विश्व पर्यावरण सप्ताह मना कर 30 मई से 7 जून तक आनंद मार्ग ने बांटा 6,000 पौधा : सुनील आनंद
जमशेदपुर: सोनारी कबीर मंदिर के पास, गदरा आनंद मार्ग जागृति एवं आनंद मार्ग के विश्वस्तरीय धर्म महा सम्मेलन स्थल परआनंद मार्ग यूनिवर्सल रिलीफ टीम ग्लोबल एवं प्रीवेंशन आफ क्रुएलिटी टू एनिमल्स एंड प्लांट्स जमशेदपुर कि ओर से 40 गांव के ग्रामीणों के बीच साड़ी धोती एवं उसके साथ लगभग 1,000 फलदार पौधे का वितरण किया गया। शहर के विभिन्न संगठनों एवं देहात क्षेत्र के ग्रामीणों के बीच पृथ्वी बचाओ सप्ताह के अंतिम दिन बाद आठवें दिन तक लगभग 6000 से भी ज्यादा फलदार एवं औषधीय उपयोग वाले पौधों का वितरण किया गया। जैसे आम, आंवला ,कटहल ,हर्रे, बहेरा, शीशम ,नीम ,महानीम सीता अशोक, अशोक ,सिंदूर, अनार, अमरूद ,जामुन ,करंज पीपल अन्य तरह के छोटे पौधे भी पर्यावरण दिवस के उपलक्ष में सात दिवसीय पर्यावरण सप्ताह पृथ्वी की गर्मी को कम करने के लिए पृथ्वी बचाओ सप्ताह मना कर अभी तक 6000 पौधों का वितरण किया गया।
मानगो नगर निगम के द्वारा आनंद मार्ग को एक प्रशस्ति पत्र भी दिया गया। सोनारी कबीर मंदिर के पास एवं गदरा आनंद मार्ग जागृति में प्रत्येक दिन सुबह 8बजे से 10 बजे तक बांटे गए पौधे
आनंद मार्ग यूनिवर्सल रिलीफ टीम ग्लोबल एवं प्रीवेंशन आफ क्रुएलिटी टू एनिमल्स एंड प्लांट्स जमशेदपुर की ओर से से पिछले 15 सालों से आज तक लगभग 1लाख 25 हजार से भी ज्यादा पौधा का निशुल्क वितरण किया जा चुका है।
आनंद मार्ग का कहना है कि जब तक हम पेड़ पौधों एवं जीव ,जंतु को अपने परिवार का सदस्य के रूप में स्वीकार नहीं किया करेंगे तब तक प्रकृति का कल्याण संभव नहीं है, इसलिए नव्य -मानवतावादी विचारधारा से समाज का कल्याण संभव है। नव्य मानवतावाद बताता है कि इस पृथ्वी पर मनुष्य ही नहीं अनेक प्रकार के पेड़ ,पौधे जीव जंतु इस पृथ्वी रूपी परिवार के सदस्य हैं। हम इस पृथ्वी के बुद्धिमान जीव होने के नाते हमारा कर्तव्य बनता है कि सभी को परिवार सदस्य के रूप में स्वीकार किया जाए। मनुष्य का परम आदर्श नव्य- मानवतावाद होना चाहिए तभी पृथ्वी का कल्याण संभव है।