वाह रे झारखंड सरकार, हिंदी को हटाकर ये तूने क्या किया:देवेन्द्र सिंह
जमशेदपुर। झारखंड नई नियुक्ति नियमावली से हिंदी भाषा को हटाकर उर्दू को लागू कर दिया। क्या स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता, परिवहन मंत्री चंपई सोरेन, मंत्री मिथिलेश ठाकुर, कांग्रेस एवं झारखंड मुक्ति मोर्चा के विधायक क्या बताएंगे कि उन्हें हिंदी भाषियों ने वोट देकर नहीं जिताया है ? यह बातें भाजपा के पूर्व जमशेदपुर महानगर अध्यक्ष देवेंद्र सिंह ने कही है उन्होंने कहा कि जनता को जवाब इन नेताओं को देना होगा? हिंदी और संस्कृत को नियुक्ति नियमावली से हटाना यह अपराध की श्रेणी में भी आता है, होना तो यह चाहिए था की हिंदी भी रहे, उर्दू भी रहे ,संस्कृत भी रहे, लेकिन झारखंड की यूपीए सरकार को 2 साल होने जा रहा है, एक नौकरी तो दिया नहीं ,लेकिन इस प्रकार के विवादास्पद अध्यादेश लाकर, भाषा के आधार पर लोगों को आपस में दंगा करा कर अपनी असफलता को छुपाने का प्रयास कर रही है। इस मुद्दे पर भाजपा चुप नहीं रहेगी ,जनता में जाकर हेमंत सरकार के खिलाफ जन आंदोलन खड़ा करेगी साथ ही अदालत का भी सरण लेगी।