माननीयों के लिए भव्य बंगला बनाना उचित तो फ़िर कैंसर अस्पताल से दिक्कत क्यों ? : कुणाल
जमशेदपुर। झारखंड सरकार का फ़ोकस सूबे के विकास से हटकर कॉरपोरेट से मुद्रा मोचन की ओर शिफ़्ट हो चुकी है। कथित तौर पर भारतीय जनता पार्टी ने सत्तारूढ़ यूपीए गठबंधन पार्टियों पर यह आरोप लगाते हुए बड़ा हमला बोला है। प्रदेश भाजपा के प्रवक्ता कुणाल षाड़ंगी ने स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता द्वारा राँची के सुकुरहुट्टू में टाटा ट्रस्ट के सौजन्य से 302 एकड़ की भूमि पर बन रहे विशाल कैंसर अस्पताल में अनावश्यक रोड़े अटकाने और विकास अवरुद्ध करने के मामले पर भी विरोध प्रकट किया। कहा कि सरकार का फ़ोकस विकास से भटककर कॉरपोरेट इकाईयों के भयादोहन और मुद्रा मोचन कि ओर शिफ़्ट हो चुकी है। इसकी कमान स्वयं अपनी अपनी पार्टियों के लिए सत्तारूढ़ पार्टियों के सीएम, मंत्री और उनके विधायक संभाल रहे है। कुणाल षाड़ंगी ने झारखंड सरकार को लगे हाथों नसीहत दिया कि जिस आक्रामकता से टाटा कंपनी को निशाने पर लेकर साजिशन विरोध हो कि जा रही है, उसी आक्रामक मंशा से सूबे का विकास क्यों नहीं किया जा रहा। रोजगार माँगने पर युवाओं पर लाठियाँ बरसाने वाली झारखंड सरकार आप अस्पताल जैसे अति महत्वपूर्ण संसाधन के निर्माण में भी बाधा डाल रही है। भाजपा प्रवक्ता ने सवाल उठाया कि 10 एकड़ में 11 मंत्रियों का बंगला बनना सही तो 23 एकड़ में 302 कैंसर मरीजों के लिए अस्पताल बनना कैसे गलत हो सकता है। कुणाल षाड़ंगी ने सुझाव दिया कि सरकार को पूर्वाग्रहऔर व्यक्तिगत कुंठा से ऊपर उठकर राज्यहित में बड़े निर्णय लेनी चाहिए। टाटा जैसे महान औद्योगिक घराने को परेशान करने की बजाये नीतिगत निर्णय लेनी चाहिए। कहा कि पिछली सरकार के माननीय मुख्यमंत्री रघुवर दास ने झारखंड वासियों को आयुष्मान बनाने की सोच के साथ टाटा ट्रस्ट से कैंसर अस्पताल स्थापित करने का आग्रह किया था, जिसके निमित्त मात्र 1 रुपये की टोकन राशि में 23 एकड़ भूमि 302 बेड के कैंसर अस्पताल के लिए मुहैया कराई गई थी। अब जब अगले दो महीनों के अंदर उस अस्पताल का उद्घाटन होना है, ऐसे में सरकार और स्वयं स्वास्थ्य मंत्री विकास को लटकाने, अटकाने और भटकाने पर आमादा है। भाजपा ने इसकी आलोचना करते हुए हर स्तर पर विरोध की चेतावनी दी है।