविद्यालय कबड्डी खेल प्रतियोगिता समापन समारोह के मुख्य अतिथि श्री रघुनाथ पांडे अपने संबोधन में कहा कि प्राचीन समय में ग्रामीण क्षेत्रों में कबड्डी बहुत ही लोकप्रिय हुआ करता था. लेकिन अब इसकी लोकप्रियता क्रिकेट खेल ने लिए ले लिया है. आज कल कबड्डी को बढ़ावा देने की जरूरत है. मंच का संचालन महाविद्यालय के प्राध्यापिका डॉ भारती कुमारी ने किया. इस अवसर पर खेल प्रभारी डॉक्टर प्रणति प्रभा एक्का, डॉ सुनीता बनकीरा, बी एड के विभागाध्यक्ष,डॉक्टर विशेश्वर यादव, डॉक्टर के. के. कमलेंद्र, जया शर्मा, दीपिका कुजुर, सुजीत महतो, सरिता, डॉक्टर श्वेता बागडे प्रियंका भगत जमशेदपुर कोऑपरेटिव कॉलेज के डॉक्टर भूषण कुमार सिंह, डॉक्टर दुर्गा ताम सोय,अमित जेना, बसंती सुरेन, फ्रांसिस, माधवी, दीनू , विद्युत उपस्थित थे ! इस कार्यक्रम में प्रियंका, मनीषा, नेहा, अनूपमा, लीजा, प्रिया, सोमा, वीणा, शेफाली, आशा के अलावा एनसीसी के छात्राओं का महत्वपूर्ण योगदान रहा !

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