प्रमंडलीय आयुक्त ने किया प्रमंडल स्तरीय एंटी ड्रग अवेयरनेस प्रोग्राम का शुभारंभ
सभी के सहयोग से ही रोका जा सकता है नशापान : मनोज कुमार
जमशेदपुर/चाईबासा: बुधवार को मांगीलाल रूंगटा प्लस टू उच्च विद्यालय चाईबासा में प्रमंडलीय आयुक्त सिंहभूम(कोल्हान) श्री मनोज कुमार की अगुवाई में प्रमंडल स्तरीय एंटी ड्रग अवेयरनेस प्रोग्राम का शुभारंभ दीप प्रज्वलित कर किया गया। मौके पर पुलिस उपमहानिरीक्षक सिंहभूम(कोल्हान) रेंज श्री अजय लिंडा, पुलिस अधीक्षक पश्चिम सिंहभूम श्री आशुतोष शेखर, सदर अनुमंडल पदाधिकारी श्री शशीन्र्द बड़ाईक, अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी सदर श्री दिलीप खलखो, सदर थाना प्रभारी श्री निरंजन तिवारी सहित विद्यालय की प्रधानाध्यापक, शिक्षकगण और विद्यालय के लगभग 800 छात्र-छात्राएं मौजूद रहे।
मौके पर प्रमंडलीय आयुक्त के द्वारा बच्चों को संबोधित करते हुए कहा गया कि आज के दौर में देश के युवाओं का आकर्षण नशा पान के प्रति बढ़ने के कई संगीन मामले प्रकाश में आए हैं। एक अध्ययन के अनुसार वर्ग 8 से 12 कक्षा तक के विद्यार्थी नशापान के प्रति शीघ्र आकर्षित होते हैं। जिसका एक प्रमुख कारण यह पाया गया है कि कक्षा में अध्ययनरत कोई विद्यार्थी किसी बाहर के व्यक्ति जो नशा से ग्रसित है, के संपर्क में आकर नशा करने लगता है और वह विद्यार्थी अपने आप को कक्षा में अध्ययनरत बच्चों से अलग और ज्यादा आकर्षित दिखाते हुए बाकी बच्चों को भी अपने साथ किसी प्रकार का नशा करने के लिए आकर्षित करता है। उन्होंने बताया कि शुरुआती दौर में ड्रग पेडलर के द्वारा युवा वर्ग के बच्चों को बेहद सस्ते और आकर्षक तरीके से ड्रग का आदत लगाया जाता है, तत्पश्चात जब वह युवा ड्रग का आदी हो जाता है फिर वह उससे अधिक राशि की मांग करता है या उससे गलत काम/अपराध करवाता है।
आयुक्त ने कहा कि नशा में डूबा युवक देश और समाज के लिए एक घातक समस्या है। उसे किसी भी कार्य मे मन नहीं लगता, उसका मन हमेशा बेचैन रहता हैं। न तो वे ठीक से पढ़ाई – लिखाई कर पाता है और ना ही किसी अच्छी नौकरी को प्राप्त कर सकता है। नशापान या ड्रग से ग्रसित लोगों में नींद ना आना, आंखें लाल होना/आंखों में सूजन, चिड़चिड़ापन, किसी कार्य में रुचि ना लेना, अकेले में रहना, बाहरी लोगों से कम मिलना, भूख कम लगना इत्यादि नशापान से ग्रसित लोगों की पहचान है।
प्रमंडलीय आयुक्त के द्वारा विद्यालय प्रबंधन को निर्देशित किया गया कि विद्यालय में विद्यालय स्तर पर और कक्षा स्तर पर एक एंबेसडर प्रतिनियुक्त किया जाए जिसका कार्य होगा स्कूल के बच्चों की गतिविधियों पर नजर रखना और बच्चों के व्यवहार पर भी नजर रखना। अगर उन्हें किसी बच्चे पर नशा पान से संबंधित कोई शक होता है तो वे इसकी सूचना विद्यालय प्रबंधन को देंगे और विद्यालय प्रबंधन संबंधित सूचना जिला प्रशासन को देंगे। बच्चों के अभिभावक को निर्देशित किया गया कि वे औचक बच्चों का स्कूल बैग चेक करेंगे और अगर बच्चे के व्यवहार में बदलाव होता है यथा अकेलापन, भूख ना लगना, चिड़चिड़ापन, किसी से बात ना करना, नींद ना आना इत्यादि कि भी सूचना वे प्रशासन को देगे। साथ ही साथ वे अपने बच्चे के व्यवहार के बारे में पेरेंट्स- टीचर मीटिंग में चर्चा करेंगे। आयुक्त के द्वारा स्कूल प्रबंधन को निर्देशित किया गया कि स्कूल में एंटी ड्रग पेंटिंग प्रतियोगिता, क्विज प्रतियोगिता, वाद -विवाद प्रतियोगिता, स्लोगन राइटिंग प्रतियोगिता साथ ही साथ स्लोगन के साथ प्रभात फेरी निकाकर बच्चों और आम लोगों में जागरूकता फैलाने हेतु निर्देशित किया गया बेहतरीन स्लोगन को प्रकाशित किए जा रहे एस०ओ० पी० में स्थान दिया जाएगा।
मौके पर पुलिस उपमहानिरीक्षक कोल्हान रेंज श्री अजय लिंडा के द्वारा बच्चों को संबोधित करते हुए कहा गया कि आज आपके स्कूल से ही पूरे कोल्हान क्षेत्र के लिए एंटी ड्रग अवेयरनेस प्रोग्राम की शुरुआत की जा रही हैं जिसमें हम सबको बढ़- चढ़कर हिस्सा लेना है और अपने प्रमंडल राज्य और देश को नशा मुक्त करना है। उन्होंने कहा कि नैतिक मूल्य से ही किसी की पहचान होती है जिसके लिए हमें नशे से दूर रहना होगा तब जाकर हमारे अंदर नैतिक मूल्य आ सकता है। नशा से ग्रसित व्यक्ति अपने ज्ञान इंद्रियों और अपने मस्तिष्क से नियंत्रण खो देता है। वैसे व्यक्ति में आत्मविश्वास की भी कमी होती है जिसका फायदा उठाकर ड्रग पेडलर संबंधित व्यक्ति से गलत काम या अपराध करवाते हैं। उन्होंने कहा कि अगर कोई बच्चा नशा से ग्रसित हो गया है तो उससे नफरत ना करें उसे बातचीत करें उसे समझाएं उसे एक अच्छा मौहोल दे और प्रशासन के सहयोग से उसका समुचित इलाज करते हुए उसे नशा से मुक्त करने में अपना सहयोग दें।