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भाजपा के टिकट के लिए मारामारी, सिंहभूम से गीता कोड़ा का टिकट मिलना तय

संतोष वर्मा
चाईबासा-लोकसभा चुनाव की तारीखों के एलान के लिए कुछ दिन का ही समय बचा हुआ. कुछ महीनों के बाद चुनाव भी हो जाएगा, ऐसे में अभी तक कही भी साफ नहीं हुआ है कि इंडिया या एनडीए में झारखंड की 14 लोकसभा सीट में आखिर कौन सा उम्मीदवार मैदान उतरेगा. इंडिया में सीट बंटवारे के लिए अभी किचकिच चल रही है, तो भाजपा में आखिर किस सीट पर कौन प्रत्य़ाशी ताल ठोकेंगे, इसे लेकर माथपच्ची जारी है.

गीता कोड़ा का टिकट तय !

कोल्हान में भाजपा ने तो बड़ा कारनाम किया और सैंधमारी करके कांग्रेस की गीता कोड़ा अपने पाले में करने में कामयाबी हासिल की. चाईबासा सांसद गीता कोड़ा कमल का फूल तो थाम ली है. ऐसे में तय है कि भाजपा की प्रत्याशी भी इस बर वही होगी, उनके नाम पर शायद ही कोई मुश्किल भाजपा आलाकमान को हो.
सवाल यहां है कि बाकी 13 लोकसभा सीट पर भाजपा का प्रत्याशी कौन-कौन होगा ? . क्या नये चेहरे भी दिखेंगे या फिर पुराने पर ही पार्टी दांव लगायेगी ?. चर्चा है कि भाजपा अपने गठबंधन साथी आजसू को एक टिकट देगी. ऐसे में 12 प्रत्याशियों की खोज अभी बाकी है.

उम्मीदवारों को लेकर मंथन

इसे लेकर ही दिल्ली में चुनाव प्रभारी लक्ष्मीकांत वाजपेयी के साथ बैठक की . जिसमे प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी, नेता विपक्ष अमर बाउरी, बिहार-झारखंड के क्षेत्रीय संगठन महामंत्री नगेन्द्र, झारखंड के संगठन महामंत्री कर्मवीर सिंह के साथ बैठक की . इसके बाद राष्ट्रीय मुख्यालय में राष्ट्रीय संगठन महामंत्री बीएल संतोष के साथ बैठक की .
इस मीटिंग में जानकारी के मुताबिक, चाईबासा सीट को छोड़ हर लोकसभा सीट पर तीन-तीन प्रत्याशियों को शॉर्ट लिस्ट किया गया है. बताया जा रहा है कि कुछ दिनों में भाजपा कुछ सीटों के उम्मीदवारों के नाम का एलान कर सकती है. चर्चाए ऐसी भी है कि आधा दर्जन सीटिंग एमपी के टिकट भी कट सकते हैं. बढ़ती उम्र ,पिछले प्रदर्शन, फीड बैक को भी पैमान माना जा रहा है. उम्र को आधार मानकर पलामू और धनबाद के मौजूदा एमपी का टिकट कट सकता है. इसके साथ ही बाकी सीटों पर सर्वे रिपोर्ट के आधार पर टिकट तय होगा.

सर्वे रिपोर्ट पर मिलेगा टिकट

भारतीय जनता पार्टी के टिकट हासिल करने की ख्वाहिश तो सभी को है. लंबे समय से लोग इसकी जुगत में कोशिशे तेज किए हुए है. लेकिन, हालिया पार्टी के रुख और गतिविधियों को देखे तो भाजपा किसी को भी टिकट दे सकती है. राजस्थान, छत्तीसगढ़ और मध्यप्रदेश के चुनाव में तो मुख्यमंत्री तक को भी बदल दिया गया. पार्टी नये चेहरे को मौका देने से पीछे नहीं हटती है. ऐसे में झारखंड लोकसभा चुनाव में जिस प्रत्याशी को भी भाजपा टिकट देखी, तो बहुत सोच-समझ के साथ सर्वे रिपोर्ट का ख्याल रखेगी. वैसे भी पीएम मोदी भी कार्यकर्ताओं को कह चुके है कि आगामी लोकसभा चुनाव के लिए भाजपा का प्रत्याशी कोई चेहरा नहीं बल्कि पार्टी का चिन्ह कमल फूल है.

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